श्रीप्रकाश शुक्ला पिछले कुछ महीनों में भारतीय खिलाड़ी बेटियों ने अपने स्वर्णिम कौशल से दुनिया भर में नारी शक्ति की जो झलक दिखाई है, उससे अगले साल जापान के टोक्यो शहर में होने जा रहे ओलम्पिक खेलों से एकाएक भारतीय खेलप्रेमियों का अनुराग जाग उठा है। जीत-हार खेल का हिस्सा है लेकिन भारतीय बेटियों की यह सफलता इसलिए मायने रखती है क्योंकि इनमें से अधिकांश बेटियां उन घरों से ताल्लुक रखती हैं, जिनके यहां बमुश्किल दो वक्त ही चूल्हा जलता है। शटलर पी.वी. सिन्धू और मानसी जोशी ने .......
सरकार तथा समाज से और प्रोत्साहन की दरकार श्रीप्रकाश शुक्ला खेलों में मध्य प्रदेश बदल रहा है। बदलाव के इस दौर में हमारी खिलाड़ी बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। मध्य प्रदेश की खिलाड़ी बेटियां राष्ट्रीय फलक ही नहीं अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर भी अपने पराक्रम का जोरदार आगाज कर रही हैं। कल तक जो खेल सिर्फ और सिर्फ पुरुष खिलाड़ियों की चहलकदमी के लिए जाने जाते थ.......
सरकार तथा समाज से और प्रोत्साहन की दरकार श्रीप्रकाश शुक्ला खेलों में मध्य प्रदेश बदल रहा है। बदलाव के इस दौर में हमारी खिलाड़ी बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। मध्य प्रदेश की खिलाड़ी बेटियां राष्ट्रीय फलक ही नहीं अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर भी अपने पराक्रम का जोरदार आगाज कर रही हैं। कल तक जो खेल सिर्फ और सिर्फ पुरुष खिलाड़ियों की चहलकदमी के लिए जाने जाते थे उनमें न केवल मध्य प्रदेश की बेटियां दखल दे रही हैं बल्कि अपनी कामयाबी से मुल्क के गौर.......
क्रिकेट अब अकेला ऐसा खेल नहीं रहा, जिसमें हम विश्व स्तर पर बड़ी उम्मीद बांध सकते हैं। इन खेलों में निशानेबाजी पहले नंबर पर है। पहले हमारे निशानेबाज अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए जाया करते थे, लेकिन अब वे पदक, खासतौर से सोने के तमगे पर निशाना साधने के इरादे से जाते हैं। साल 2018 तक के पिछले 33 साल में हमारे निशानेबाज ऐसी स्पर्धाओं में सिर्फ 12 गोल्ड मेडल जीत सके थे। लेकिन इस साल अब तक वे 16 गोल्ड सहित 22 पदकों पर निशाना साध चुके हैं। यह नई पीढ़ी के .......
श्रीप्रकाश शुक्ला भारत को इस साल क्रिकेट विश्व कप में भले ही मायूसी हाथ लगी हो लेकिन अन्य खेलों में धुरंधर बेटियों ने विश्व विजेता बनकर देश को गौरवान्वित किया है। बेटियों का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक चुनौतियों से उबरकर देश का नाम अंतरराष्ट्रीय खेल क्षितिज पर चमकाना निःसंदेह बड़ी बात है। सच कहें तो जमीं से उठकर फलक पर छाई इन युवा बेटियों ने अपने कौशल से देश में खेलों के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जगाई है। पिछले कुछ महीनों में भारतीय खिलाड़ी बेटियों ने अपने स्वर्णिम कौश.......
गृह युद्ध की विभीषिका और गुरबत से जूझते हुए उभरी अफगान क्रिकेट टीम के जज्बे ने पूरी दुनिया का गाहे-बगाहे चौंकाया है। वह भी तब जबकि टीम के पास अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम, प्रशिक्षण की सुविधा और मूलभूत संसाधन तक नहीं हैं। अपने अप्रत्याशित खेल से दुनिया की बड़ी टीमों को चौंकाने वाली बांग्लादेश की क्रिकेट टीम को हाल ही में उसके घर में मात देने वाली अफगान टीम की चर्चा दुनियाभर में हुई। इस जीत के न.......
श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। खेल में सिर्फ हुनर ही काम आता है। हुनर जन्मजात नहीं होता, उसे बड़ी लगन और साधना से कमाना पड़ता है। देखा जाए तो भारत में खेलों का बुनियादी ढांचा छिन्न-भिन्न है। खिलाड़ियों पर खर्च किए जाने वाला पैसा खेलनहारों की आराम-तलबी में खर्च हो रहा है। भारत में खेलों की दुर्दशा के लिए सरकार से अधिक खेल संस्थाओं के पदाधिकारी कसूरवार हैं। भारत में खेलों से जुड़ी नियामक संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा सरकारी नौकरशाही का छल और छद्म.......
श्रीप्रकाश शुक्ला भारत को इस साल क्रिकेट विश्व कप में भले ही मायूसी हाथ लगी हो लेकिन कई अन्य खेलों की धुरंधर बेटियों ने विश्व विजेता बनकर देश को जरूर गौरवान्वित किया है। बेटियों का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक चुनौतियों से उबरकर देश का नाम अंतरराष्ट्रीय खेल क्षितिज पर चमकाना निःसंदेह बड़ी बात है। सच कहें तो जमीं से उठकर फलक पर छाई इन युवा बेटियों ने अपने कौशल से देश में खेलों के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जगाई है। पिछले कुछ महीनों में भारतीय खिलाड़ी बेटियों ने अपने स्वर्.......
श्रीप्रकाश शुक्ला भारत को इस साल क्रिकेट विश्व कप में भले ही मायूसी हाथ लगी हो लेकिन कई अन्य खेलों की धुरंधर बेटियों ने विश्व विजेता बनकर देश को जरूर गौरवान्वित किया है। बेटियों का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक चुनौतियों से उबरकर देश का नाम अंतरराष्ट्रीय खेल क्षितिज पर चमकाना निःसंदेह बड़ी बात है। सच कहें तो जमीं से उठकर फलक पर छाई इन युवा बेटियों ने अपने कौशल से देश में खेलों के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जगाई है। पिछले कुछ महीनों में भारतीय खिलाड़ी बेटियों ने अपने स्वर्.......
29 अगस्त का दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक और हॉकी के निर्विवाद सर्वकालिक उम्दा खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त को ही हुआ था। यह उपयुक्त ही है कि उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाए। इस अवसर पर तमाम रस्म अदायगी वाले कार्यक्रमों से इतर देश में खेलों की स्थिति का आकलन करना उपयोगी होगा। खेल मानव संस्कृति और सभ्यता के अभिन्न अंग हैं। प्रथमदृष्टया खेल भले ही शारीरिक एवं मानसिक स्पर्धा .......