मोहनी की मदद के बजाय मधु यादव ने दी जम्मू जाने की सलाह

कोच मोबाइल बंद कर गायब, विभाग ने कहा- महिला अपराध का केस बनता है

मामला मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी जबलपुर का

बी.पी. श्रीवास्तव

भोपाल। आखिरकार, खेल विभाग की लापरवाही और पुलिस की लचर कार्रवाई के चलते जबलपुर के रानीताल स्टेडियम में संचालित मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकादमी में एक बार फिर मंगलवार की शाम को हंगामा हुआ। मामला, पति-पत्नी और वो का है। पत्नी के अकादमी पहुंचने पर कोच रिछपाल सिंह सलारिया ने उसकी जमकर पिटाई कर दी, जिसमें अकादमी का सहायक कोच अशोक यादव भी सहभागी बना। मीडिया के हस्तक्षेप के बाद मोहिनी नामक महिला को उसके पति से बचाया जा सका।

पुलिस ने औपचारिकताएं पूरी कर जम्मू से आई मोहिनी को रात में जबलपुर जेल लाइन स्थित महिला सुधार गृह में ठहरा दिया है। पिटाई से जख्मी कोच की पत्नी का कहना है कि उसकी तबियत बहुत खराब है, इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। रात से सुबह तक खाने आदि का भी कोई इंतजाम नहीं है। एसपी जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा फोन काट रहे हैं। 1090 यानी महिला अपराधा शाखा का फोन भी बंद है। मजबूरन सीएम हेल्पलाइन 181 मिलाया लेकिन कनेक्ट नहीं हुआ। हालांकि हॉकी ओलम्पियन मधु यादव दोपहर में मोहिनी से जरूर मिलने पहुंचीं, लेकिन मदद के बजाय जम्मू का टिकट कटाने की बात कहकर चलती बनीं।

पूरी घटना से खेल विभाग और मध्य प्रदेश शासन की भद्द पिट रही है। दो-तीन साल पुराने मामले को न तो विभाग के आला अफसर सुलझा पाए और न ही जबलपुर पुलिस ने किसी तरह की काउंसिलिंग कर निपटाने का जिम्मा उठाया। दो साल पहले भी इसी तरह का हंगामा अकादमी में हुआ था। मामला भी जबलपुर के लॉर्डगंज थाने से लेकर एसपी तक पहुंचा था। बीच-बीच में कोच की पत्नी पुलिस अफसरों से अपनी व्यथा सुनाती रही लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी तरह की कार्यशैली खेल एवं युवा कल्याण विभाग की रही।

पिछली 14 फरवरी को तत्कालीन खेल संचालक एसएल थाउसेन ने एक नोटरी कराकर मोहनी को 25 हजार रुपए हर माह देने का समझौता कराया था, लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। यहां बदमाशी यह हुई की कोच की पत्नी को नोटरी की प्रति तक मुहैया नहीं कराई गई लिहाजा, परेशान होकर वापस जम्मू लौट गई। यहां बता दें,  कोच रिछपाल सिंह सिलारिया को आर्मी से हर माह 20 हजार रुपए पेंशन एवं खेल विभाग मध्य प्रदेश से एक लाख 35 हजार रुपए मिलते हैं। जिसमें से वह कोर्ट के आदेशानुसार मात्र 10 हजार रुपए मोहिनी के अकाउंट में जमा करता था, यह राशि भी कई माह से कोच ने जमा नहीं की है।

कोच कमाई का अधिकांश पैसा केसों को मैनेज करने में लगा रहा

सूत्र बताते हैं कि कोच रिछपाल ने पत्नी मोहिनी से पीछा छुड़ाने जम्मू कोर्ट में तलाक का केस दायर किया हुआ है। इसके अलावा खुद के वकील और विपक्षी वकीलों को मैनेज कर, मोहिनी के पक्ष को कमजोर कर रहा है। इसी मैनेजमेंट के चलते कई ऐसे आदेश पारित करा लिए हैं जिसमें कहा गया है कि मोहिनी अपनी समस्याओं के लिए मीडिया एवं अन्य स्थानों पर नहीं जा सकती है। बताते हैं मोहिनी पढ़ी-लिखी नहीं है और कानून के तौर-तरीके भी नहीं समझती है।

दिव्यांग बेटे की चिंता न आठ साल की बेटी की

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोच रिछपाल सिंह का एक 16 साल का बेटा है, पिछले कुछ साल से गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के कारण चल-फिर नहीं सकता एवं उसे हमेशा ही किसी सहारे की जरूरत रहती है। पत्नी का आरोप है कि रिछपाल उसकी देखभाल नहीं करता, उसे फिजियोथैरेपी की जरूरत है। न तो उसके इलाज की कोई व्यवस्था की और न उसे फिजियोथैरेपी मिल पा रही है। इसके अलावा आठ साल की बेटी के आंसू भी पिता के वियोग में सूख गए हैं।

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