एशिया के नायाब तैराक मिहिर सेन

वकालत छोड़ बने थे तैराक 1958 में इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाले मिहिर सेन भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के पहले तैराक थे, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी। पेशे से वकील मिहिर ने सॉल्ट वाटर तैराकी में पांच महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बनाए थे। 16 नवंबर, 1930 को पश्चिम बंगाल में जन्मे मिहिर सेन ने ओडि़शा में कानून से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। आगे की पढ़ाई के लिए वह इंग्लैंड चले गए। वकालत के दौरान ही उन्हें इंग्लिश चैन.......

गोल-मशीन सुनील छेत्री का जलवा

करिश्माई फुटबॉलर सुनील छेत्री का शानदार प्रदर्शन बीते वर्ष भी जारी रहा लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम फीफा रैंकिंग में 11 पायदान लुढ़कने के अलावा विश्व कप क्वॉलिफायर और एशिया कप में शुरू में ही बाहर हो गयी। इस साल भारतीय फुटबॉल में कुछ दूरदर्शी फैसले हुए जिसमें अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने 12 सत्र पुरानी आई लीग (राष्ट्रीय फुटबॉल लीग के तौर पर 11 साल बाद) को घरेलू क्लब प्रतिस्पर्धा में दूसरे दर्जे की कर दिया। शीर्ष स्तर लुभावनी इंड.......

अब में सक्रिय राजनीति पर दूंगा ध्यानः विजेन्दर

राजनीति की रिंग में करियर की नई पारी का पदार्पण कर चुके बॉक्सर विजेंदर सिंह (Boxer Vijender Singh) पिछले पांच साल में पेशेवर मुक्केबाजी का कोई भी मुकाबला नहीं हारे और अब विश्व खिताब के साथ इस लय को कायम रखना चाहते हैं। भारत को मुक्केबाजी और विश्व चैम्पियनशिप में ओलंपिक का पहला पदक दिलाने वाले विजेंदर का पेशेवर सर्किट पर 12 . 0 का रिकॉर्ड है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने से कहा ,''अब मेरी सा.......

साल भर बोली महिला शक्ति की तूती

खेलपथ प्रतिनिधि जिद और जुनून से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। बस इरादे मजबूत होने चाहिए। मंजिलें खुद कदम चूमती हैं। फिर वह खेल का मैदान हो, अम्पायरिंग हो या फिर खेल संघ की जिम्मेदारी हो। पुरुषों का वर्चस्व तोड़ महिला खिलाड़ियों ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है। आओ जानें दुनिया की कुछ ऐसी ही महिला खिलाड़ियों को जिन्होंने वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय फलक पर नई बुलंदियों को चूमा।&n.......

पेस साल 2020 में टेनिस को कह देंगे अलविदा

नई दिल्ली। भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने संन्यास का संकेत कर दिया है। 46 वर्षीय पेस ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि 2020 उनके करियर का आखिरी साल होगा। इसके बाद वे टेनिस को अलविदा कह देंगे।  1996 ओलंपिक में एकल में पदक जीत चुके पेस ने सोशल मीडिया पर सभी को क्रिसमस की बधाई देते हुए अपने संन्यास की जानकारी दी। पेस की जहां तक बात है इस दिग्गज ने 18 युगल और मिश्रित ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने 54 ट्रॉफियां .......

कर्णम मल्लेश्वरी 55 गरीब बच्चों को दे रही हैं मुफ्त ट्रेनिंग

सरकार ने हाल ही अकादमी को की पांच करोड़ रुपये की मदद खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। एक सही खिलाड़ी जीवन भर खेल की बेहतरी के बारे में ही सोचता है। ओलम्पिक में देश की पहली महिला पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी भी उन्हीं में से एक हैं। कर्णम मल्लेश्वरी ने यमुनानगर में वेटलिफ्टिंग की अकादमी खोलने के लिए सिडनी ओलम्पिक में जीते गए पदक के बदले मिली राशि को ही दांव पर लगा दिया। इस अकादमी में अब गरीब बच्चों को मुफ्त में ट्रेनिंग दी जा रही है। मल्लेश्वर.......

टोक्यो ओलम्पिक तैयारियों में पड़ रहा खललः दुती चंद

'फ्रॉम द हर्ट' पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली| भारत की दिग्गज धावक दुती चंद ने कहा है कि उन्हें टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी करने में परेशानी आ रही है। दुती ने यह बात राष्ट्रीय राजधानी में इकरामा स्पोर्ट्स लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी किताब 'फ्रॉम द हर्ट' पर चर्चा के दौरान कही। यह इस लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा संस्करण हैं। दो दिन तक चले इस फेस्टिवल के पहले दिन दुती की किता.......

दद्दा ध्यान चंद को भारत रत्न दिलाने निकला जांबाज

हाथ में तिरंगा लेकर पैदल खरगोन से दिल्ली को निकले रिटायर्ड पुलिसकर्मी तारक कुमार  खेलपथ प्रतिनिधि खरगोन: हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद को भारत रत्न दिए जाने की मांग काफी समय से चल रही है। इसी को लेकर मध्य प्रदेश के खरगोन पुलिस विभाग से रिटायर हुए तारक कुमार प.......

मैरीकाम से भी आगे निकलीं कविता चहल

नौ नेशनल खिताब जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज श्रीप्रकाश शुक्ला रोहतक। कहते हैं यदि कुछ हासिल करने की इच्छा-शक्ति हो तो वह एक न एक दिन जरूर मिलती है। कविता चहल बेशक मैरीकाम जैसी ख्यातिनाम मुक्केबाज न हों लेकिन राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी में वह उनसे भी आगे हैं। 81 किलोग्राम भारवर्ग में अपने दमदार पंचों से वह एक-दो नहीं अब तक नौ बार राष्ट्रीय च.......

नीलू मिश्रा ने जो कहा सो कर दिखाया

मलेशिया में जीते दो पदक, नीलू के खाते में अब 74 अंतरराष्ट्रीय पदक महिला सशक्तीकरण का नायाब उदाहरण श्रीप्रकाश शुक्ला वाराणसी। उम्र सिर्फ एक संख्या है। यदि आप में जीत और कुछ करने की इच्छा-शक्ति हो तो कोई कार्य असम्भव नहीं है। 47 साल की उम्र में 74 अंतरराष्ट्रीय पदक जीतकर वाराणसी की नी.......