नरेंद्र मोदी ने भारतीय एथलीटों से की मुलाकात खेलपथ संवाद नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो से लौटे ओलम्पियनों से राष्ट्रहित में 75 स्कूलों का दौरा मांगा है। पीएम ने अपने आवास पर खिलाड़ियों से कहा कि वह उनसे कुछ मांगना चाहते हैं। आजादी की 75वीं वर्षगांठ का मौका है। 15 अगस्त, 2023 में दो साल बचे हैं। इन दो वर्षों में एक-एक खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों का दौरा करे। अगर कोई स्कूल नहीं बुलाना चाहता है तो खुद पहल क.......
हजारों किलोमीटर दूर से मिल रही बधाइयां नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक 2020 में नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता। जहां एक ओर नीरज ने इतिहास रचा तो दूसरी ओर भारत में जश्न का माहौल बन गया, बने भी क्यों न, आखिर पहला गोल्ड जो आया। लेकिन क्या आपको पता है कि नीरज चोपड़ा के गोल्ड जीतने पर जर्मनी के एक छोटे से गांव में भी कुछ जश्न जैसा माहौल बन गया। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर नीरज का ये जर्मनी कनेक्शन क्या है?.......
बोले- जब से पदक जीता जेब में रखकर घूम रहा हूं खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक के पदक विजेताओं को दिल्ली के अशोका होटल में सोमवार को जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। सम्मान समारोह में खेल मंत्री ने उन्हें स्मृति चिह्न और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान 'खेलों के महाकुंभ' में कामयाबी की नई इबारत लिखने वाले नीरज चोपड़ा ने एक खुलासा किया। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद उन्हें दर्द हो रहा था, लेकिन ऐतिहासिक रिजल्.......
नीरज खुद सेना में राजपूताना राइफल्स में हैं सूबेदार खेलपथ संवाद पानीपत। जनवरी 1761, इतिहास के पन्नों में दर्ज पानीपत की तीसरी लड़ाई की गाथा। वीर मराठों ने हिंदुस्तान को गुलामी से बचाने के लिए पानीपत के मैदान पर अपना लहू बहाया। जंग नहीं जीत सके, पर अब्दाली भी दोबारा लौटकर नहीं आया। उन्हीं मराठा वंशज से खुद को जोड़ने वाले रोड़ समाज के नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलम्पिक में योद्धा की तरह भाले की नोक पर देश को स्वर्ण पदक जिता दिया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री .......
मणिपुर के सीएम ने कहा- अगर पीएम मोदी ने नहीं की होती मदद तो चानू नहीं जीत पाती पदक खेलपथ संवाद इंफाल। भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलम्पिक के दूसरे ही दिन रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने देश को पहला मेडल दिलाया था। चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग में कुल 202 किलोग्राम (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था। इस ऐतिहासिक जीत के बाद चानू की खूब तारीफ हुई। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक स.......
कोच पार्क ताइ सैंग भी खुश टोक्यो। टोक्यो ओलम्पिक में बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की स्टार शटलर वीपी सिंधू ने बयान दिया है। उनका कहना है कि फाइनल पॉइंट जीतने के बाद उनका दिमाग सचमुच ब्लैंक था। उनके मुताबिक, अंतिम समय में मैंने जो उपलब्धि हासिल की उसका कुछ क्षण तक मैंने अनुभव किया। सिंधू ओलम्पिक में बैडमिंटन स्पर्धा में लगातार दूसरा पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पीवी सिंध.......
पुणे। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर का बुधवार को निधन हो गया। वह 1956 में अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। नाटेकर 88 बरस के थे। अपने करियर में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले नाटेकर उम्र संबंधित बीमारियों से पीड़ित थे। उनके परिवार में बेटा गौरव और दो बेटियां हैं। गौरव ने बताया, ‘‘उनका घर में निधन हुआ और हम सभी उनके साथ थे। वह पिछले तीन महीने से बीमार थे।''.......
फोन कर दी भारतीय बिटिया को बधाई मीरा को जिंदगी भर नहीं भूलेगा पीएम का फोन, विश्वास नहीं हुआ था नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक से रजत पदक जीतने के बाद भारत लौटने पर दीवानेपन की हद तक मिल रहे प्यार और स्वागत समारोहों से मीराबाई चानू न तो परेशान और न हैरान हैं। हां, एक बात पर उन्हें अब तक विश्वास नहीं हो रहा है। पदक जीतने के बाद टोक्यो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधे उनके मोबाइल पर फोन आना मीरा के जीवन के सर्वश्रेष्ठ लम्हों में से एक ब.......
टोक्यो पर मुक्केबाज का आकलन नई दिल्ली। ओलम्पिक खेल अभी तक हमारे लिए मिले-जुले रहे। मीराबाई चानू के भारोत्तोलन में जीते गए रजत पदक ने पूरे देश को जश्न मनाने का मौका दिया। अन्य कई खेलों में निराशा भी हाथ लगी, लेकिन फिर हमने भारतीय हाकी टीम को आस्ट्रेलिया से मिली शिकस्त से वापसी करते हुए अपनी दूसरी जीत दर्ज करते भी देखा। जिस तरह लवलीना ने मंगलवार को जर्मनी की नेदिन एपेट्ज के खिलाफ 3-2 से जीत दर्ज की, उससे भी मैं काफी प्रभावित हुआ। .......
टोक्यो में मीरा करेगी कमाल खेलपथ संवाद नई दिल्ली। पहली कोई भी चीज हो वो बहुत खास होती है, फिर यह तो ओलम्पिक का पहला पदक था। मेरा ही नहीं देश की किसी महिला खिलाड़ी का भी। यह मेरे लिए तो खास है ही देश के लिए भी। सिडनी ओलम्पिक ( 2000) के बाद भारतीय महिलाएं ओलम्पिक में पदक के बारे में सोचने लगीं। इससे पहले कोई भी भारतीय महिला पदक के बारे में नहीं सोचती थी। सिडनी के बाद बेटियों ने न सिर्फ ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन किया बल्क.......