अलीगढ़ के क्रीड़ा अधिकारी की नादरशाही से खिलाड़ी नाराज

मेडल लौटाने डीएम कार्यालय पहुंचे, जांच के आश्वासन पर माने

खेलपथ संवाद

अलीगढ़। एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने उन्हें राजपत्रित अधिकारी बना रहे हैं तो दूसरी तरफ खेल अधिकारी खिलाड़ियों के साथ अमर्यादित व्यवहार कर उन्हें हतोत्साहित कर रहे हैं। यह मामला अलीगढ़ का है। 20 जून को क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी राममिलन का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह खिलाड़ियों को गालियां देते और उन्हें स्टेडियम से बाहर धकेलते हुए दिखाई दे रहे थे। विरोध में खिलाड़ी अपने मेडल और सर्टिफिकेट जिलाधिकारी को वापस करने पहुंचे।

अलीगढ़ के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी राममिलन द्वारा अभद्रता किए जाने के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर 27 जून को खिलाड़ी अपने मेडल वापस करने डीएम कार्यालय पहुंचे। उनके साथ सामाजिक समता मंच के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। खिलाड़ियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए डीएम कार्यालय का घेराव किया। डीएम ने सात दिन के भीतर मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद खिलाड़ी शांत हुए।

खिलाड़ियों के डीएम कार्यालय पहुंचने पर एसीएम द्वितीय दिग्विजय सिंह ने उनसे बात की और डीएम से मिलने का आग्रह किया। डीएम ने खिलाड़ियों की बातें ध्यान से सुनीं और उनसे मेडल वापस न करने का अनुरोध किया। मंच के अध्यक्ष बलदेव चौधरी सीटू ने बताया कि 20 जून को क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी राममिलन का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह खिलाड़ियों को गालियां देते और उन्हें स्टेडियम से बाहर धकेलते हुए दिखाई दे रहे थे। इस मामले में सात दिन बाद भी कोई कार्रवाई न होने से खिलाड़ियों में भारी रोष था।

खिलाड़ी अपने मेडल और सर्टिफिकेट जिलाधिकारी को वापस करने आए थे, क्योंकि जिस तरह से अधिकारी उन्हें अपमानित कर रहे हैं, उससे उनका मनोबल टूट गया है। उन्होंने क्रीड़ा अधिकारी पर अन्य आरोप भी लगाए। खिलाड़ी हेमंत चौधरी ने कहा कि वे बहुत परेशान होकर अपने मेडल और सर्टिफिकेट डीएम को देने आए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो सभी खिलाड़ी अपने मेडल और सर्टिफिकेट वापस कर खेलना छोड़ देंगे। इस दौरान अजय तोमर, शिवम शर्मा, आयुष कुमार, संजय चौधरी, ललित कुमार, निशांत यादव, दीपक, मनोज, सूरज, प्रशांत, प्रिंस आदि मौजूद रहे।

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