बियांका एंड्रीस्कू का हौसला बुलंद

बोलीं-मैं अभी रुकने वाली नहीं सेरेना विलियम्स को हराकर यूएस ओपन ग्रैंड स्लैम जीतकर 19 साल की बियांका एंड्रीस्कू ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। महिला एकल वर्ग का खिताब अपने नाम करने वाली बियांका का हौसला सातवें आसमान पर है। कनाडा की इस युवा खिलाड़ी का कहना है कि इस खिताब के बाद वह अभी रुकने वाली नहीं हैं। यूएस ओपन का खिताब जीतने के बाद बियांका ने रॉकफेलर सेंटर में फोटोशूट कराया है। वह अमेरिका के कई मॉर्निंग शोज में अपनी जीत पर प्रतिक्रिया भी दे चुकी हैं। 'ग.......

आठ साल की उम्र में पदक जीत रहा है निशानेबाजी का 'वंडर ब्वॉय'

आठ बरस की उम्र में जब हमउम्र बच्चे कार्टून या मोबाइल देखने में मसरूफ रहते है, तब पिथौरागढ़ का दिव्यांश जोशी निशानेबाजी रेंज पर कड़ी मेहनत करता है ताकि अपनी बहन की तरह भविष्य में भारत की पदक उम्मीद बन सके। भारत के सीमावर्ती पिथौरागढ़ जिले में कक्षा चार के छात्र दिव्यांश ने इंटर स्कूल और इंटर कॉलेज राज्य स्तरीय निशानेबाजी स्पर्धा में 50 मीटर राइफल प्रोन में स्वर्ण पदक जीता। उनकी बड़ी बहन यशस्वी राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज है और अभी तक विभिन्न राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के टूर्नामेंटों में चार स्व.......

दिव्यांग मानसी जोशी ने भी किया कमाल

जीता पहला विश्व पैरा बैडमिंटन खिताब पीवी सिंधु की विश्व खिताबी सफलता के साथ-साथ मानसी जोशी ने भी भारतीय पैरा बैडमिंटन में अपना नाम स्वणार्क्षरों में दर्ज करा लिया। मानसी जोशी ने बासेल में विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप के महिला एकल एसएल-3 फाइनल में हमवतन पारुल परमार को 21-12, 21-7 से हराकर खिताब जीता। मानसी ने 2011 में एक दुर्घटना में अपना बायां पैर गंवाया था। उसके आठ साल बाद फाइनल में उन्होंने तीन बार की विश्व चैंपियन परमार को शनिवार को पराजित किया। वह पुलेला गोपीचंद .......

झारखण्ड की कोमालिका बिटिया बनी विश्व चैम्पियन

पिता ने बेटी को फिट रखने के लिए बेच दिया था घर  खेलपथ प्रतिनिधि रांची। बेटियां चाहें तो सब कुछ कर सकती हैं। यह विश्वास जताकर कोमालिका के माता-पिता ने भारत के सामने एक नजीर पेश की है। भारतीय तीरंदाज कोमालिका बारी ने रविवार (25 अगस्त) को विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व कैडेट वर्ग के एकतरफा फाइनल में जापान की उच्.......

शुभमन गिल की बल्लेबाजी पर राहुल द्रविड़ का असर

युवराज सिंह ने दिया दबाव झेलने का मंत्र शुभमन गिल को भारतीय क्रिकेट के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है। इसके पीछे कारण भी बहुत सारे हैं। यह युवा बल्लेबाज साल 2018 में अंडर 19 विश्व कप के बाद से ही लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा। चाहे वह आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए हो या फिर इंडिया ए के लिए। इस बल्लेबाज ने अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षित किया है। शुभमन गिल के स्ट्रोक्स खेलने का तरीका वर्तमान कप्तान विराट कोहली से काफी मेल खाता.......

विश्व पुलिस गेम्स: खुशबू का फिर कमाल

चीन के चेंगडू शहर में हो रहे विश्व पुलिस एवं फायर गेम्स में लखनऊ स्पोट् र्स हास्टल की पूर्व एथलीट खुशबू गुप्ता ने बुधवार को फिर कमाल की दौड़ लगाई। सोमवार को पांच किलोमीटर क्रासकंट्री दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाली खुशबू ने बुधवार को 1500 मीटर की दौड़ में रजत पदक जीता। अत्यधिक थकान के कारण वह यह  दौड़ अंतिम  सौ मीटर में हार गईं। .......

विश्व पुलिस गेम्स में खुशबू गुप्ता को स्वर्ण

प्रतापगढ़ की बेटी ने वर्ल्ड पुलिस गेम्स में किया कमाल का प्रदर्शन रामआसरे का आसरा बनी उनकी बेटी लखनऊ। प्रतापगढ़ की रहने वाली और लखनऊ खेल छात्रावास की एथलीट खुशबू गुप्ता ने कमाल कर दिया है। उन्होंने चीन के चेंगडू शहर में हो रहे विश्व पुलिस एवं फायर गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 किलोमीटर क्रासकंट्री में स्वर्ण पदक जीता है। खुशबू गुप्ता के पिता राम आसरे की प्रतापगढ़ के दहिलामऊ में फुटपाथ पर जूते-चप्पल की दुकान है।.......

सच हो गया मेरा सपनाः मुक्केबाज मंजू रानी

12 साल की उम्र में गुजर गए थे पिता, मां ने संभाला परिवार नई दिल्ली: स्ट्रांजा कप मुक्केबाजी टूर्नामेंट में रजत और इंडिया ओपन तथा थाईलैंड ओपन में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारत की महिला मुक्केबाज मंजू रानी का मानना है कि एआईबीए वुमेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भाग लेना उनके लिए सपने सच होने जैसा है. मंजू भारत की उस 10 सदस्यीय महिला टीम में शामिल हैं जो सात से 21 सितंबर तक रूस में होने वाली एआईबीए वुमेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भारत का प.......

फुटबाल में झारखण्ड की प्रेरणा मोनिका

सिक्योरिटी गार्ड की बेटी ने किया कमाल नई दिल्ली: देश के दूरदराज इलाके की जिस लड़की के पास पढ़ने-लिखने तक के लिए पैसे न हों, अगर वह दुनिया की टॉप-7 में शामिल हो जाए तो आप क्या कहेंगे? 17 साल की फुटबॉलर मोनिका कुमारी ने तमाम कमियों के बावजूद यही उपलब्धि हासिल की है. झारखंड के छोटे से गांव हुटुप से निकलकर युवा स्कूल में जरूरतमंद लड़कियों को फुटबॉल सिखाने वाली मोनिका ने हाल में अमेरिकी शहर सिएटल में नई चुनौती का सामना किया।  मोनिका अभी 12वीं की छात्रा हैं .......