69 साल में महिला एथलीटों की संख्या 14 गुना बढ़ी इस बार 55 पेश करेंगी चुनौती जिनमें 35 पहली बार खेलेंगी खेलपथ संवाद। नई दिल्ली। बेटियां न ही कमजोर हैं, न ही बेटों से कमतर। ओलम्पिक खेलों के महाकुम्भ में भारतीय खिलाड़ी बेटियों ने अपने 69 साल के सफर में न केवल 14 फीसदी बढ़ोत्तरी की बल्कि कई दफा तो मुल्क की नाक कटने से भी बचाई। 2000 सिडनी ओलम्पिक में भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी तो 2016 रियो ओलम्पिक में शटलर पीवी सिंधू औ.......
मेरा लक्ष्य ओलम्पियन कहलाना नहीं पोडियम तक पहुंचना है खेलपथ संवाद नई दिल्ली। तैराक साजन प्रकाश टोक्यो के तरणताल में कुछ अजूबा करने को तैयार हैं। कहते हैं जब हौसला हो बुलंद तो पहाड़ भी मिट्टी का ढेर हो जाता है। इस पंक्ति को भारतीय तैराक साजन प्रकाश ने सिद्ध कर दिखाया है। पिछले साल कोरोना के कारण अधिकतर टूर्नामेंट स्थगित होने और काफी समय तक स्वीमिंग पूल बंद रहने की वजह से साजन को तैराकी से दूर रहना पड़ा, बावजूद साजन ने हौसला बनाए रखते .......
मैरीकॉम के बाद ओलम्पिक में खेलने वाली दूसरी महिला मुक्केबाज दूध पीकर ओलम्पिक तक पहुंची हैं शाकाहारी पूजा श्रीप्रकाश शुक्ला भिवानी। हाल ही एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्णिम पंच जड़ने वाली हरियाणा की बॉक्सर पूजा बोहरा टोक्यो ओलम्पिक में अपने मुक्कों की ताकत दिखाने को तैयार हैं। एमसी मैरीकॉम के बाद पूजा बोहरा ओलम्पिक में जौहर दिखाने वाली भारत की दूसरी महिला मुक्केबाज हैं। हरियाणा की बेटियां किसी भी मामले में बेटों स.......
प्रत्येक समाज व सभ्यता में स्वीकृति मिली है खेलपथ विशेष नई दिल्ली। वर्तमान परिवेश व जीवनशैली में मनुष्य जब अनेक रोगों से ग्रस्त हो रहा है, ऐसे समय में खेलों का महत्व स्वयमेव स्पष्ट हो जाता है। खेलों द्वारा न केवल हमारी दिनचर्या नियमित रहती है बल्कि ये उच्च रक्तचाप, ब्लडप्रेशर, शुगर, मोटापा, हृदय रोग जैसी बीमारियों की सम्भावनाओं को भी न्यून करते हैं। इसके अलावा खेलों द्वारा हमें स्वयं को चुस्त-दुरुस्त रखने में भी मदद मिलती है, ज.......
कांग्रेस कभी नहीं छोड़ूंगी, बड़ी नेकदिल हैं सोनिया गांधी भाजपा ने भी दिया था पार्टी में आने आफर श्रीप्रकाश शुक्ला मथुरा। राजनीति और खेल के मैदान में बड़ा फर्क है। खेलों में सिर्फ हम अपने लिए जीते हैं जबकि राजनीतिक पथ पर हमारा हर किस्म के लोगों से वास्ता पड़ता है। राजनीति वह क्षेत्र है जहां हमें बिना मांगे ही हर कोई सलाह देता है, बेशक उसे राजनीति की जानकारी हो या नहीं। मैं किसी पद-लालसा के लिए राजनीति में नहीं आई बल्कि मे.......
पहलवानों की आपराधिक संलिप्तता से कुश्ती का बड़ा नुकसान खेलपथ संवाद नई दिल्ली। कुश्ती सिर्फ खेल ही नहीं भारतीय संस्कृति का अभिन्न दस्तूर है। यही खेल ऐसा है जोकि गांव-गांव खेला जाता है। पिछले महीने दिल्ली के छत्रसाल अखाड़े में जो हुआ उससे न केवल अखाड़े कलंकित हुए बल्कि पहलवानों के दामन पर भी गहरे दाग लग गए हैं। जांच चल रही है, ऐसे में किसी को अभी से गुनहगार ठहराना उचित नहीं है। मामले को देखें तो यह खूनी खेल कई तरह के इशारे करता है।.......
खिलाड़ियों पर हुकूमत चलाने वाले भारतीय ओलम्पिक संघ की अजब लीला खिलाड़ियों की डाइट मनी को लेकर खेल मंत्रालय से लगाई गुहार श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। हमारे देश के खेलनहारों की अजब लीला है, पद दर्जनों चाहिए मगर खिलाड़ियों की मदद सरकार करे। सरकार को ही यदि खिलाड़ियों की हर जरूरत पूरी करनी है तो फिर खेल संगठनों की क्या जरूरत। भारतीय ओलम्पिक संघ के खजांची आनंदेश्वर पांडेय की सोच पर तरस आता है। खिलाड़ियों की मदद हो या नहीं मीडिया म.......
परेशानियों का रोना रोने की बजाय हमारा समाज ऐसी बेटियों से नसीहत ले श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। परेशानियों का राग अलापने से मुसीबतें कम होने की बजाय बढ़ती हैं। हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग हैं जो सफलता का शार्टकट खोजते हैं ऐसे लोगों को शालिनी सरस्वती जैसी बेटियों से नसीहत लेनी चाहिए जोकि पचास फीसदी से अधिक शारीरिक व्याधियों के बाद भी सम.......
खेलों में बेटियों की जयकार श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। भारत बदल रहा है। हमारे समाज की सोच के साथ उसके सरोकारों में भी अब बदलाव दिखने लगा है। कल तक जो क्षेत्र सिर्फ और सिर्फ पुरुषों के लिए आबाद थे, उनमें बेटियां न केवल दखल दे रही हैं बल्कि अपनी कामयाबी से मुल्क के गौरव को चार चांद भी लगा रही हैं। भारत के लम्बे ओलम्पिक इतिहास को देखें तो महिला शक्ति का शानदार आगाज 21वीं सदी में ही हुआ ह.......
बचपन की स्टेफी का हारना सहन नहीं कर पातीं ऊषा रानी श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल अपने लगभग हर साक्षात्कार में एक बात जरूर कहती हैं, ‘मैं अपने माता-पिता अपने कोच और अपने देश के लिए खेलती हूं। कोर्ट से बाहर भी ये तीन चीजें उनके लिए सबसे ज्यादा महत्व रखती हैं। लेकिन, शायद ही कुछ लोग इस बात को जानते हों कि अगर आज साइना जैसी खिलाड़ी देश को मिली है तो इसका सबसे ज्यादा श्रेय उनकी मां ऊषा .......