एथलीट निशा त्रिपाठी ने लखनऊ में फहराया कानपुर का परचम

राज्यस्तरीय मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जीते दो स्वर्ण सहित तीन मेडल

2019 में वाराणसी में भी जीते थे दो स्वर्ण और एक रजत पदक

खेलपथ प्रतिनिधि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के उत्तर रेलवे स्टेडियम चारबाग में 24 और 25 फरवरी को हुई 30वीं उत्तर प्रदेश मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में कानपुर की एथलीट निशा त्रिपाठी ने दो स्वर्ण तथा एक रजत पदक सहित तीन पदक जीतकर अपने दमखम और खेल कौशल का परिचय दिया। निशा ने 35 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की 100 और 200 मीटर दौड़ों में जहां स्वर्णिम सफलता हासिल की वहीं लम्बीकूद में चांदी के पदक से अपना गला सजाया।

लखनऊ में हुई दो दिवसीय उत्तर प्रदेश मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में कानपुर की जरौली निवासी निशा त्रिपाठी ने अपने शानदार प्रदर्शन से न केवल खेलप्रेमियों को प्रभावित किया बल्कि 100 मीटर फर्राटा दौड़ के साथ ही 200 मीटर दौड़ में सभी प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ते हुए स्वर्णिम सफलता हासिल की। निशा ने लम्बीकूद में भी चांदी का पदक जीता। 200 मीटर दौड़ और लम्बीकूद स्पर्धा के बीच समय कम होने के चलते निशा लम्बीकूद में स्वर्ण पदक से वंचित रह गईं, जिसका इन्हें मलाल है। उत्तर प्रदेश मास्टर्स एथलेटिक्स एसोसिएशन को ऐसी प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखना है तो उसे स्पर्धाओं के बीच उचित समय का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

निशा त्रिपाठी की जहां तक बात है उन्होंने 2019 में वाराणसी में हुई राज्यस्तरीय मास्टर्स एथलेटिक्स स्पर्धा में भी तीन पदक जीते थे। तब निशा को 200 मीटर दौड़ तथा लम्बीकूद में स्वर्णिम सफलता हासिल हुई थी जबकि 100 मीटर दौड़ में उन्हें चांदी का पदक मिला था। जो भी हो निशा त्रिपाठी तीन पदक जीतकर कानपुर का गौरव बढ़ाने में जरूर सफल रहीं। निशा की इस शानदार सफलता पर कानपुर के खेल संगठन पदाधिकारियों ने बधाई देते हुए राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीतने की शुभकामनाएं दीं। खेलपथ से बातचीत में निशा त्रिपाठी का कहना है कि इस बार उनका लक्ष्य तीन स्वर्ण पदक का था लेकिन उनकी एक ही दिन में तीनों प्रतिस्पर्धाएं होना तथा 200 मीटर दौड़ और लम्बीकूद स्पर्धा के बीच बहुत कम समय होने से परेशानी हुई। निशा का कहना है कि अब वह राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स स्पर्धा की तैयारी करेंगी ताकि वहां पदक जीत सकें।

 

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