शतरंज को जमीनी स्तर पर जोड़ेंगे संजय कपूर

पहली बार संगठन की कमान उत्तर भारत के हाथ
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
भारतीय शतरंज संघ की बादशाहत 70 वर्षों के इतिहास में पहली बार दक्षिण से निकल कर उत्तर भारत के हाथों में आई है। कानपुर के उद्योगपति संजय कपूर ने इस कारनामे को अंजाम देते हुए भारतीय शतरंज संघ के अध्यक्ष के रूप में चुनाव जीता है। संजय साफ कर देते हैं कि उनका पहला लक्ष्य विश्वनाथन आनंद, कोनेरू हंपी, पी. हरिकृष्णा, विदित गुजराती जैसे कई देश के शतरंज सितारों को बिना किसी विवाद के पूरा सहयोग उपलब्ध कराना रहेगा। जिससे ये सितारे रूस की तरह दुनिया में भारतीय शतरंज का वर्चस्व स्थापित कर सकें।
इसके बाद वह दक्षिण भारत की तरह उत्तर भारत के राज्यों में भी शतरंज को स्थापित करेंगे। वैसे उनके एजेंडे में देश का हर राज्य रहेगा, लेकिन पहले की तरह शतरंज सिर्फ दक्षिण भारत में सुर्खियों में नहीं रहेगा बल्कि पूरे देश में सभी को मौका दिया जाएगा।
कानपुर और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से भी जुड़े संजय कहते हैं कि वह शतरंज को जमीनी स्तर पर जोड़ेंगे। उनकी कोशिश रहेगी कि संघ को खेल मंत्रालय से जल्द मान्यता मिले। हर राज्य में शतरंज के टूर्नामेंट कराना उनकी प्राथमिकता में होगा।
पिछले कुछ वर्षों में आनंद और हंपी जैसे दिग्गजों का भारतीय शतरंज संघ के साथ अनुभव अच्छा नहीं रहा। एक बार हंपी को ओलंपियाड में ही खेलने से रोक दिया गया था। आनंद भी शतरंज संघ पर उपेक्षा के आरोप लगाते रहे हैं। संजय का कहना है कि वह पुराने विवादों में झांकना नहीं चाहते हैं, लेकिन यह साफ कर देते हैं कि अब हमारे सितारों को किसी तरह की शिकायत नहीं मिलेगी।

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