भारतीय हॉकी ने कराया पुराने चावल होने का भान

महिला और पुरुष हॉकी टीम ने रचा इतिहास
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
साल 2021 के खत्म होने में कुछ वक्त बाकी है। एक ऐसा साल जिसने भारत को खेल जगत में कई यादगार और ऐतिहासिक पल का गवाह बनाया। कोरोना महामारी और तमाम तरह की अनिश्चितताओं के बीच एक साल के लम्बे इंतजार के बाद टोक्यो ओलम्पिक का आयोजन किया गया। यह ओलम्पिक कई मामलों में भारत के लिए यादगार रहा, लेकिन भारतीय हॉकी के लिए इसने बंद होते दरवाजे को फिर से खोल दिया। 
पुरुषों और महिलाओं की टीम ने यहां भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर की याद दिलाई। पुरुषों ने 41 साल के लम्बे इंतजार के बाद ओलम्पिक पदक हासिल किया वहीं महिलाओं ने अपने जोरदार खेल से पहली बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया और चौथा स्थान हासिल किया। हालांकि भारतीय खिलाड़ियों के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था। ओलम्पिक शुरू होने से पहले शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि दोनों टीमें इस तरह का प्रदर्शन करेंगी। 
सबसे पहले बात करते हैं पुरुष टीम की। मनप्रीत सिंह की अगुआई में टीम ने शानदार शुरुआत की और पहले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-2 से जीत हासिल की। हालांकि अगले ही मुकाबले में उसे मुंह की खानी पड़ी जब ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 7-1 से करारी शिकस्त दी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के बाद सभी की उम्मीदों को जोरदार झटका लगा और हर कोई निराश हो गया। लेकिन इसके बाद मनप्रीत एंड कंपनी ने दमदार वापसी की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 
टीम ने ग्रुप स्टेज के लगातार तीन मुकाबले जीते। इस दौरान उसने स्पेन को 3-0, अर्जेंटीना को 3-1, जापान को 5-3 से हराया और क्वॉर्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की की। इसके बाद भारतीय टीम ने क्वॉर्टरफाइनल में ब्रिटेन को 3-1 से हराया और 49 साल में पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी।
भारतीय टीम के खेल और फॉर्म को देखते हुए सभी को लगने लगा कि टीम फाइनल में पहुंच जाएगी लेकिन सेमीफाइनल में उसे बेल्जियम ने झटका दिया। दोनों टीमें चौथे क्वॉर्टर तक 2-2 की बराबरी पर थीं। लेकिन फिर बेल्जियम ने ताबड़तोड़ तीन गोल कर भारत के सपने को चकनाचूर कर दिया। हालांकि टीम को पदक जीतने का एक और मौका मिला जब प्लेऑफ में उसकी भिड़ंत जर्मनी से हुई। 
टीम इंडिया के लिए हालांकि यहां भी शुरुआत अच्छी नहीं रही और वह 1-3 से पिछड़ गई लेकिन इसके बाद मनप्रीत की टीम ने जोरदार वापसी करते हुए सात मिनट में चार गोल दागे और 5-4 से मैच जीतकर कांस्य पदक पर कब्ज़ा जमाया। भारतीय टीम ने साल का अंत होते-होते एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में कांस्य पदक जीता। गत विजेता ने पाकिस्तान को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। 
महिलाओं का फर्श से अर्श तक का सफर
रियो ओलम्पिक 2016 में ग्रुप स्टेज में बाहर होकर अंतिम पायदान पर रहने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम से टूर्नामेंट की शुरुआत में किसी को कुछ खास उम्मीद नहीं थी। रानी रामपाल की अगुवाई में टीम को ओलंपिक से पहले जर्मनी और अर्जेंटीना के दौरे पर एक भी जीत नसीब नहीं हुई और ऐसे में टीम कमजोर मानी जा रही थी। ऐसा ही कुछ उसके शुरुआती मुकाबलों में देखने को भी मिला। 
भारतीय टीम को ग्रुप स्टेज के शुरू के तीन मैचों में नीदरलैंड्स के हाथों 5-1, जर्मनी से 2-0 और ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 4-1 से करारी हार मिली। टीम को अगले दौर यानी नॉकआउट स्टेज में पहुंचने के लिए ग्रुप स्टेज के आखिरी दोनों मुकाबले जीतने थे। हालांकि भारतीय टीम के लिए आगे की राह इतनी आसान नहीं थी लेकिन रानी की सेना ने वापसी की और फिर आयरलैंड को 1-0 और दक्षिण अफ्रिका को 4-3 से हराकर क्वॉर्टरफाइनल में जगह पक्की की। क्वॉर्टरफाइनल में उसका सामना हुआ दुनिया की दूसरे नंबर की टीम और पूर्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से। यहां उन्होंने उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया और अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए 1-0 से मुकाबला जीतकर पूरी दुनिया को चौंकाया। 
टीम की इस बड़ी जीत ने उन्हें अचानक से टूर्नामेंट का मजबूत दावेदार बना दिया। लेकिन सेमीफाइनल में उसे अर्जेंटीना के हाथों 1-2 से हार का सामना करना पड़ा और उसके फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया। हार के बावजूद टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। अब उसके पास ओलंपिक पदक हासिल करने का एक और आखिरी मौका था जब उसका प्लेऑफ में उसका सामना ग्रेट ब्रिटेन से हुआ। यहां भी उसने विपक्षी टीम को जोरदार टक्कर दी। शुरू में 1-2 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने पांच मिनट में तीन गोल करते हुए 3-2 की बढ़त ले ली। एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम कांस्य पदक जीत जाएगी लेकिन फिर ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने पलटवार करते हुए दो गोल किए और मैच के साथ पदक भी ले गई। भारतीय टीम भले ही ओलंपिक इतिहास का अपना पहला पदक जीतने से चूक गई लेकिन उसने अपने खेल से करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया। टीम इंडिया का इसके बाद एफआईएच स्टार अवॉर्ड्स में दबदबा देखने को मिला जब उसने सभी वर्ग के अवॉर्ड अपने नाम किए। 

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