मनीषा कल्याण और सुनील छेत्री साल के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर
कप्तान सुनील ने सातवीं बार जीता खिताब
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। भारत की नेशनल फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को 2021-22 सत्र के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) का साल का सर्वश्रेष्ठ पुरुष फुटबॉलर चुना गया है, जबकि महिला वर्ग में मनीषा कल्याण को यह सम्मान मिला। छेत्री को सातवीं बार यह पुरस्कार मिला है, जबकि मनीषा पहली बार इस पुरस्कार के लिए चुनीं गईं।
सुनील छेत्री और मनीषा को राष्ट्रीय टीम के उनके कोच क्रमश: इगोर स्टिमक और थॉमस डेनरबी ने विजेता नामित किया। सक्रिय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बीच तीसरे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी छेत्री को 2007 में पहली बार इस पुरस्कार के लिए चुना गया था। उन्होंने इसके बाद 2011, 2013, 2014, 2017 और 2018-19 सत्र में भी यह पुरस्कार जीता।
मेंस टीम के कोच इगोर स्टिमक ने कहा, ''सुनील पांच गोल के साथ हमारे सर्वोच्च गोल करने वाले खिलाड़ी थे और सैफ कप में उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुने गए थे। इसके अलावा उन्होंने कोलकाता में एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में तीन मैच में चार गोल किए। उनकी प्रतिबद्धता, नेतृत्व, अनुशासन और कड़ी मेहनत बुरे और अच्छे समय में प्रभावशाली थी।''
वहीं, मनीषा कल्याण को पहली बार साल की सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉलर चुना गया। उन्होंने 2020-21 सत्र में साल की सर्वश्रेष्ठ उभरती हुई महिला फुटबॉलर का पुरस्कार जीता था। उनकी कोच डेनरबी ने कहा, ''मनीषा ने राष्ट्रीय टीम और अपने क्लब के लिए कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन किए हैं। उसने गोल किए हैं और नियमित रूप से गोल करने में सहायता भी की है।''
मनीषा ने हाल ही में साइप्रस के शीर्ष डिवीजन चैम्पियन अपोलोन लेडीज के साथ एक बहु-वर्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस टीम ने 2022-23 यूएफा महिला चैंपियंस लीग के क्वालीफाइंग दौर में जगह बनाई है। अन्य पुरस्कारों में मार्टिना थोकचोम को 2021-22 के लिए सर्वश्रेष्ठ उभरती हुई महिला फुटबॉलर चुना गया जबकि पुरुष वर्ग मे यह पुरस्कार विक्रम प्रताप सिंह की झोली में गया।
एआईएफएफ पुरस्कार (2021-22): वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉलर: मनीषा कल्याण, वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पुरुष फुटबॉलर: सुनील छेत्री, वर्ष की सर्वश्रेष्ठ उभरती हुई महिला खिलाड़ी: मार्टिना थोकचोम, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ उभरता पुरुष खिलाड़ी: विक्रम प्रताप सिंह, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ रेफरी: क्रिस्टल जॉन, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ सहायक रेफरी: उज्जवल हलदर।