भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इस साल जीता एशिया कप

टोक्यो ओलम्पिक के बाद गिरता ही गया महिला टीम का प्रदर्शन

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। भारतीय हॉकी के लिए साल 2025 कुछ खास नहीं रहा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले साल पेरिस ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था और टीम ने इस साल एशिया कप का खिताब अपने नाम किया। सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति महिला टीम की है जिसके प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। भारतीय हॉकी का यह शताब्दी वर्ष भी है लेकिन आठ बार की ओलम्पिक चैम्पियन टीम के लिये वर्ष 2025 में कुछ भी असाधारण नहीं रहा।

इस वर्ष भारतीय हॉकी की सबसे बड़ी उपलब्धि पुरुष टीम की राजगीर में एशिया कप में जीत रही जहां आठ साल बाद खिताब जीतकर उसने अगले साल 14 से 30 अगस्त तक नीदरलैंड और बेल्जियम में होने वाले एफआईएच विश्व कप का टिकट कटाया। भारतीय टीम ने एक बार फिर उपमहाद्वीप में दबदबा बनाया और सबसे अच्छी बात यह रही कि 15 गोल दागे जबकि सिर्फ दो गंवाए।

फाइनल में भारत ने गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराया जिसमे दिलप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह और अमित रोहिदास ने गोल किए। इससे पहले एफआईएच प्रो लीग में प्रदर्शन निराशाजनक रहा। हरमनप्रीत सिंह की टीम नौ टीमों में आठवें स्थान पर रही और नीचे खिसकने से बाल बाल बची है। घरेलू चरण में भुवनेश्वर में पांच मैच जीतने के बाद यूरोपीय चरण में लगातार सात मैच गंवाए।

अजलन शाह कप में भारत की युवा टीम ने रजत पदक जीता। छह साल बाद टूर्नामेंट खेल रही भारतीय टीम फाइनल में दुनिया की तीसरे नम्बर की टीम बेल्जियम से एक गोल से हारी। लेकिन नए कप्तान डिफेंडर संजय के साथ युवा टीम गई थी जिसमे हरमनप्रीत और मनप्रीत जैसे सीनियर नहीं थे। पुरुष जूनियर टीम ने इस महीने चेन्नई में जूनियर हॉकी विश्व कप में नौ साल बाद कांस्य पदक जीता। कांस्य के मुकाबले में अर्जेंटीना से दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए भारत ने 4-2 से जीत दर्ज की। भारत की नजरें अब अगले साल विश्व कप के अलावा जापान में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतकर लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 में सीधे जगह बनाने पर लगी होंगी।

दूसरी ओर टोक्यो ओलम्पिक 2021 में चौथे स्थान पर रहने के बाद महिला टीम का प्रदर्शन लगातार खराब हुआ है और पिछले साल टीम पेरिस ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी थी। इस साल भी कहानी कमोबेश वही रही। प्रो लीग में टीम दो जीत और 11 हार के बाद आखिरी स्थान पर रही और दूसरे दर्जे की स्पर्धा एफआईएच नेशंस कप में खिसक गई। अब यह टूर्नामेंट जीतकर ही टीम 2026-27 में एफआईएच प्रो लीग में लौट सकेगी। वहीं, सितम्बर में एशिया कप फाइनल में चीन से 1-4 से हारकर अगले साल विश्व कप में भी सीधे जगह नहीं बना सकी। जूनियर महिला टीम सैंटियागो में विश्व कप में 10वें स्थान पर रही।

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