71 साल की उम्र में गोल्फ में जीता रजत पदक एम्सटरडैम। रिटायर्ड आईपीएस अफसर डॉक्टर कश्मीर सिंह ने नीदरलैंड में कमाल दिखाया है। नीदरलैंड में चल रहे वर्ल्ड पुलिस और फायर गेम्स में उन्होंने रजत पदक जीता है। उन्होंने गोल्फ इवेंट में मेडल जीता। कश्मीर सिंह ने 71 साल की उम्र में रजत पदक अपने नाम किया। वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में इस बार भारत के 30 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। यह सभी सरकारी पैसे पर नहीं बल्कि अपने पैसे पर नीदरलैंड में .......
पिता बोले-10 साल में 30 दिन साथ रहा नीरज दीप्ति मिश्रा खांद्रा (हरियाणा)। हरियाणा के पानीपत जिले का खांद्रा गांव, जहां सात समंदर पार इतिहास रचने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा का बचपन बीता। गांव में घुसते ही एक चौपाल पर लोगों का मजमा लगा नजर आया, जिस पर बड़े-बुजुर्गों के हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बीच वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत को सिल्वर दिलाने वाले पहले भारतीय नीरज चोपड़ा की सराहना हो रही थी। परिवार बेटे की उपलब्धि से गदगद है तो माता-पि.......
पति नशे में पीटता था, 34 की उम्र में खेलना शुरू किया शर्मिला की दोनों बेटियां भी खिलाड़ी हैं राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है लक्ष्य खेलपथ संवाद नई दिल्ली। इंसान परिस्थितियों का दास है। मंजिल वही हासिल करता है जोकि परेशानियों पर फतह हासिल करता है। भारतीय एथलीट शर्मिला के दर्द की कहानी सुन रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह सोचने को विवश होना पड़ता है कि क्या वाकई हमारा समाज इतना निर्दय हो गया है जोकि महिलाओं की कद्र क.......
परिवार ने पाई-पाई जोड़ दिलाया था भाला खेलपथ संवाद नई दिल्ली। सफलता यूं ही नहीं मिलती इसके लिए कड़ी मेहनत करने के साथ कई चीजों का परित्याग भी करना पड़ता है। आज नीरज चोपड़ा जिस मुकाम पर हैं, इसे हासिल करने के लिए उन्होंने कड़ी मशक्कत करने के साथ ही कई मामलों पर समझौता भी किया है। पहले ओलम्पिक मेडल और अब विश्व एथलेटिक्स में चांदी का मेडल हासिल करने नीरज के अदम्य साहस का प्रतिफल है। भारत के 'गोल्डन ब्वॉय' नीरज चोपड़ा ने एक.......
राष्ट्रमंडल खेलः पिछले 20 सालों से लगातार शीर्ष-5 में खेलपथ संवाद नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला पदक पहलवान राशिद अनवर ने 1934 लंदन में हुए खेलों में दिलाया था। उसी संस्करण में भारत ने पहली बार इन खेलों में हिस्सा लिया था। तब भारतीय दल में छह खिलाड़ी शामिल थे, जिन्होंने एथलेटिक्स और कुश्ती में हिस्सा लिया था। भारत को इन खेलों में अपना पहला स्वर्ण हासिल करने में 24 साल लग गए। पहला स्वर्ण 1958 में उड़न सिख मिल्खा सिंह ने.......
ट्रैक पर जलवा दिखाने वाली यह एथलीट संसद में क्या खिलाएगी गुल भारत के लिए 103 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं खेलपथ संवाद नई दिल्ली। राज्यसभा की नई मनोनीत सांसद और पूर्व ओलम्पिक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट पीटी ऊषा आज पहली बार उच्च सदन में शपथ लेंगी। पीटी ऊषा ने 1984 ओलम्पिक खेलों में चौथा स्थान हासिल किया था। पीटी ऊषा को 1983 में अर्जुन अवॉर्ड और 1985 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया थ। अब उन्हें राज.......
पेशेवर खिलाड़ी होने के चलते जिम थोर्पे से छिने थे पदक वर्ल्ड एथलेटिक्स भी अपने रिकॉर्ड में संशोधन को तैयार लुसाने (स्विट्जरलैंड)। अमेरिका के जिम थोर्पे को 1912 स्टाकहोम ओलम्पिक में ट्रैक एंड फील्ड की पेंटाथलान एवं डेकाथलान स्पर्धा का एकमात्र विजेता घोषित कर दिया गया है। 110 साल पहले उनसे ये स्वर्ण खेलों की गैर-पेशेवर प्रकृति के कड़े नियमों के कारण छीन लिए गए थे। दरअसल ओलम्पिक खेलों में सिर्फ गैर पेशेवर खिलाड़ी ही हिस्सा ले सकते.......
बायां हाथ कमजोर था, फिर भी विम्बलडन में मचाया था तहलका बिना थमे चढ़ जाती थी पहाड़ नई दिल्ली। भारत में जिस दौर में महिलाओं के लिए समाजिक दायरा तय था। उसी दौर में अधिकतर भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी साड़ी पहनकर टेनिस खेलती थीं, तब न सिर्फ लीला राव दयाल बल्कि उनकी मां क्षमा ने भी शॉर्ट स्कर्ट पहन कर टेनिस खेलने की हिम्मत दिखाई। उन्होंने भारतीय लोगों की सोच को बदला और साबित किया कि टेनिस खेलने के लिए और मूवमेंट करके शॉर्ट मारने के लिए .......
चार ओलम्पिक पदक जीतने वाले एथलीट का खुलासा मुझे चार साल की उम्र में तस्करी कर इंग्लैंड लाया गया मेरा नाम मो फराह नहीं हुसैन आब्दी काहिन है लंदन। दुनिया के नामी लम्बी दूरी के एथलीटों में शुमार इंग्लैंड के सर मो फराह (मोहम्मद फराह) ने लोगों को हिला देना वाला खुलासा किया है। लंदन और रियो ओलम्पिक में 5000, 10000 मीटर के चार स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीट ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में खुलासा किया है कि वह मो फराह नहीं हैं, उनका नाम ह.......
विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में जीते तीन मेडल टाम्परे (फिनलैंड)। उम्र तो एक आंकड़ा है। यदि मन में जीत का जोश और जज्बा हो तो कोई लक्ष्य नामुमकिन नहीं, इसे ही टाम्परे (फिनलैंड) में हुई विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत की 94 साल की दादी भगवानी देवी ने तीन मेडल जीतकर साबित किया है। दादी भगवानी ने 100 मीटर स्प्रिंट कॉम्पटीशन में 24.74 सेकेंड का समय लेते हुए स्वर्ण पदक जीता। दादी ने इस स्वर्ण के अलावा, शॉटपुट और भालाफेंक में.......