पीटी ऊषा पर लगा तानाशाही से काम करने का आरोप

भारतीय ओलम्पिक संघ के सदस्यों ने आईओसी को लिखा पत्र
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में चला आ रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है और अब अध्यक्ष पीटी उषा पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया गया है। उषा और कार्यकारी परिषद के कुछ सदस्यों के बीच विवाद चल रहा है और अब इसने एक नया मोड़ ले लिया है। आईओए का विवाद अब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) तक पहुंच गया है। दरअसल, 12 सदस्यों ने आईओसी के एक वरिष्ठ अधिकारी जेरोम पोइवे को पत्र लिखकर उषा पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया है। 
आईओए की गुरुवार को हुई बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक हुई जिसमें उषा ने रघुराम अय्यर को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद से हटाने की उनकी अपील को सिरे से खारिज कर दिया था। उषा ने अपनी ओर से पहले ही कहा है कि अय्यर की नियुक्ति पांच जनवरी को कार्यकारी परिषद बैठक में आईओए संविधान का सख्ती से पालन करते हुए की गई थी जिसकी वीडियोग्राफी की गई थी जिससे इस फैसले से पीछे हटने का कोई कारण नहीं था। 
नारंग और पहलवान योगेश्वर दत्त भी पत्र भेजने में शामिल
आईओसी में संस्थागत संबंध और शासन के प्रमुख पोइवे को लिखे पत्र में इन 12 सदस्यों ने कहा कि वे चाहते हैं कि राष्ट्रीय संस्था का संचालन लोकतांत्रिक तरीके से हो। कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने पोइवे को लिखा कि वे आईओए के सीईओ के पद के लिए फिर से विज्ञापन देंगे। उन्होंने लिखा, अगले दो महीनों के अंदर अध्यक्ष के साथ मिलकर एक उपयुक्त उम्मीदवार को नियुक्त करने का लक्ष्य है। हम आईओए अध्यक्ष के आचरण से बहुत चिंतित हैं जिनका तानाशाही व्यवहार हमेशा खेदजनक रहा है। 
हमें आपके ऐसे अनुभव से गुजरने के लिए भी खेद है जो उनके लिए हर एक बैठक या मौके पर अपने सहयोगियों के विचारों और चिंताओं को कम आंकना नियम बन गया है।' वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय एच पटेल, उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी देव और गगन नारंग, कोषाध्यक्ष सहदेव यादव, संयुक्त सचिव अलकनंदा अशोक और कल्याण चौबे, अन्य कार्यकारी परिषद सदस्य अमिताभ शर्मा, भूपेंद्र सिंह बाजवा, रोहित राजपाल, डोला बनर्जी, हरपाल सिंह और योगेश्वर दत्त ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

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