स्पोर्ट्स जर्नलिज्म पर श्रीप्रकाश शुक्ला को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

इनकी पुस्तक भारतीय खिलाड़ी बेटियां राष्ट्रीय चर्चा में नई दिल्ली। खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले तीन दशक से सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे राष्ट्रीय खेल समीक्षक और वरिष्ठ पत्रकार श्रीप्रकाश शुक्ला को भारतीय खेल पुरस्कार चयन समिति द्वारा 20 अक्टूबर, रविवार को नई दिल्ली के भारतीय संविधान क्लब में ख्यातिनाम खेल शख्सियतों के बीच लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। श्री शुक्ला को यह अवार.......

महात्मा गांधी को था फुटबाल का जूनून

दक्षिण अफ्रीका में शुरू किए थे ये तीन क्लब महात्मा गांधी को दुनिया उनके सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के लिए जानती है। गांधी, जिन्हें हम प्यार से बापू बुलाते हैं, ने भारत को अंग्रेजों की बेड़ियों से आजाद कराने का महान काम अपने हाथों में लेने से पहले अच्छा-खासा समय दक्षिण अफ्रीका में बिताया था। दक्षिण अफ्रीका में ही गांधी के साथ अंतिम सांस तक रहने वाले सिद्धांतों की नींव पड़ी।  .......

कामयाबी के शिखर पर पंकज आडवाणी

22 बार जीता विश्व खिताब भारत के स्टार क्यूइस्ट पंकज आडवाणी पिछले छह साल में पांचवीं बार विश्व बिलियर्ड्स चैंपियन बने, चौथी बार लगातार। कुल मिलाकर 22 बार विश्व खिताब जीता है। मगर उनकी इस बड़ी कामयाबी की चर्चा वैसे नहीं हुई जैसे क्रिकेट के खिलाड़ियों की सफलता पर होती है। वैसा पैसा भी नहीं बरसा जैसा अन्य खेलों के खिलाड़ियों के ल.......

बी. अनुषा को क्रिकेट से मिली पहचान

बाल विवाह का किया था विरोध उस समय मैं 10वीं में पढ़ रही थी, जब आसपास के लोगों की बातों में आकर मेरे पिता ने मेरी शादी 26 वर्ष के लड़के के साथ तय कर दी। उस समय मैं घरवालों के खिलाफ कुछ बोल नहीं पाई। हालांकि मैं अपने खेल को आगे बढ़ाना चाहती थी, पर शादी तय हो जाने के बाद मुझे लगने लगा कि अब सब कुछ खत्म हो गया है। मुझे बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। फिर मैंने किसी के कहने पर एक एनजीओ से मदद मांगी। शादी से ठीक दस दिन पहले चाइल्ड लाइन और पुलिस ने मुझे बाल विवाह के च.......

पिता के पदचिह्नों पर चलने वाला नायाब बेटा अशोक कुमार

अपने शानदार गोलों से भारत को बनाया चैम्पियन खेलपथ प्रतिनिधि ग्वालियर। कुछ नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज तो होते हैं लेकिन आने वाली पीढ़ियां उन्हें याद नहीं रखतीं। लेकिन जो उन्होंने कर दिया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। मेजर ध्यानचंद का नाम भला कौन नहीं जानता। हां वही ध्यानचंद जिन्हें हिटलर ने जर्मनी की तरफ से खेलने का ऑफर दिया था, वही ध्यानचंद जिनकी हॉकी तोड़कर ये देखा गया था कि कहीं इनकी हॉकी में चुम्बक तो नहीं लगी, क्या कार.......

मानसी के जज्बे से दिव्यांगता पराजित

पी.वी. सिंधु की अप्रत्याशित कामयाबी से ठीक एक दिन पहले स्विट‍्ज़रलैंड के बासेल शहर में ही विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप की महिला एकल स्पर्धा में भारत की मानसी जोशी ने स्वर्ण पदक जीता। उसकी इस बड़ी कामयाबी की चर्चा मीडिया में वैसे नहीं हुई जैसी पीवी सिंधु के स्वर्ण पदक की हुई। मानसी वर्ष 2011 में एक ट्रक की चपेट में आकर अपना एक पांव गवां बैठी थी। बड़ी सर्जरी के बाद उसका एक पैर काटना पड़ा था। करीब दो माह अस्पताल में रहने क.......

जब अंजू बॉबी जॉर्ज ने अपनी 'आदर्श' को पीछे छोड़ा

कभी हार न मानने वाली एथलीट खेलपथ प्रतिनिधि अंजू बॉबी जॉर्ज भारत की सबसे सम्मानित एथलीटों में से एक हैं। उन्होंने भारत को एक ऐसी उपलब्धि दिलाई, जो अब तक देश की कोई अन्य एथलीट नहीं दिला सकी। जूनियर स्तर पर हिमा ने जरूर कौशल दिखाया है। अंजू जॉर्ज ने ही भारत को एथलेटिक्स में पहला अंतर्राष्ट्रीय मेडल दिलाया। लांग जंपर अंजू ने 2003 में पेरिस में हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। तब उन्होंने 6.70 मीटर की कूद लगाई थी। .......

अपनी हार को हौसला बना गोमती ने जीता गोल्ड मेडल

मैरी फ्रांसिस का मेरे जीवन में अहम रोल खेलपथ प्रतिनिधि चेन्नई।  आज के समय में  परेशानियों से उबरना बहुत कठिन है लेकिन बेहद तंगहाली में जीवन बसर करने वाली तमिलनाडु की गोमती मरिमुथु ने अपने हौसले और जुनून से एशियन एथलेटिक्स की 800 मीटर दौड़ में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा की शानदार बानगी पेश कर दी। अब गोमती का सपऩा टोक्यो ओलम्पिक खेलना है। गोमती मैरी फ्रांसिस की शुक्रगुजार हैं जिन्होंने मुसीबत के दिनो.......

पारुल और मानसी देश की शान

पैरा खिलाड़ियों को भी मिलें आम खिलाड़ी जैसी सुविधाएं अहमदाबाद। आजकल भारत की दो बेटियों की ही चर्चा हो रही है। एक पीवी सिन्धू और दूसरी मानसी जोशी। चर्चा की वजह इन शटलरों का विश्व चैम्पियन बनना है। गुजरात की रहने वाली मानसी जोशी ने महिला एकल में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। 30 साल की इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर मानसी जोशी ने एक सड़क हादसे में अपना एक पैर खो दिया, लेकिन मानसी का जज्बा कम नहीं हुआ। अपने घर अहमदाबाद लौटी मानसी का गुजरात स्पोर्ट्स .......