ईडन गार्डन्स का एक स्टैंड झूलन के नाम होगा

25 साल पहले स्टेडियम में वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान बॉल गर्ल थी  खेलपथ संवाद कोलकाता। चकदा एक्सप्रेस के नाम से मशहूर झूलन गोस्वामी ने शनिवार को क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में संन्यास ले लिया। अब उनका नाम एक और ऐतिहासिक स्टेडियम से जुड़ने जा रहा है। उनके नाम पर ईडन गार्डन्स स्टेडियम के एक स्टैंड का नाम रखा जाएगा। सीएबी के अध्यक्ष अभिषेक डालमिया ने कहा- 'हम ईडन गार्डन्स के एक स्टैंड का नाम झूलन गोस्वामी के नाम .......

सुधा सिंह ने ट्रैक को कहा अलविदा

मुंबई मैराथन और इंदिरा मैराथन में हिस्सा लेगी रायबरेली एक्सप्रेस सुधा ने पांच बार जीती है मुंबई मैराथन खेलपथ संवाद रायबरेली। देश को एशियाई खेलों में 3000 मीटर स्टीपलचेज का स्वर्ण और रजत पदक दिलाने वाली एथलीट रायबरेली एक्सप्रेस सुधा सिंह ने ट्रैक को अलविदा कह दिया है। सुधा ने यह फैसला बीते माह साई बैंगलुरु में राष्ट्रीय शिविर में रहने के दौरान लिया, जिसे अब उन्होंने सार्वजनिक कर दिया है। सुधा का कहना है कि वह अब ट्रैक पर.......

हम खिलाड़ी हैं, रोबोट नहीं: विनेश

सोशल मीडिया पर हुई आलोचना का दिया जवाब खेलपथ संवाद नई दिल्ली। विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के बाद सोशल मीडिया पर हुई आलोचना को निराशाजनक करार देते हुए भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि खिलाड़ी रोबोट नहीं होते। विनेश ने इसके साथ ही साथी खिलाड़ियों से मेहनत जारी रखने को कहा ताकि इस तरह की आलोचना की संस्कृति को खत्म किया जा सके। विनेश ने बेलग्रेड में पिछले सप्ताह 53 किलोग्राम भार व.......

रोजर फेडरर हैं चैम्पियन के चैम्पियन

फेडरर के संन्यास पर भावुक हुए तेंदुलकर कहा- आदतें कभी नहीं छूटतीं, सभी अद्भुत यादों के लिए धन्यवाद लंदन। 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर के संन्यास के ऐलान ने दुनिया भर में फैन्स को चौंका कर रख दिया। उनके इस फैसले से फैन्स निराश हैं। फेडरर अगले हफ्ते होने वाले रोड लेवर कप में आखिरी बार टेनिस कोर्ट में दिखेंगे। फेडरर आखिरी बार पिछले साल जुलाई में विम्बलडन में खेले थे। उस टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में उन्हें पोलैंड के हुबर्.......

नहीं रहे डेविस कप के पूर्व कप्तान नरेश कुमार

देश ने टेनिस के महासंरक्षक को खोया खेलपथ संवाद कोलकाता। डेविस कप के कप्तान और लिएंडर पेस के मेंटर रहे पूर्व टेनिस खिलाड़ी नरेश कुमार का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी सुनीता, पुत्र अर्जुन और दो बेटियां गीता और प्रीआह हैं। वे पिछले हफ्ते से उम्र से संबंधित परेशानियों से जूझ रहे थे। नरेश कुमार की कप्तानी में डेविस कप में पदार्पण करने वाले जयदीप मुखर्जी ने कहा- आज हमने महान संरक्षक को खो दिया है। नरेश कुमार.......

जुनून और जिन्दादिली की मिसाल है भुवनेश्वर कुमार

क्रिकेट की तीनों शैलियों में अपने पहले शिकार क्लीन बोल्ड किए खेलपथ संवाद नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पहली बार शून्य पर आउट करने वाले, क्रिकेट की तीनों शैलियों में अपने पहले शिकार को क्लीन बोल्ड करने वाले और तीनों शैलियों में पांच-पांच विकेट लेने का कारनामा करने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार सिंह ने हाल ही में एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में केवल चार ओवर में पांच विकेट लेकर ट.......

पिता के जुनून ने बेटी को बनाया विश्व प्रसिद्ध पहलवान

पिता और पुत्री दोनों अर्जुन अवार्डी -अर्जुन अवार्डी कोच कृपाशंकर बिश्नोई की कलम से- नई दिल्ली। पहलवान जगरूप सिंह राठी, एक ऐसे पिता के संघर्ष की कहानी, जिन्होंने अपनी बेटी की खातिर समाज के लोगों के ताने झेले। हर मोड़ पर बेटी के साथ खड़े रहे। खुद ही बेटी के ट्रेनिंग पार्टनर बने और उसे बुलंदियों तक पहुंचाया। यह कहना गलत नहीं होगा की महावीर फोगाट के जीवन पर आधारित फिल्म दंगल, जगरूप राठी के जीवन से बिल्कुल मेल खाती है।  पहलवान ज.......

दद्दा ध्यानचंद को अभ्यास मैच में भी नहीं था हारना पसंद

ऐसे थे अपने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद बाले तिवारी ने की थी प्रतिभा की पहचान खेलपथ संवाद नई दिल्ली। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की विशिष्टताएं ही उन्हें महान खिलाड़ी बनाती थीं। दद्दा काफी मिलनसार थे उन्हें पराजय किसी भी सूरत में पसंद नहीं थी भले ही वह अभ्यास मुकाबला ही क्यों न हो। देखा जाए तो क्रिकेट में जो दर्जा डॉन ब्रेडमैन का है वही सर्वश्रेष्ठता हॉकी में दद्दा ध्यानचंद की भी है। क्रिकेट में अगर सर डॉन ब्रैडमैन है.......

पद्म भूषण मेजर ध्यानचंद: एक विभूति

राष्ट्रीय खेल दिवस (29 अगस्त) पर विशेष -डॉ. पियूष जैन 29 अगस्त 1905 में इलाहाबाद में जब सोमेश्वर सिंह के घर ध्यानचंद का जन्म हुआ, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह बालक एक दिन खेल के क्षेत्र में पूरे विश्व में भारत देश की पताका ऐसी लहराएगा की एडोल्फ हिटलर भी उससे प्रभावित होकर उसे विशेष पदक के साथ जर्मन आर्मी में मेजर जनरल बनाने का प्रस्ताव देगा। जन्म तो ध्यानचंद का इलाहाबाद में हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद ही इनका पूरा परिवार झ.......

मां के अथक प्रयासों से विनेश बनी सोने की चिड़िया

बचपन में ही उठ गया था सिर से पिता का साया पहलवान बेटी ने कॉमनवेल्थ खेलों में लगातार तीसरी बार गोल्ड मेडल जीता खेलपथ संवाद चरखी दादरी। देश-दुनिया की धुरंधर पहलवानों में शुमार विनेश फोगाट के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था। पहलवान बेटी को सोने की चिड़िया बनाने का काम किसी और ने नहीं बल्कि उसकी मां ने किया। बर्मिंघम में स्वर्ण पदक जीतने के बाद देश खुश था तो दूसरी तरफ बेटी की उपलब्धि पर मां प्रेमलता की आंखों में आंसू थे।.......