स्टेडियम के अभाव में पार्क में करते हैं अभ्यास खेलपथ संवाद चरखी दादरी। इंसान में अगर जज्बा और हौसला हो तो वह बढ़ती उम्र में भी कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। यह एक बुजुर्ग दम्पति ने यह साबित कर दिखाया है। 70 वर्ष की उम्र में दादा-दादी की फिटनेस देखकर नौजवानों के भी पसीने छूट जाते हैं। इस दम्पति ने बुजुर्गों की खेलकूद प्रतियोगिताओं में स्वर्ण सहित पांच मेडल जीते हैं। अब इनके लिए खेलकूद प्रतियोगिताओं में मेडल जीतना बच्चों के खेल जैसा ब.......
अब डब्लूडब्लूई में कर रहा कमाल खेलपथ संवाद भदोही। इंसान के इरादे मजबूत हों तो वह कुछ भी कर सकता है। खेल की दुनिया में यही साबित कर रहे हैं भदोही के लाल रिंकू सिंह। द ग्रेट खली के बाद डब्लूडब्लूई में रिंकू सिंह भारत का परचम लहरा रहे हैं। यूपी के भदोही जिले के रहने वाले रिंकू भाला फेंक और बेसबॉल में कमाल करने के बाद इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भाला फेंकने से की थी, लेकिन बेसबॉल के जरिए उन्होंने पैसा कमाया.......
ओलम्पिक चैम्पियन इलिस से दो सेकेंड पीछे रहे लंदन। ग्यारह महीने बाद पहली प्रतियोगिता में उतरे चार बार के ओलम्पिक चैम्पियन मो फराह अनजान से क्लब रेसर 26 साल के इलिस क्रास से पिछड़कर दूसरे स्थान पर रहे। इलिस ब्रिटेन के एलीट एथलीटों में शामिल नहीं हैं। 39 साल के फराह ने विटालिटी लंदन 10 किलोमीटर रेस में 28 मिनट और 44 सेकेंड का समय लिया। इलिस का समय उनसे दो सेकेंड बेहतर रहा। इससे पहले ब्रिटिश ओलंपिक इतिहास में ट्रैक स्पर्धाओं के श्रेष्ठ ए.......
खेलपथ संवाद लखनऊ। पुश्तैनी खेल हॉकी का लखनऊ कभी गढ़ रहा है लेकिन अब यहां हॉकी में गिरावट देखी जा रही है। यद्यपि यहां हॉकी के कई दिग्गज खिलाड़ी हैं लेकिन उनमें खिलाड़ी तैयार करने की ललक न के बराबर है। देखा जाए तो तो उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक राम प्रकाश सिंह भी हॉकी के खिलाड़ी रहे हैं और यह हॉकी उत्तर प्रदेश के सचिव भी हैं लेकिन इनके कार्यकाल में लखनऊ ही नहीं समूचे प्रदेश की हॉकी अर्श से फर्श पर है। रजनीश मिश्रा जैसे पुराने दिग्गज हॉकी खिलाड.......
अर्जुन पुरस्कार से नवाजी गईं, बहनों की तिकड़ी थी मशहूर लगातार आठ बार मैसूर को दिलाया था खिताब खेलपथ संवाद बेंगलूरु। हॉकी को बेपनाह मुहब्बत करने वाली एलवेरा ब्रिटो अब दुनिया में नहीं हैं लेकिन अर्जुन पुरस्कार प्राप्त यह शख्सियत हर भारतीय के दिल में हमेशा जिन्दा रहेंगी। खेलप्रेमियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि एलवेरा ब्रिटो ने पुश्तैनी खेल हॉकी से इस कदर प्यार करती थीं कि उन्होंने ताउम्र शादी न करने का संकल्प ले लिया और अंतिम सां.......
1965 में अर्जुन पुरस्कार से किया गया था सम्मानित बेंगलुरु। भारत की पूर्व महिला हॉकी कप्तान एलवेरा ब्रिटो का मंगलवार सुबह तड़के बेंगलुरु में निधन हो गया। वह 81 साल की थीं। 60 के दशक में हॉकी जगत में अपना लोहा मनवाने वालीं ब्रिटो के अलावा उनकी दो बहनें रीटा और माय भी महिला हॉकी में सक्रिय थीं। 1960 और 1967 के बीच एलवेरा कर्नाटक के लिए खेली थीं। इस दौरान उन्होंने अपने बहनों के साथ 7 राष्ट्रीय खिताब जीते थे। उन्हें 1965 में अर्जुन पुरस्क.......
चार मई तक होगी ऑनलाइन नीलामी न्यूयॉर्क। फुटबॉल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना की हैंड ऑफ गॉड जर्सी की नीलामी की शुरुआत 5.2 मिलियन डॉलर (39,79,24,903 रुपये) के साथ शुरू हुई। नीले रंग वाली 10 नंबर की जर्सी की ऑनलाइन नीलामी 4 मई तक चलेगी। बुधवार को नीलामी की लाइन खुलने के कुछ घंटे बाद पहला ऑफर 5.2 मिलियन डॉलर दर्ज किया गया। यह नीलामी फुटबॉल जर्सी के लिए एक नया रिकॉर्ड मूल्य स्थापित कर सकता है। अभी तक कि.......
जुड़वां बच्चों को जन्म दे जीते दो गोल्ड खेलपथ संवाद नई दिल्ली। कहते हैं उम्र एक संख्या है, यदि हिम्मत और कुछ करने का जुनून हो तो लम्बे समय तक सफलता की कहानी लिखी जा सकती है। कुछ ऐसा ही जज्बा दिखाया है स्क्वॉश खिलाड़ी दीपिका पल्लिकल ने। जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद जब लग रहा था कि दीपिका का दीप बुझ गया तभी उसने अपने मजबूत इरा.......
रात में जाते हैं अस्पताल ताकि खिलाड़ियों को न चले पता 25 रेडिएशन थेरेपी करवा चुके हैं लुइस वैन नई दिल्ली। नीदरलैंड राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच लुइस वैन गाल ने खुलासा किया है कि वह प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हैं और उपचार करवा रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद भी वह नवम्बर में होने वाले कतर विश्वकप के लिए टीम की अगुवाई करना चाहते हैं। 70 वर्षीय कोच ने कहा कि वह हर समय शाम को या रात में अस्पताल जाते हैं। इसके बारे में खिलाड़.......
मिल चुका द्रोणाचार्य, अर्जुन व भीम अवॉर्ड वर्ष 1987 में थामी थी हॉकी खेलपथ संवाद सोनीपत (हरियाणा)। प्रीतम सिवाच महिला हॉकी का वह नाम है, जिसने पहले खुद देश को चैम्पियन बनाया और अब इस खेल की पूरी फौज ही तैयार कर डाली। देश में महिला हॉकी को क्षितिज पर ले जाने के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। वह देश को बेशक ओलम्पिक का पदक नहीं दिला सकीं, लेकिन अपने उसी सपने को साकार करने के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान व प्.......