आत्मविश्वास मनुष्य का अपना मौलिक गुण

सहानुभूति की उम्र अधिक नहीं होती श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। हर इंसान तरक्की की उड़ान भरना चाहता है लेकिन भरता वही है जिसमें आत्मविश्वास होता है। ‘आत्मविश्वास’ एक ऐसा शब्द है जिसके बिना व्यक्ति का जीवन में आगे बढ़ना असम्भव है। शारीरिक रूप से अपंग व्यक्ति भी इस आत्मविश्वास रूपी मंत्र के बल पर ही कीर्तिमान स्थापित करते हैं। आप ऐसे कई उदाहरण अपने आस-पास देख सकते हैं। जितने भी सफल व्यक्ति आपने देखे होंगे उन्होंने आत्म.......

विसंगतियों से जूझती भारतीय शिक्षा प्रणाली

वंचित वर्ग के लिए डिजिटल डिवाइस की चुनौती शैक्षिक वातावरण बच्चों की पढ़ाई के अनुकूल होना जरूरी श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। भारतीय शिक्षा प्रणाली विसंगतियों से जूझ रही है। सरकारी दावे कुछ भी हों लेकिन शिक्षा का स्याह सच यही है कि वंचित वर्ग के लिए डिजिटल डिवाइस आज भी चुनौती है। विकास और प्रगति के तमाम दावों के बीच यदि देश के करीब आधे स्कूल कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधा से वंचित हों, स्कूल बढ़ रहे हों और दाखिले कम हो रहे हों, स.......

खेल के साथ बच्चों को स्वस्थ जीवन जीना सिखाते हैं शारीरिक शिक्षक

शारीरिक शिक्षकों को सलाह कि वो अपने पद की गरिमा को समझें श्रवण कुमार बाजपेयी कानपुर। शारीरिक शिक्षा की जब बात आती है तो हम इसे खेल-कूद का पर्याय मान लेते हैं, लेकिन इसका अर्थ इतना व्यापक है, जिसे समझने के लिए हमें गांधीजी के इस कथन कि शिक्षा से मेरा तात्पर्य बालक और व्यक्ति के शरीर, मन व आत्मा के विकास से है, को समझना पड़ेगा। मोटे तौर पर.......

खेल विभाग का एक साल पूरा होने पर बिहार में जश्न

सरकार स्वास्थ्य अनुदेशकों और योग प्रशिक्षकों के दर्द से बेखबर श्रीप्रकाश शुक्ला पटना। समृद्धशाली खेल इतिहास से बेखबर नीतीश कुमार की सरकार बिहार में खेल विभाग का एक साल पूरा होने पर जश्न मना रही है। वह बता रही है कि उसने खेल-खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। भव्य खेल आयोजनों पर पैसा पानी की तरह बहाया है। लेकिन दुख क.......

आओ देश व समाज की खुशियों का लें संकल्प

ऐसा हो जीवन कि न रहे किसी से कोई मलाल श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। हम नए साल में प्रवेश कर चुके हैं। जाहिर तौर पर इस साल खिलाड़ियों ही नहीं हर इंसान के कुछ सपने होंगे। खेलपथ आपके सपनों के साकार होने की कामना करता है। यूं तो समय अनवरत रूप से अपनी गति से चलता है। लेकिन पर्व-त्योहार और खास दिन उसमें नई उमंग और उत्साह भर देते हैं। आओ हम सब देश व समाज की खुशियों का संकल्प लें तथा सद्भाव की बयार बहाएं। यूं तो हर नया साल पहले जैसा ही .......

भारतीय टेनिस साल भर आपसी कलह से जूझी

खिलाड़ियों का प्रदर्शन रहा बेहद निराशाजनक खेलपथ संवाद नई दिल्ली। राष्ट्रीय टीम के लिए बड़े खिलाड़ियों की बेरुखी और संचालन संस्था की अंदरूनी कलह के कारण साल 2024 भारतीय टेनिस के लिए काफी हद तक निराशाजनक रहा है। अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) और खिलाड़ियों के बीच मतभेद कोई नई बात नहीं है लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि निर्णय लेने में पारदर्शिता की कमी थी और खिलाड़ियों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास लगभग नहीं के बराबर दिखे।.......

माता-पिता के पूरे अरमान, बेटी ने छुआ आसमान

जींद की जिंदादिल हॉकी बेटी अन्नू की प्रेरक कहानी खेलपथ संवाद ग्वालियर। खेलों की राष्ट्रभूमि हरियाणा को विशेष बनाते हैं वहां के होनहार खिलाड़ी। अमूमन खेलों की ललक गरीब बच्चों में अधिक होती है क्योंकि वह खेल में ही सुख तलाशते हैं। हरियाणा में ऐसा ही है। यहां की युवा पीढ़ी खेलों में करियर देखती है लिहाजा छोटे-मोटे कष्टों की परवाह नहीं करती। ऐसे खिलाड़ियों में ही शुमार है हॉकी बिटिया अन्नू। अन्नू की कहानी प्रेरक है। बचपन से परिवार.......

इस साल नीरज चोपड़ा से लेकर मनु भाकर तक रहे चर्चा में

इन खिलाड़ियों ने पेरिस ओलम्पिक में रचा था इतिहास खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारत के लिए साल 2024 बेहद खास रहा। पेरिस में खेले गए ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल छह पदक अपने नाम किए। इनमें पांच कांस्य और एक रजत पदक शामिल है। 26 जुलाई से शुरू हुए इस महाकुंभ में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने सात रिजर्व सहित 117 खिलाड़ियों को भारतीय दल में भेजा था। वहीं, इनके साथ 140 सहायक कर्मचारी और अधिकारी भी भारतीय दल के साथ गए थे। सभी ने अपने प्रदर्श.......

मोहरों का माहिर गुकेश शतरंज का नया बादशाह

शतरंज में भारत के शातिर ने दुनिया जीत ली। जी, हां भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश के वर्ल्ड चैम्पियन बनते ही हर भारतीय उल्लास से भर गया। वजह है कि वह दुनिया में सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन बने हैं। जो बताता है कि भारत अब शतरंज के ग्रैंड मास्टरों की खान बनता जा रहा है। गुरुवार को डी गुकेश ने सिंगापुर में खेली गई विश्व चैम्पियनशिप की 14वीं अंतिम बाजी में चीन के ग्रैंडमास्टर डिंग लिजेन को हराया। बचपन में किसी पत्रकार ने उनसे पूछा था कि उनका सपना क्.......

मैथुन जरूरत और जानकारी के बीच की आधारशिला

श्रवण कुमार बाजपेयी हजारों साल पहले महर्षि वात्स्यायन द्वारा सूत्रबद्ध कामसूत्र ग्रंथ की प्रासंगिकता कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी क्योंकि यह रिश्तों के प्रति समग्र दृष्टिकोण, आपसी आनंद पर ज़ोर और कामुकता को मानव जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा मानने का सिद्धांत देता है। कामसूत्र में सम्भोग से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्य बताए गए हैं लेकिन यह सिर्फ सम्भोग की क्रिया से जुड़ा विषय नहीं है। यह एक व्यापक मार्गदर्शिका.......