उम्मीदों का बोझ ढोती खिलाड़ी बेटियां

दिव्या काकरान ने बढ़ाया प्रेमनाथ अखाड़े का मान श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। बेटियों को बोझ मानने वालों को हम बता दें कि बेटियां ताउम्र अपने घर-परिवार के साथ ही समाज की उम्मीदों का भी बोझ उठाती हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की रहने वाली (फिलहाल दिल्ली निवासी) दिव्या काकरान इस बात का जीता जागता उदाहरण है। पहलवान दिव्या ने अपने करिश्माई प.......

बेटियों से लाड़-प्यार

केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री ने पानीपत में जिस ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी, उसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। जो राज्य कभी नकारात्मक लिंगानुपात में असंतुलन के लिये जाना जाता था, वहां संतुलन की दिशा में धनात्मक रुझान नजर आ रहा है। कुछ अपवाद छोड़ दें तो अधिकांश जनपदों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। नई पीढ़ी की प्रगतिशील सोच ने इसमें सकारात्मक भूमिका निभाई है। अब हरियाणा में यह समझ विकसित ह.......

खेल हुकूमतें नजर नहीं, नजरिया बदलें

भारत अपनी आजादी के 73 जश्न मना चुका है लेकिन हमारे खिलाड़ी आज भी खेलतंत्र की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं। खराब प्रदर्शन पर हम उन खिलाड़ियों को भला-बुरा कहते हैं जोकि अपना सब कुछ दांव पर लगाकर देश का गौरव बढ़ाने की कोशिश करते हैं। हर बड़ी खेल प्रतियोगिता के बाद हमारा खेलतंत्र उन खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण करता है जिनके प्रोत्साहन में उसका लेशमात्र भी योगदान नहीं होता। खिलाड़ियों की समीक्षा करने की बजाय हमारे निठल्ले खेलतंत्र को मनन-मंथन करना चाहिए कि आखिर वह .......

अब तक देश को मिलीं 17 महिला खेल रत्न

समाज का मिथक तोड़ती महिला खिलाड़ी श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। कहते हैं कि खिलाड़ी का पसीना सूखने से पहले उसे पुरस्कार मिल जाना चाहिए। इस दिशा में केन्द्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने अब तक के अपने कार्यकाल में बेहतरीन खिलाड़ी हितैषी निर्णय लिए हैं। खेल मंत्री रिजिजू ने जहां खिलाड़ियों के खान-पान पर विशेष ध्या.......

विजयी बिटिया विनेश

मैं खेल रत्न सम्मान का मान रखूंगी श्रीप्रकाश शुक्ला खिलाड़ियों का जीवन काफी कष्टदायी होता है। यदि प्रतिभा गरीब घर से ताल्लुक रखती हो तो कष्ट और बढ़ जाता है। विनेश फोगाट भारत की ऐसी ही महिला पहलवान हैं। भारत की यह बिटिया सबसे प्रतिभाशाली है, जिससे देश टोक्यो में पदक की उम्मीद कर सकता है। खेल रत्न विनेश भी ओलम्पिक में पदक जीतना चाहती हैं। भारत की दमखम वाली.......

अब नहीं सुनाई देगा रैना है ना का शोर

श्रीप्रकाश शुक्ला जब सारा देश आजादी का जश्न मनाने में मशगूल था, उसी दरम्यान भारतीय क्रिकेट के जय-वीरू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर करोड़ों खेलप्रेमियों का दिल तोड़ दिया। महेन्द्र सिंह धोनी ने सही समय पर क्रिकेट छोड़ी लेकिन भारत के मध्यक्रम के बाएं हाथ के बल्लेबाज 33 वर्षीय सुरेश रैना के संन्यास ने सबको चौंका दिया है। शायद भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह एक दुर्लभ उदाहरण होगा जब आपसी समझ और व्यवहार .......

धुन के धनी धोनी

क्रिकेट जगत का कोई तमगा ऐसा नहीं है जो धोनी ने हासिल नहीं किया। एक कूल और कामयाब कप्तान, जिसके नेतृत्व में देश ने पहला आईसीसी टी-20 विश्वकप जीता। फिर देश में खेला गया विश्व कप 28 साल बाद भारत की झोली में डाला। साथ ही सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी की विश्वकप जीतने की अभिलाषा को पूरा करके उन्हें गरिमामय विदाई दी।   निस्संदेह जब .......

महिला प्रशिक्षकों पर भारत को भरोसा नहीं

35 साल में सिर्फ हंसा, सुनीता और पूर्णिमा ही बनीं द्रोणाचार्य खेलपथ विशेष ग्वालियर। हमारे देश की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी सफलता का नया अध्याय लिख रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में बेटियों की अपार सफलता ने समाज का विश्वास तो जीता है लेकिन वे पुरुष प्रधान भारतीय खेल तंत्र का भरोसा अभी तक नहीं जीत सकी हैं। भारत में बेटियां खिलाड़ी के रूप में तो.......

हरियाणा जहां पैदा होते हैं खेल रत्न

हरियाणवी खेल नीति- पदक लाओ, पद पाओ मध्य प्रदेश खेल नीति- पदक लाओ, घर बैठ जाओ श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। खेल दिवस पर दिए जाने वाले राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। हमेशा की तरह इस साल भी इन पुरस्कारों में हरियाणा और महाराष्ट्र के बीच ही.......

राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर राजनीतिक क्षत्रपों का राज

राज्यवाद, परिवारवाद और परिचितवाद जिन्दाबाद श्रीप्रकाश शुक्ला ग्वालियर। हमेशा की तरह इस बार भी राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर राजनीतिज्ञों की दखलंदाजी पर्दे के पीछे जारी रही। केन्द्रीय सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज राजनीतिज्ञ इस बार अपने-अपने नुमाइंदों को अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार दिलाने में कामयाब रहे हैं। कहने को.......