नाडा का 25 खिलाड़ियों को नोटिस

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने अपने राष्ट्रीय पंजीकृत परीक्षण पूल (एनआरटीपी) के करीब 25 खिलाड़ियों को नोटिस भेजा है। नाडा ने ट्वीट किया, ‘एनआरटीपी में शामिल सभी खिलाड़ियों को हर 3 महीने में अपने रहने के स्थान की जानकारी देना जरूरी होता है। जो ऐसा करने में विफल रहे, उन्हें नोटिस भेजा गया है। इनमें 3 नोटिस डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन से जुड़े हैं।’.......

डोपिंग आरोपों का हटा भार

नयी दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू के खिलाफ डोपिंग के आरोपों को नमूनों में एकरूपता नहीं पाये जाने के कारण खारिज कर दिया है। आईडब्ल्यूएफ ने यह फैसला विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के आधार पर किया। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चानू शुरू से ही खुद को निर्दोष बता रही थीं। अब उन्होंने कहा है कि आईडब्ल्यूएफ को उनसे माफी मांगनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए। चानू को आई.......

अंपायर से पूछा था, कोहली-रोहित को आउट कैसे करें

लंदन। विराट कोहली और रोहित शर्मा की जोड़ी जब लय में होती है तो विरोधी टीम का गेंदबाजी आक्रमण बेहद साधारण नजर आता है और ऐसे ही एक मौके पर आस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच इतने बेताब हो गए कि उन्होंने इन दोनों को आउट करने के लिए अंपायर से सलाह मांग ली थी। जिस अंपायर से सलाह मांगी गई वह इंगलैंड के माइकल गॉ थे और उन्होंने फिंच से कहा था कि इसका तरीको तुम्हें खुद ढूंढना होगा।.......

भारतीय खिलाड़ियों के कीर्तिमान

श्रीप्रकाश शुक्ला खेलना-कूदना हर जीव का शगल है। इसकी शुरुआत बचपन से ही हो जाती है। खेलों को कोई मनोरंजन के लिए खेलता है तो कोई इसे अपना करियर या यूं कहें हमसफर बना लेता है। हमारे मुल्क के कई जांबाज खिलाड़ियों ने भी यहां खेल संस्कृति न होने के बावजूद खेल.......

चोट के कारण रोजर फेडरर 2020 के बाकी सत्र से बाहर

अगले साल करेंगे वापसी, संन्यास की अटकलें भी हो सकती हैं तेज लंदन। दिग्गज टेनिस खिलाड़ी और 20 बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन रोजर फेडरर घुटने के ऑपरेशन के कारण इस साल किसी टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे, लेकिन उन्हें अगले साल सत्र के शुरू में वापसी की उम्मीद है। फेडरर ने फरवरी में अपने दायें घुटने का आपरेशन करवाया था, लेकिन यह पूरी तरह से सफल नहीं रहा और उन्हें कुछ महीनों बाद ही दोबारा ऑपरेशन करवाना पड़ा था। फेडरर ने बुधवार को टि्वटर पर .......

टेनिस में अगले साल सात जून की रैंकिंग मानक होगी

56 खिलाड़ियों को मिलेगा सीधा प्रवेश  लंदन। अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक की टेनिस स्पर्धाओं की प्रवेश सूची को अंतिम रूप देने के लिए सात जून 2021 की एटीपी और डब्ल्यूटीए रैंकिंग का इस्तेमाल करेगा। खिलाड़ियों की पात्रता के नियमों में हालांकि कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरुष और महिला वर्ग की एकल स्पर्धाओं में 64 खिलाड़ियों का ड्रॉ होगा, जिसमें 56 खिलाड़ियों को सात जून 20.......

संजीता चानू पर लगे डोपिंग आरोप खारिज किए

खिलाड़ी ने माफी मांगने और मुआवजा देने की मांग की नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने भारतीय भारोत्तोलक के संजीता चानू के खिलाफ लगाए गए डोपिंग के आरोपों को उनके नमूनों में एकरूपता नहीं पाए जाने के कारण खारिज कर दिया, जिसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी ने माफी मांगने और मुआवजा देने की मांग की। आईडब्ल्यूएफ ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के आधार पर यह .......

नवजात बच्ची को लेकर भटकता रहा फुटबॉलर, अस्पताल वालों ने नहीं किया भर्ती

कोलकाता के क्लब लाइबेरियन के लिए खेलने वाले फुटबालर अंशुमान क्रोमाह और उनकी पत्नी को अपनी नवजात बीमार बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि अधिकतर अस्पतालों ने यह कहते हुए उनकी बच्ची को भर्ती करने से मना कर दिया कि वे कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में व्यस्त हैं। क्रोमाह ने कहा कि उनकी बेटी बिंदु की हालत अब बेहतर है और बच्ची को पार्क स्ट्रीट अस्पताल .......

सिर्फ कागजों में होता खिलाड़ी बेटियों का प्रोत्साहन

जमीनी हकीकत से अनजान हैं आलाधिकारी श्रीप्रकाश शुक्ला समय तेजी से बदल रहा है लेकिन नारी शक्ति का तरफ नजर डालें तो उनकी प्रगति आज भी कछुआ चाल ही है। हमारी हुकूमतें बेटियों के प्रोत्साहन पर खर्च होने वाला पैसा सिर्फ कागजों पर जाया कर रही हैं। पिछले दो दशक में हर राज्य सरकार ने खेलों के बजट में बढ़ोत्तरी की है तो बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ पर अरबों रुपये खर्च कि.......

आप दूसरे सचिन या गावस्कर नहीं बना सकते

विराट कोहली से तुलना पर बोले जावेद मियांदाद नई दिल्ली। 1987 में जब सुनील गावस्कर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया तो एक फैन्स को लगा कि वह अपना रोल मॉड्ल खो देगा, अब उसे कौन प्रेरित करेगा। कुछ साल तक यह डर लोगों के बीच बना रहा, लेकिन इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने दो साल बाद 1989 में क्रिकेट में कदम रखा और देखते ही देखते उनकी उपस्थिति क्रिकेट जगत में महसूस की जाने लगा। 90 के दशक में उन्हें शानदार स्ट्रोक प्ले खेलने वाला.......