मीराबाई चानू के पदक में मोदीजी का योगदान

मणिपुर के सीएम ने कहा- अगर पीएम मोदी ने नहीं की होती मदद तो चानू नहीं जीत पाती पदक
खेलपथ संवाद
इंफाल।
भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलम्पिक के दूसरे ही दिन रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने देश को पहला मेडल दिलाया था। चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग में कुल 202 किलोग्राम (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था। इस ऐतिहासिक जीत के बाद चानू की खूब तारीफ हुई। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी ने चानू की तारीफ में कसीदे पढ़े। वहीं, मणिपुर की सरकार ने चानू को एक करोड़ रुपये का कैश अवार्ड भी दिया। पदक जीतने के कई दिन बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथोमबाम बिरेन सिंह ने एक खुलासा किया है।
सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीराबाई चानू को पदक जीतने में मदद की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें इलाज के लिए अमेरिका भेजा था। सीएम ने ट्वीट कर कहा, 'जब चानू ने मुझे इस बारे में बताया तो मैं हैरान रह गया था। उन्होंने बताया कि अगर पीएम ने उन्हें मांसपेशियों के ऑपरेशन और प्रैक्टिस के लिए अमेरिका नहीं भेजा होता तो वो ये पदक नहीं जीत पाती।'
सीएम ने कहा, 'चानू को बैक पेन था और इसकी खबर जब पीएम मोदी को मिली, इसके बाद पीएम ने खुद इलाज और ट्रेनिंग का खर्चा उठाते हुए चानू को अमेरिका भेजा। प्रधानमंत्री ने चानू के अलावा भी मणिपुर के एक और एथलीट की मदद की। फिलहाल मैं उसका नाम नहीं बताऊंगा।' सीएम बिरेन सिंह ने रजत पदक जीतने के लिए मीराबाई चानू को बधाई दी थी। सीएम ने कहा था, 'हम भारतीयों को आप पर गर्व है। मणिपुर राज्य के लोग 2020 टोक्यो ओलम्पिक में हमारे खिलाड़ियों के पदक जीतने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं।'
गौरतलब है कि पदक जीतने के बाद चानू ने पीएम को धन्यवाद कहा था। उन्होंने कहा था, 'मैं प्रधानमंत्री और खेल मंत्री को शुक्रिया बोलना चाहूंगी। उन्होंने मुझे बहुत कम समय में अभ्यास के लिए अमेरिका भेजा था। सभी तैयारियों को एक दिन में पूरा किया गया था। उनके कारण ही मुझे अच्छा प्रशिक्षण मिला और मैं पदक जीतने में सफल रही। 
वेटलिफ्टिंग में चानू पदक जीतने वाली भारत की दूसरी एथलीट हैं। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था। मीराबाई को पांच साल पहले रियो ओलम्पिक में भी पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह महिलाओं के 48 किलोग्राम भारवर्ग में उतना का वजन उठाने में सफल नहीं रही थीं। चानू विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण, राष्ट्रमंडल खेलों में (2014 में रजत और 2018 में स्वर्ण) दो पदक और एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
स्वदेश पहुंचकर चानू ने कहा
सबकी उम्मीदों का तनाव था लेकिन मन से काम किया
2016 में पदक चूकने के बाद काफी मेहनत की
ओलंपिक में पदक जीतना बहुत बड़ी चुनौती थी
पांच साल की मेहनत सफल होने पर बहुत खुशी हुई

रिलेटेड पोस्ट्स