एथलेटिक्स में कानपुर की पहचान हैं दिनेश भदौरिया

2010 राष्ट्रमण्डल खेलों में किया था भारत का प्रतिनिधित्व नूतन शुक्ला कानपुर। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत एथलेटिक्स में बेशक महाशक्ति न हो लेकिन यहां समय-समय पर कुछ ऐसे एथलीट और प्रशिक्षक जरूर हुए जिनका नाम आदर से लिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की जहां तक बात है यहां के कई एथलीट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। कानप.......

खेलों की असाधारण रानी कानपुर की रानी चंदेल

खेल और प्रशिक्षण में स्थापित किए नए प्रतिमान नूतन शुक्ला कानपुर। आत्मविश्वास और पूर्ण मनोयोग से यदि लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास किया जाए तो साधनों के अभाव में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है। इस बात को सिद्ध कर दिखाया है कानपुर की रानी चंदेल ने। रानी चंदेल ने अपनी मेहनत और लगन से गुरबत पर फतह हासिल करते हुए खेलों में ऐसा मुकाम बनाया है.......

शारीरिक शिक्षा की अलख जगातीं पूनम सिंह

खेलों के महत्व पर बिन्दास रखती हैं अपनी बात नूतन शुक्ला कानपुर। छात्र जीवन में शारीरिक शिक्षा का विशेष महत्व है। शारीरिक शिक्षा जहां छात्र-छात्राओं को धीरज रखना सिखाती वहीं उनका मन भी शांत करती है। शारीरिक शिक्षा से छात्र में अच्छे चरित्र का निर्माण होता है और उसे एक अच्छा नागरिक बनने में भी मदद मिलती है। इन्हीं सब खूबियों के मद्देनजर पूनम सिं.......

हाकी और फुटबाल में बसती है धीरेन्द्र कुमार सिंह की जान

तीन दशक से सुबह-शाम खिलाड़ियों की प्रतिभा रहे निखार नूतन शुक्ला कानपुर। खेल कोई भी हो जब तक कुशल प्रशिक्षक नहीं होगा खिलाड़ियों की प्रतिभा में कतई निखार नहीं आ सकता। इसी बात को अपना मूलमंत्र मानते हुए कानपुर के हाकी और फुटबाल प्रशिक्षक धीरेन्द्र कुमार सिंह सुबह-शाम खिलाड़ियों की प्रतिभा को नया आयाम दे रहे हैं। हाकी और फुटबाल के चितेरे धी.......

खेलों को समर्पित नायाब शख्सियत हैं सुबोध कुमार शुक्ल

उत्तर प्रदेश को हैण्डबाल और बास्केटबाल में दिए सैकड़ों खिलाड़ी नूतन शुक्ला कानपुर। खेलों के समुन्नत विकास में सबसे बड़ी भूमिका खेल अध्यापक और प्रशिक्षक की होती है। अधोसंरचना की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में बेशक खेल मैदानों की कमी हो लेकिन यहां कर्मठ और योग्य खेल शिक्षकों व प्रशिक्षकों की कमी बिल्कुल नहीं है। सुबोध कुमार शुक्ल को ही लें इन्होंने .......

बंगाल में फुटबॉलरों पर कोरोना की गाज

एटीके का खिलाड़ी बेरोजगार  खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। कोरोना का कहर कोलकाता के फुटबॉलरों पर बुरी तरह बरपा है। फरवरी से शुरू होने वाला सीजन आधा बीत चुका है और एक भी मैच नहीं हुआ। बहुत से खिलाड़ी जिनकी जीविका सीजन पर निर्भर थी, भुखमरी के कगार पर हैं तो कई की नौकरी चली गई है। पश्चिम बंगाल के 25000 फुटबॉलर प्रीमियर लीग, डिवीजन टूर्नामेंट और जिला स्तर पर 5-5 या 7-7 खिलाड़ियों की टीमों के ‘खेप’ टूर्नामेंट में खेलते हैं। इन.......

गलतफहमी में छिनी बेगुनाह हाकी गुरु की रोजी

पहले पुत्र मौत का सदमा, अब नौकरी जाने की वेदना श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। ऐ भगवान तेरे घर भी इंसाफ नहीं होता। पहले तो एक पिता से पुत्र छीना और अब उसकी नौकरी भी छीन ली। भगवान आप ही बताओ कि आखिर उसका दोष क्या है और उसने क्या गुनाह किया है? दिन-रात हाकी की बेहतरी का सपना देखने वाला सुयोग्य, कर्तव्यनिष्ठ हाकी प्रशिक्षक संजीव आज दर-दर की ठोकरें क्.......

मथुरा से हुई टारगेट बाल की शुरुआत

नया खेल, नई उम्मीदें सोनू शर्मा ने ईजाद किया यह खेल श्रीप्रकाश शुक्ला हर नया खेल नई उम्मीदें जगाता है। आठ अक्टूबर, 2012 को भगवान श्रीकृष्ण की पावन धरती पर जब टारगेट बाल खेल को ईजाद किया गया तब किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि यह खेल इतनी जल्दी पापुलर हो जाएगा। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय .......

बबिता फोगाट ने जमातियों को कहा जाहिल

खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण भारत में स्थिति खराब होती जा रही है। इस पर पहलवान बबिता फोगाट ने जमातियों को जाहिल कहते हुए एक ट्वीट किया। इस पर यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। इसके बाद रेसलर बजरंग पूनिया बचाव में उतरे। उन्होंने ट्रोलर्स से पूछा कि खिलाड़ी देश के लिए हर रोज संघर्ष करते हैं, लेकिन आप क्या कर रहे हैं। दरअसल, .......

मां ने मजदूरी कर बेटी को बनाया इंटरनेशनल खिलाड़ी

दास्तां व्हीलचेयर बास्केटबॉल की पहली अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी गिरजा की रायपुर। हर मां-पिता की चाहत अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने रहती है। इसके लिए उन्हें चाहे जितनी मेहनत करनी हो, वे करते हैं। जैसे ही बच्चों के सपने पूरे होने लगते हैं, वैसे ही सारे दुख खुद-ब-खुद खुशी में बदल जाते हैं। हम ऐसी ही एक मां की बात कर रहे हैं जिसने बेटी का सपना पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक तरफ कुदरत ने अजीब .......