नागौर की यह बेटी सात साल पहले पिता के साथ पहुंची थी हैदराबाद स्टेडियम में मैच देखा तो क्रिकेट खेलना शुरू किया खेलपथ संवाद हैदराबाद। नागौर जिले के छोटे से गांव तामड़ोली की 14 साल की संध्या गौरा का बीसीसीआई के अंडर-19 वुमेन वनडे टूर्नामेंट में चयन हुआ है। संध्या हैदराबाद टीम के लिए खेलेगी। तीन सितम्बर को हैदराबाद स्थित राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए ट्रायल में संध्या का सिलेक्शन बतौर ओपनर बल्लेबाज किया गया। संध्या .......
क्रिकेट में चोटिल होने पर पिता को बेचनी पड़ी जमीन स्टोक्स, ब्रेट ली तक कर चुके हैं इस तेज गेंदबाज की तारीफ खेलपथ संवाद नई दिल्ली। मंगलवार को खेले गए आईपीएल के मैच में राजस्थान रॉयल्स के कार्तिक त्यागी ने आखिरी ओवर में पंजाब किंग्स के मुंह से जीत छीन ली। आखिरी ओवर में उन्होंने पंजाब के बल्लेबाजों को चार रन भी नहीं बनाने दिए। कार्तिक ने पिछले सीजन में मुंबई इंडियंस के खिलाफ आईपीएल में डेब्यू किया। करियर के शुरुआत में ही चोट से ज.......
ओपन नेशनल एथलेटिक्स में बनाया कीर्तिमान यूपी सरकार कब देगी 10 लाख का इनाम? श्रीप्रकाश शुक्ला सोनभद्र। कामयाबी की राह सिर्फ अमीरी और संसाधनों से ही नहीं मिलती। यदि इंसान में जोश, जुनून और हिम्मत हो तो गरीबी में भी कामयाबी कदम चूमने लगती है। इस बात को सिद्ध कर दिखाया है तेलंगाना के वारंगल में हुई 60वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के जांबाज र.......
फाइनल में लेला को सीधे सेटों में 6-4, 6-3 से हराया न्यूयॉर्क। ब्रिटेन की क्वालीफायर एमा राडुकानु ने कनाडा की लेला फर्नांडिज को सीधे सेटों में हराकर अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट के महिला एकल का खिताब जीत लिया। ब्रिटेन की किशोरी एमा पिछले महीने न्यूयॉर्क में दुनिया की 150वें नंबर की खिलाड़ी के रूप में आई थीं और इससे पहले उन्होंने सिर्फ एक ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। एमा ने क्वालीफायर के बाद का विमान का टिकट बुक करा.......
पिता ने मकान बेचकर दिलाई थी पिस्तौल टोक्यो पैरालम्पिक में जीत दिखाया स्वर्ण खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो पैरालम्पिक में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनीष नरवाल के पिता के पास उन्हें पिस्टल दिलाने के लिए पैसे नहीं थे। उनके पिता ने घर बेचकर उन्हें पिस्तौल दिलाई थी। मनीष पहले फुटबॉल खेलते थे लेकिन एक बार चोट लग जाने के बाद उनके माता-पिता ने यह खेल छुड़वा दिया और तब से शूटिंग में हाथ आजमाने लगे। मनीष नरवाल का दांया.......
इस जांबाज की जिन्दगी का एक-एक पन्ना है संघर्ष की दास्तां खेलपथ संवाद नई दिल्ली। प्रवीण कुमार की कहानी है तो पूरी तरह फिल्मी, लेकिन इसका एक-एक पन्ना सच्चाई की कड़वी हकीकत से भरा है। बीते दो सालों में जो कुछ प्रवीण ने झेला उससे उनके पैरालम्पिक के रजत का मान और ज्यादा बढ़ जाता है। पहले उनके जन्म से छोटे और पूरी तरह बेजान पैर को आधा बेजान बता उनका वर्ग बदला गया। तब उन्होंने एथलेटिक्स छोड़ ग्रेटर नोएडा स्थित गोविंदगढ़ गांव में खेती.......
पैरों को बनाया अपनी ताकत पैरालम्पिक की ताइक्वांडो स्पर्धा में खेलने वाली देश की पहली खिलाड़ी खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भले ही अरुणा तंवर के दोनों हाथ छोटे और इनमें तीन-तीन उंगलियां हैं पर उन्होंने अपने हाथों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। बचपन में जरूर उन्हें दुख होता था पर अब खुद पर फख्र होता है। हो भी क्यों न अखिर 21 साल की यह ताइक्वांडो खिलाड़ी दूसरी लड़कियों के लिए मिसाल जो बन गई है। अरुणा (49 किलोग्राम) पैरालम्पिक में पह.......
17 वर्षीय शैली सिंह ने लम्बीकूद में रजत जीतकर रचा इतिहास खेलपथ संवाद नई दिल्ली। अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 17 वर्षीय शैली सिंह ने इतिहास रच दिया है। लम्बीकूद की उभरती हुई खिलाड़ी और दिग्गज अंजू बॉबी जॉर्ज से खेल की सीख लेने वाली शैली ने 6.59 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक अपने नाम किया। शैली स्वर्ण पदक से सिर्फ एक सेंटीमीटर से चूक गईं। शैली अब अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के इतिहास में लम्बीकूद में पदक ज.......
उम्र छोटी पर संकल्प बहुत बड़े खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टोक्यो पैरालम्पिक में भारत की 19 वर्षीय पलक कोहली से देश को पदक की उम्मीद है। पलक खेलों में तीन कैटेगरी में क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पलक ने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के बलबूते पैरालम्पिक में जगह बनाई है। इस खिलाड़ी के जोश, जुनून और जज्बे को सलाम है। पलक बचपन से बाएं हाथ से दिव्यांग थी। मगर जीवन में कभी हार नहीं मानी। विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर म.......
चीन के खिलाड़ियों से सीख लेने की जरूरत टोक्यो। चीन की 14 साल की कुआन होंगचान ने ओलम्पिक खेलों में महिलाओं की 10 मीटर गोताखोरी (डाइविंग) प्लेटफॉर्म स्पर्धा में गुरुवार को स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस सात दौर की प्रतियोगिता के दूसरे और चौथे दौर में सभी सातों जजों ने उन्हें पूरे 10 अंक दिये। उसने कुल 466.20 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि रजत पदक चीन की ही 15 वर्षीय चेन युशी (425.40) के नाम रहा। चेन 2019 की विश्व चैम्पियन है और व.......