भारत के बब्बर शेर अमन सहरावत ने चीन के पहलवान को उठा-उठाकर पटका

तिरंगे के साथ जश्न न मना पाने का पहलवान को मलाल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
जगरेब में भारत के बब्बर शेर अमन सहरावत ने चीन के पहलवान को न केवल उठा-उठाकर पटका बल्कि स्वर्ण पदक जीतकर अपने दमखम का डंका पीटा। अमन को मलाल तो इस बात का है कि वह भारतीय तिरंगे के साथ जश्न न मना सका। भारतीय कुश्ती की फिक्र करने वाले खेलनहारों से गुजारिश है कि सभी विवादों का पटाक्षेप करते हुए कोशिश यह हो कि भारतीय कुश्ती संघ पर लगा प्रतिबंध हटे ताकि भारतीय पहलवान तिरंगे के नीचे खेल सकें।
दो दिन पहले भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने जगरेब ओपन रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में चीन के दुनिया के सातवें नम्बर के पहलवान वान्हाओ जोउ को 10-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। सहरावत ने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत दर्ज की। पिछले कुछ समय से विवादों से जूझ रहे भारतीय कुश्ती जगत के लिये यह अच्छी खबर रही। भारतीय दल यहां यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के बैनर तले खेल रहा है क्योंकि समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण भारतीय कुश्ती महासंघ को पिछले साल निलम्बित कर दिया गया था। 
इस प्रतियोगिता में अमन सहरावत ने 13वीं रैंकिंग वाले तुर्किये के मुहम्मद कारावुस के खिलाफ 15-4 से जीत के साथ आगाज किया था। उसके बाद हांगझोउ एशियाई खेलों में 57 किलोवर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले अमन ने 19वीं रैंकिंग वाले अमेरिका के रिचर्ड्स जेन राये रोड्स को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर 11-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। अंतिम चार में उन्होंने जॉर्जिया के रॉबर्टी डी को 11-0 से मात दी वहीं फाइनल में जोउ को हराया। एशियाई खेलों में रजत और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले फ्रीस्टाइल पहलवान दीपक पूनिया 86 किलो वर्ग की पदक दौड़ में जगह नहीं बना सके। वह पहले दौर में कजाखस्तान के अजमत दौलतबेकोव से हार गए। रेपेशॉज में उन्होंने एक मुकाबला जीता और एक हार गए।

 

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