गोल-मशीन सुनील छेत्री का जलवा

करिश्माई फुटबॉलर सुनील छेत्री का शानदार प्रदर्शन बीते वर्ष भी जारी रहा लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम फीफा रैंकिंग में 11 पायदान लुढ़कने के अलावा विश्व कप क्वॉलिफायर और एशिया कप में शुरू में ही बाहर हो गयी। इस साल भारतीय फुटबॉल में कुछ दूरदर्शी फैसले हुए जिसमें अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने 12 सत्र पुरानी आई लीग (राष्ट्रीय फुटबॉल लीग के तौर पर 11 साल बाद) को घरेलू क्लब प्रतिस्पर्धा में दूसरे दर्जे की कर दिया। शीर्ष स्तर लुभावनी इंडियन सुपर लीग ने ले लिया जो इसके काफी बाद में 2014 में शुरू हुई।
ज्यादातर क्लब लीग के स्तर को लेकर एक तरफ थे और महासंघ एक तरफ। लेकिन एआईएफएफ ने एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के हस्तक्षेप के बाद आईएसएल को शीर्ष स्तर की लीग के तौर पर मान्यता दी। आईएसएल जीतने वाली टीम को अब महाद्वीप की शीर्ष स्तर की एशियाई चैम्पियंस लीग में खेलने का मौका मिलेगा जबकि आई लीग विजेता दूसरे दर्जे के एएफसी कप में खेलेगी। सकारात्मक बात यह रही कि एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल की संचालन संस्था फीफा परिषद में चुने जाने वाले पहले भारतीय बने जो ऐतिहासिक रहा।
भारत को 2020 में फीफा महिला अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी अधिकार भी दिये गये। भारत ने साल की शुरुआत फीफा रैंकिंग में 97वें स्थान से की लेकिन दो जीत, चार ड्रॉ और सात हार से टीम वर्ष के अंत में 108वें स्थान पर खिसक गयी। हालांकि इन नतीजों से मौजूदा एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ 2022 विश्व कप क्वॉलिफायर मैच में ड्रा खेलना अच्छा रहा।
टीम को क्रोएशिया के इगोर स्टीमाक के रूप में बेहतरीन कोच मिला जो 1998 विश्व कप कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य थे। स्टीफन कांस्टेनटाइन के जनवरी में एशिया कप के बाद इस्तीफा देने के बाद उन्हें चुना गया।
कप्तान छेत्री (35 साल) पिछले दो वर्षों में अपनी सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खेल रहे हैं और उन्होंने भारत के लिए मैच खेलने के मामले में पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल करने वाले सक्रिय खिलाड़ियों की सूची में अर्जेंटीना के जादूगर लियोनल मेस्सी (70 गोल) को पछाड़ दिया और वह पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो (99) से पीछे दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 115 मैचों में 72 गोल दागे हैं।
कांस्टेनटाइन ने टीम में युवा खिलाड़ियों को शामिल किया और 40 से ज्यादा खिलाड़ियों ने अपने पदार्पण मैच खेले। उनके मार्गदर्शन में टीम संयुक्त अरब अमीरात में एशियाई कप के नाकआउट दौर क्वालीफिकेशन में जगह बनाने में मामूली अंतर से चूक गयी।
भारत ने थाईलैंड को पहले मैच में हराया लेकिन वह मेजबान संयुक्त अरब अमीरात से 0-2 और बहरीन से 0-1 से हारकर बाहर हो गयी। बहरीन के खिलाफ ड्रॉ भी भारत को नाकआउट तक पहुंचा सकता था जो इतिहास बन जाता। लेकिन टीम ने इंजुरी टाइम में पेनल्टी पर गोल गंवा दिया।
स्टिमक ने हालांकि खिलाड़ियों की खेलने की शैली में परिवर्तन किया लेकिन छह महीनो में टीम 10 मुकाबलों में से जून में किंग्स कप में मेजबान थाईलैंड के खिलाफ महज एक जीत दर्ज कर पायी। विश्व कप क्वॉलिफायर में कतर के खिलाफ ड्रॉ अच्छा रहा लेकिन कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ निराशाजनक रहा क्योंकि भारत ने निर्धारित समय से दो मिनट पहले ही गोल गंवाया।
दो हार और तीन ड्रॉ से भारत विश्व कप क्वॉलिफायर के अगले दौर में जगह बनाने से बाहर हो गया। हालांकि उन्हें अगले साल तीन और मैच खेलने हैं। घरेलू टूर्नामेंट में चेन्नई सिटी एफसी ने ईस्ट बंगाल को पछाड़ कर आई लीग खिताब हासिल किया। पदार्पण करने वाली रीयल कश्मीर लीग के अंत तक खिताब की दौड़ में रही लेकिन अंत में तीसरे स्थान पर रही।
बेंगलुरु एफसी ने आईएसएल खिताब जीता जो पिछले साल उप विजेता रहा था। वहीं 14 फरवरी को पुलवामा आंतकी हमले के कारण मिनरवा पंजाब और रीयल कश्मीर के बीच आई लीग मैच रद्द कर दिया गया था। एआईएफएफ ने छह आई लीग क्लबों (आइजोल एफसी, चर्चिल ब्रदर्स, नेरोका एफसी, गोकुलम केरला, मिनरवा पंजाब और ईस्ट बंगाल) पर सुपर लीग टूर्नामेंट का बहिष्कार करने के लिए काफी भारी जुर्माना लगाया।
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