रोहन बोपन्ना ने रिकॉर्डिंग की सार्वजनिक

अखिल भारतीय टेनिस संघ ने उठाया कदम
नई दिल्ली।
अखिल भारतीय टेनिस संघ के महासचिव अनिल धूपर के साथ बातचीत को सार्वजनिक करने के रोहन बोपन्ना के मामले को एआईटीए की आचरण और प्रबंध समिति के पास भेजा जाएगा। एआईटीए ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एआईटीए ने साथ ही टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय पुरुष डबल्स टीम के क्वालीफिकेशन को लेकर अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आइटीएफ) के साथ अपना पूरा संवाद जारी किया। 
बोपन्ना और सानिया मिर्जा की टिप्पणियों से बनी नकारात्मक धारणा को स्पष्ट करने का प्रयास करते हुए एआईटीए ने बताया कि किस तरह उन्होंने 28 जून से 16 जुलाई के बीच खेलों में प्रवेश को लेकर बोपन्ना और दिविज शरण का मामला उठाया। ई-मेल के माध्यम से जानकारी मिली कि दो जुलाई को एआईटीए ने आईटीएफ से स्पष्टीकरण मांगा कि वैश्विक संस्था ने कैसे अमेरिका (संयुक्त रैंकिंग 118), स्पेन (संयुक्त रैंकिंग 170) और पुर्तगाल (संयुक्त रैंकिंग 204) को पुरुष डबल्स में जगह दे दी, जबकि उनकी संयुक्त रैंकिंग बोपन्ना और दिविज की 113 की संयुक्त रैंकिंग से कम थी।
एक अन्य ई-मेल में एआईटीए ने आईटीएफ से अपील की कि टोक्यो खेलों में प्रवेश के लिए बोपन्ना और दिविज की 2018 एशियाई खेलों की उपलब्धि पर गौर करें। हालांकि, आईटीएफ ने 2018 में ही घोषणा कर दी थी कि एशियाई खेलों के सिंगल्स विजेताओं को ही महाद्वीपीय कोटा मिलेगा। एआईटीए ने ये ई-मेल बोपन्ना के उस ट्वीट के बाद सार्वजनिक किए हैं, जिसमें उन्होंने वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग पोस्ट की थी। इस वीडियो रिकॉर्डिंग में धूपर को यह कहते हुए सुना गया था कि आईटीएफ ने पुरुष डबल्स में बोपन्ना और सुमित नागल की प्रविष्टि स्वीकार कर ली। धूपर को कहते हुए सुना गया कि शायद कल हमें अच्छी खबर (क्वालीफिकेशन की) मिल जाए।
बोपन्ना ने जब स्पष्ट तौर पर पूछा कि क्या उनकी और नागल की प्रविष्टि को स्वीकार कर लिया गया तो धूपर ने सकारात्मक जवाब दिया। बोपन्ना का कहना है कि आखिर एआईटीए ने उन्हें क्वालीफिकेशन की झूठी उम्मीद क्यों दी। धूपर ने कहा, "फोन काल को रिकार्ड करने और सार्वजनिक करने के कदम को स्वीकार नहीं किया जाएगा। एआईटीए की प्रबंध समिति और आचरण समिति इस पर गौर करेगी। ये दो समितियां फैसला करेंगी कि बोपन्ना के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जरूरत है या नहीं।"
उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि संभावना बने कि हम खिलाड़ियों से सिर्फ ई-मेल के जरिये बात करें जिससे कि सभी चीजें पूरी तरह स्पष्ट हों। वे फोन कॉल को रिकॉर्ड करके सार्वजनिक नहीं कर सकते। अगर अन्य खेल महासंघ बोपन्ना ने जो किया उस पर ध्यान देते हैं और अपने खिलाड़ियों के साथ संवाद के तरीके में बदलाव करते हैं तो मुझे हैरानी नहीं होगी।"
यह पूछने पर कि क्या भारत की डेविस कप टीम में चयन के लिए बोपन्ना के नाम पर विचार किया जाएगा तो धूपर ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। खिलाड़ियों से उपलब्धता के बारे में पूछने के बाद आमतौर पर चयन समिति को 15 खिलाड़ियों का नाम दिया जाता है जिसमें से पांच सदस्यीय टीम का चयन होता है। भारत को डेविस कप मुकाबले में सितंबर में फिनलैंड से उसकी सरजमीं पर भिड़ना है।
वहीं, टेनिस संघ के स्पष्टीकरण के बावजूद इस मामले पर महेश भूपति ने भी बोपन्ना और सानिया को न खेलने की सलाह देते हुए ट्वीट किया कि अगर मैं होता तो पहाड़ों पर रास्ता तलाशने के लिए निकल जाता। इसके अलावा, मुझे नहीं लगता कि यह अक्षमता है। उन्हें बस परवाह नहीं है। जिसका जवाब देते हुए बोपन्ना ने फिर ट्वीट किया कि 50 साल से अभी तक यही चल रहा है। मैं वास्तव में भारतीय टेनिस की बेहतरी के लिए एक बदलाव की उम्मीद करता हूं।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब यह सामने आया कि एआईटीए ने कहा है कि उसने दिविज का नाम वापस ले लिया है और बोपन्ना की नागल के साथ जोड़ी बनाई है जिससे कि भारत के पास पुरुष डबल्स में क्वालीफाई करने का बेहतर मौका होगा। आईटीएफ ने नियमों का हवाला देकर कहा कि बदलाव संभव नहीं होगा और अगर भारत बोपन्ना के साथ नागल की जोड़ी बनाता है तो नई जोड़ी क्वालीफाई नहीं कर पाएगी। 

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