खेल महासंघ राष्ट्रीय खेलों में शीर्ष खिलाड़ी शामिल कराएंः राजीव मेहता

आईओए महासचिव ने 13 और खेलों को शामिल करने सचिव खेल को लिखा पत्र श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ में इस समय पत्र-पत्र का खेल चरम पर चल रहा है। इस समय हर दिन कोई न कोई पत्र भारतीय ओलम्पिक संघ से जारी हो रहा है। गुजरात में होने वाले 36वें राष्ट्रीय खेल तो एक बहाना हैं दरअसल भारतीय ओलम्पिक संघ पदाधिकारी इस समय अपनी आसंदी बचाने की खातिर यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि गोया वही खेलों के सच्चे हितैषी हैं। भारतीय ओलम्पिक संघ चु.......

सरकार से बड़े हैं खेल संगठन पदाधिकारी

खेल संगठनों और सरकारों में सामंजस्य नहीं खिलाड़ियों को नहीं मिलता अधोसंरचनाओं का लाभ  श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। किसी भी राज्य में क्या सरकार द्वारा खेल अधोसंरचना आबाद कर देने मात्र से खेलों और खिलाड़ियों का भला हो सकता है। क्या खेल अधोसंरचनाओं का लाभ खिलाड़ियों को मिल रहा है? क्या खेल संगठनों और सरकारों में वैसा सामंजस्य है जैसा होना चाहिए? यह ऐसे सवाल हैं जिनका जब तक निराकरण नहीं होता हमारा देश खेलों में कतई तरक्की नहीं .......

श्रीप्रकाश शुक्ला लीजेंड्स ऑफ स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित

नई दिल्ली के संविधान क्लब में हुआ पीएसएल का सम्मान समारोह नई दिल्ली। खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट राष्ट्रीय पहचान रखने वाले श्रीप्रकाश शुक्ला को खेल दिवस पर नई दिल्ली के संविधान क्लब में पीएसएल लीजेंड्स ऑफ स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। लगभग तीन घण्टे करतल ध्वनि के बीच चले सम्मान समारोह में देश की 21 खेल शख्सियतों और खेलों में योगदान देने वाले खेल शुभचिंतकों को लीजे.......

यूपी में खिलाड़ियों की नौकरी प्रक्रिया कागजों में सिमटी

साल 2016 से शुरू हुई प्रक्रिया लेकिन खिलाड़ियों को नहीं मिला लाभ उत्तर प्रदेश से किनारा कर रहे अधिकांश खिलाड़ी खेलपथ संवाद लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को नौकरी देने के लाख राग अलापती हो, स्याह सच यह है कि खेलों के असल हुक्मरान नहीं चाहते कि खिलाड़ियों में खुशहाली आए। हर चुनावी दौर में घोषणाएं होती हैं लेकिन सत्तासीन होते ही सबकुछ बिसरा दिया जाया है। वर्षों से खेल नीति के तहत सरकारी विभागों में दो प्रतिशत कोटे के प्रावध.......

आनंदेश्वर पांडेय पर भिवाड़ी में दुराचार का मामला पंजीबद्ध

के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम बना अय्याशी का अड्डा राष्ट्रीय हैंडबाल खिलाड़ी लिख चुकी है प्रधानमंत्री को पत्र इंसाफ न मिलने पर राजस्थान पुलिस की शरण पहुंची   श्रीप्रकाश शुक्ला लखनऊ। मरता क्या न करता। एक राष्ट्रीय हैंडबाल खिलाड.......

हरियाणा की मनोहारी खेल योजनाओं से बरस रहे मेडल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं खिलाड़ियों को 400 करोड़ रुपये से अधिक के नकद पुरस्कार मिले श्रीप्रकाश शुक्ला चण्डीगढ़। कहने को भारत का हर राज्य खेल रहा है। हर राज्य का मुख्यमंत्री खेलों के उत्थान का सब्जबाग दिखाता है लेकिन मनोहर लाल खट्टर जो कहते हैं उसे कर दिखाने में कोई कोताही नहीं बरतते। हरियाणा के मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर नहीं है इसीलिए वहां की जमीनी खेल योजनाओं के सुफल भी देखने को मिल .......

योगीजी! खिलाड़ी बेटियों को दरिंदे से बचाइए

क्या दुखियारी बेटी को मिलेगा इंसाफ?    श्रीप्रकाश शुक्ला लखनऊ। समय बदल रहा है, बेटियां घर की चौखट से बाहर निकल कर खेलने को आतुर हैं। अभिभावक भी चाहते हैं कि उनकी बेटियां खेल के क्षेत्र में राष्ट्र का गौरव बढ़ाएं लेकिन खेल तंत्र में घुसे कुछ भेड़ियों की करतूतें उनके पैरों पर बेढ़ियां डाल देती है.......

के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम बना अय्याशी का अड्डा

आनंदेश्वर पांडेय खेल रहा खिलाड़ी बेटियों के साथ हैवानियत का खेल खेल निदेशालय के अधिकारियों की आंख के नीचे लुट रही बेटियों की अस्मत श्रीप्रकाश शुक्ला लखनऊ। मैं हर पल घुट-घुट कर जी रही हूं। मैंने देश के लिए खेलने का सपना देखा था लेकिन 26 मार्च, 2022 को लखनऊ के के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में मे.......

साजिशों के खेल की आजादी

श्रीप्रकाश शुक्ला ओलम्पिक हो या कोई अन्य खेल, हमारे यहां खेलों के भीतर का खेल चलता रहता है। असल में हमारा देश एक साजिश प्रधान देश है। यहां साजिशों के खेल और खेल के भीतर साजिशें होती रहती हैं। इन साजिशों से जूझना हमारी नियति भी है और शौक भी। यहां तरह-तरह की साजिशें मुंहबाए शिकार की तलाश में घूमती रहती हैं और यदि मामला देश की प्रतिष्ठा से जुड़ा हो तो साजिशों की सक्रियता देखते ही बनती है। हालांकि, इन साजिशों का चेहरा बहुधा बेनकाब नहीं हो पाता .......

खेलों में सोने-चांदी का हरियाणा

‘देसां मा देस हरियाणा, जहां दूध-दही का खाणा’ श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। कुछ राज्यों के खेलनहार कहते तो बहुत कुछ हैं लेकिन करते कुछ भी नहीं। हरियाणा ऐसा नहीं है। यहां की युवा तरुणाई खेलों में न केवल करिअर बनाती है बल्कि मादरेवतन का मान भी बढ़ाती है। कुछ राज्य आम जनता का पैसा खिलाड़ियों में बांटकर अपने आपको खेलों का उद्धारक जताने की बेजा कोशिश करते हैं। काश देश का कोई मुख्यमंत्री या खेल मंत्री कभी अपनी अंटी से खेलों के उत्था.......