भारतीय क्रिकेट खेल ही नहीं, पैसा बरसाने की मशीन

बीसीसीआई की मिल्कियत रुपये 20,686 करोड़ पहुंची

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट सिर्फ खेल ही नहीं बल्कि पैसा बरसाने वाली मशीन भी है। एक तरफ जहां भारत में अधिकांश खेल सरकार के रहमोकरम पर जिन्दा हैं वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड देश के साल भर के समूचे खेल बजट से अधिक तो आयकर में खर्च कर देता है। क्रिकेट के धनवान बनने के पीछे खिलाड़ियों का अच्छे परिणाम देना तथा भारतीयों का उन पर विश्वास प्रमुख कारण है। दुख की बात है अन्य खेल संगठन पदाधिकारी क्रिकेट की चमक-दमक से रंज तो करते हैं लेकिन उस जैसी व्यावसायिकता का मंत्र आज तक नहीं सीख पाए।  

क्रिकेट में पैसे की बात करें तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले पांच वर्षों में अपने खजाने में 14,627 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। अकेले पिछले वित्त वर्ष में ही 4,193 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद बीसीसीआई के पास नकद और बैंक बैलेंस मिलाकर कुल 20,686 करोड़ रुपये हो गए हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।

क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य संघों का पूरा बकाया चुकाने के बाद भी बीसीसीआई की आमदनी लगातार बढ़ी है। 2019 में जहां बीसीसीआई का सामान्य कोष 3,906 करोड़ रुपये था, वहीं 2024 में यह लगभग दोगुना होकर 7,988 करोड़ रुपये हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की वार्षिक आम बैठक में प्रस्तुत लेखा विवरण में कहा गया है, 'मानद सचिव ने सदस्यों को बताया कि 2019 से बीसीसीआई का नकद और बैंक बैलेंस 6,059 करोड़ रुपये से बढ़कर 20,686 करोड़ रुपये हो गया है, वह भी राज्य क्रिकेट संघों को पूरा भुगतान करने के बाद। 2019 से, बीसीसीआई ने पिछले पांच वर्षों में कुल 14,627 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है।

सिर्फ पिछले वित्त वर्ष में ही यह बढ़ोतरी 4,193 करोड़ रुपये की रही।' इसके अलावा, 2019 से, सामान्य निधि भी 3,906 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,988 करोड़ रुपये हो गई है, जो 4,082 करोड़ रुपये की वृद्धि है। बीसीसीआई ने कर देनदारियों को देखते हुए भी बड़ी रकम अलग रखी है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3,150 करोड़ रुपये आयकर प्रावधान में डाले गए हैं, हालांकि यह मामला अदालतों और न्यायाधिकरणों में अभी चल रहा है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पिछले साल घरेलू अंतरराष्ट्रीय मैच कम होने से मीडिया अधिकार आय घटकर 813.14 करोड़ रुपये रह गई, जबकि इसके पहले यह 2,524.80 करोड़ रुपये थी। लेकिन जमा पूंजी पर बेहतर रिटर्न मिलने से निवेश से आय 533.05 करोड़ रुपये से बढ़कर 986.45 करोड़ रुपये हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल और आईसीसी से मिलने वाले हिस्से की मदद से बीसीसीआई ने 2023-24 में 1,623.08 करोड़ रुपये का अधिशेष कमाया, जो 2022-23 के 1,167.99 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

2023-24 के लिए, बीसीसीआई ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,200 करोड़ रुपये, फ्लैटिनम जुबली बेनेवोलेंट फंड के लिए 350 करोड़ रुपये और क्रिकेट विकास के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। राज्य संघों को 1,990.18 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि चालू वर्ष के लिए 2,013.97 करोड़ रुपये देने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आंकड़े 28 सितंबर को बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक में औपचारिक रूप से प्रस्तुत किए जाएंगे।

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