मां ने मजदूरी कर बेटी को बनाया इंटरनेशनल खिलाड़ी

दास्तां व्हीलचेयर बास्केटबॉल की पहली अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी गिरजा की

रायपुर। हर मां-पिता की चाहत अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने रहती है। इसके लिए उन्हें चाहे जितनी मेहनत करनी हो, वे करते हैं। जैसे ही बच्चों के सपने पूरे होने लगते हैं, वैसे ही सारे दुख खुद-ब-खुद खुशी में बदल जाते हैं। हम ऐसी ही एक मां की बात कर रहे हैं जिसने बेटी का सपना पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक तरफ कुदरत ने अजीब खेल-खेला, वहीं दूसरी ओर आर्थित तंगी। फिर भी मां ने बेटी को आगे बढ़ाया और आज बेटी छत्तीसगढ़ की पहली व्हीलचेयर बास्केटबॉल अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनकर देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। 
कहानी राजनांदगांव की गिरजा साहू (रायपुर के माना में प्रशिक्षण ले रही) और उनकी मां केशर बाई की है। गिरजा व्हीलचेयर बास्केटबॉल की पहली अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी है। छत्तीसगढ़ व्हीलचेयर बास्केटबॉल टीम के खिलाड़ी व टीम मैनेजर चेत्रसेन साहू ने बताया कि थाईलैंड कैंप के लिए गिरजा का चयन भारतीय दल में किया गया था। वहां विदेशी खिलाड़ियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय कोच द्वारा ट्रेनिंग दी गई, जिसके बाद भारतीय दल की वापसी हुई। आगामी अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम में गिरजा साहू खेलेंगी। गिरजा का चयन चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल स्पर्धा में प्रदर्शन के आधार पर किया गया था। वहां छत्तीसगढ़ टीम ने क्वार्टर फाइनल तक सफर तय किया था। इसी स्पर्धा में प्रदर्शन के आधार पर भारतीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल फेडरेशन ने देशभर से 10 खिलाड़ियों का चयन थाईलैंड कैंप के लिए किया था। इनमें प्रदेश से एकमात्र गिरजा शामिल थी।

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