साल भर बोली महिला शक्ति की तूती

खेलपथ प्रतिनिधि
जिद और जुनून से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। बस इरादे मजबूत होने चाहिए। मंजिलें खुद कदम चूमती हैं। फिर वह खेल का मैदान हो, अम्पायरिंग हो या फिर खेल संघ की जिम्मेदारी हो। पुरुषों का वर्चस्व तोड़ महिला खिलाड़ियों ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है। आओ जानें दुनिया की कुछ ऐसी ही महिला खिलाड़ियों को जिन्होंने वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय फलक पर नई बुलंदियों को चूमा। 
शटलर सिंधु
शटलर पीवी सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय बैडमिंटन में एक और नया अध्याय जोड़ दिया। पिछले 42 वर्षों में जो कोई नहीं कर सका वह इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने कर दिखाया। वह विश्व चैंपियन बनने वाली देश की पहली शटलर बनीं। तीन साल पहले ओलंपिक में किसी भी खेल में रजत जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी बनी सिंधु ने फिर स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज करवा लिया। हालांकि वह लगातार दूसर साल कोई सुपर सीरीज खिताब नहीं जीत पाई। अब टोक्यो ओलंपिक में उनसे पदक का रंग सुनहरी करने की उम्मीद है।
रिंग की रानी
तीन बच्चों की मां और राज्यसभा की सांसद एमसी मैरीकॉम पर मुकाम हासिल किया जिसे शायद ही कोई कर पाए। छह बार की विश्व चैंपियन 35 वर्षीय मैरी इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में आठ पदकों (6स्वर्ण, 1 रजत, 1 कांस्य) के साथ रिंग की सबसे सफल मुक्केबाज हैं। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में क्यूबा के फेलिक्स सावोन के सर्वाधिक सात पदक के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
गोल्डन क्वीन
अमेरिका की जिम्नास्टिक क्वीन सिमोना बाइल्स ने छह साल में वह सब हासिल कर लिया जिसे खिलाड़ी ताउम्र नहीं पा सकते। वह विश्व चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा स्वर्ण और पदक (25 पदक, 19 स्वर्ण, 3 रजत, 3 कांस्य) जीतने वाली दुनिया की एकमात्र जिम्नास्ट हैं। अक्तूबर में जर्मनी में उन्होंने बेलारूस के विताली शेरबो (23 पदक, 12 स्वर्ण) का रिकॉर्ड तोड़ा। 22 साल की बाइल्स से अभी और पदकों की उम्मीद है। ओलंपिक में भी उनके नाम चार स्वर्ण सहित पांच पदक हैं।    
कमाल की पैरी
ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटर एलिस पैरी ने अंतरराष्ट्रीय टी-20 में ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे शायद ही कोई तोड़ पाए। वह टी-20 में 1000 रन और 100 से विकेट लेने वाली दुनिया की एकमात्र क्रिकेटर (महिला व पुरुष) हैं। उनके नाम 111मैचों में 1101 रन और 106 विकेट हैं। पुरुषों में बांग्लादेश के शाकिब अल हसन (1471 रन, 88 विकेट) उनका रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। हालांकि यह मुश्किल हैं। वहीं पाक के हरफनमौला शाहिद आफरीदी (1498 रन, 98 विकेट) पैरी के बाद दूसरे नंबर पर हैं।
बोल्ट से आगे निकली फेलिक्स
अमेरिका की एलिसन फेलिक्स ने दुनिया के सबसे तेज आदमी जमैका के उसैन बोल्ट (11 स्वर्ण) से विश्व के सबसे सफल धावक का तमगा छीन लिया। मां बनने के दस माह बाद सितंबर में ट्रैक पर उतरीं फेलिक्स ने विश्व चैंपियनशिप में अपना 12वां स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल की। फेलिक्स के नाम 13 स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य सहित 18 पदक हैं।
क्रिकेट में मिताली का राज
मिताली राज वनडे क्रिकेट में 200 या उससे अधिक वनडे खेलने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर बनीं। वह अब तक 209 मैच खेल चुकी हैं। इसमें उन्होंने 50.64 की औसत से 6888 रन बनाए हैं। इसमें सात शतक और 53 अर्द्धशतक हैं। वनडे में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी 37 वर्षीय मिताली के ही नाम है।
रूपा ने तोड़ा क्रिकेट संघों में पुरुषों का वर्चस्व
रूपा गुरुनाथ ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) का अध्यक्ष बनकर क्रिकेट संघों में चला आ रहे पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ा। बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बेटी रूप बीसीसीआई के किसी भी राज्य संघ की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला हैं।
पुरुषों के वनडे मैचों में महिला रेफरी लक्ष्मी
पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर जीएस लक्ष्मी विदेशों में पुरुषों के वन-डे मुकाबलों में रेफरिंग करने वाली दुनिया की पहली महिला रेफरी बनीं। उन्होंने यूएई में विश्व कप लीग के तीसरी सीरीज के दो मैचों में अंपायरिंग कर यह उपलब्धि हासिल की। यही नहीं 51 वर्षीय लक्ष्मी आईसीसी के अंतरराष्ट्रीय मैच रेफरी पैनल में शामिल होने वाली भी दुनिया की पहली महिला हैं।
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