कुमुद सिंह पाल प्रयागराज में बहा रहीं खेलों की त्रिवेणी

हाकी छोड़ एथलेटिक्स में बनाई पहचान

सपना खेल परिवार इलाहाबाद से निकले कोई सितारा खिलाड़ी

नूतन शुक्ला

प्रयागराज। खेल, खेल बस खेल। सोते-जगते खेलों की बेहतरी के बारे में सोचना ही जिसका मकसद हो ऐसी बेमिसाल युवा एथलेटिक्स प्रशिक्षक हैं प्रयागराज की कुमुद सिंह पाल। कुमुद को बचपन में राष्ट्रीय खेल हाकी से बेहद लगाव रहा लेकिन कुलदीप सिंह सर की सलाह पर प्रयागराज की इस बेटी ने एथलेटिक्स में अपना भाग्य आजमाने का निश्चय किया। अब तक तीन आल इंडिया यूनिवर्सिटी में अपना दमखम दिखा चुकी कुमुद सिंह पाल फिलवक्त खेल परिवार इलाहाबाद एकेडमी में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को एथलेटिक्स के बेसिक्स सिखा रही हैं।

खेलों को पूरी तरह से समर्पित कुमुद ने बीपीएड करने के बाद ग्वालियर के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय खेल संस्थान से एनआईएस करने का निश्चय किया है। उड़न सिख मिल्खा सिंह और उड़न परी पी.टी. ऊषा को अपना आदर्श मानने वाली कुमुद कहती हैं कि प्रयागराज में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। अतीत में इस शहर ने जहां देश को कई शानदार खिलाड़ी दिए हैं वहीं इस समय यहां ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिनसे हम मेडल जीतने का भरोसा कर सकते हैं।

राज्यस्तर पर दर्जनों पदक जीत चुकी कुमुद सिंह पाल आल इंडिया यूनिवर्सिटी में एक बार नहीं बल्कि तीन बार धाक जमा चुकी हैं। कुमुद बताती हैं कि खेलों में मेरे सपनों को पंख लगाने का सारा श्रेय कुलदीप सर को जाता है। इन्होंने न केवल मेरी प्रतिभा को पहचाना बल्कि उसे तराशने में भी जीतोड़ मेहनत की। इन्हीं के प्रयासों से मैं स्कूल-कालेज स्तर पर एथलेटिक्स में प्रयागराज का गौरव बढ़ाने में सफल हो सकी। मेरा मानना है कि खेल सिर्फ स्वस्थ रहने के लिए ही नहीं बल्कि करियर की दृष्टि से भी काफी अहम हैं।

कुमुद बताती हैं कि खेल परिवार इलाहाबाद एकेडमी में पिछले एक दशक से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां के कई खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का कमाल दिखा चुके हैं। कुमुद कुलदीप सर को अपना प्रेरणास्रोत मानते हुए कहती हैं कि उन जैसे जुनूनी और जज्बे के लोग यदि हर शहर और गांव में हो जाएं तो हमारे देश की भी खेलों में तकदीर व तस्वीर बदल सकती है।   

कुमुद का कहना है कि खेल परिवार इलाहाबाद एकेडमी का मुख्य उद्देश्य खेलों के माध्यम से स्वस्थ भारत का निर्माण करना है। मैं इस एकेडमी के माध्यम से बेटियों को खेलों से जोड़ने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए प्राणपण से लगी हुई हूं। मैं चाहती हूं कि नई पीढ़ी खासकर बेटियों का खेलों के प्रति आकर्षण बढ़े और खेलों के माध्यम से उनमें राष्ट्रीय चरित्र की भावना का भी निर्माण हो। कुमुद कहती हैं कि एक खिलाड़ी होने के नाते मैं खेलों के महत्व को न केवल समझती हूं बल्कि बच्चों का आह्वान करती हूं कि वे खेलों और व्यायाम को अपनी जीवन शैली में समाहित करें ताकि स्वस्थ भारत के संकल्प को पूरा किया जा सके।

कुमुद कहती हैं कि देश को खेल महाशक्ति बनाने में युवा पीढ़ी ही मददगार साबित हो सकती है, लिहाजा वह खेल परिवार इलाहाबाद एकेडमी के माध्यम से बालक-बालिकाओं को खेलों की दिशा में निरंतर प्रेरित कर रही हैं। रामखेलावन पाल की बेटी कुमुद बताती हैं कि खेल परिवार इलाहाबाद एकेडमी में खेलों को लेकर न केवल अच्छा माहौल है बल्कि इससे लगातार खेल प्रतिभाएं जुड़ रही हैं। कुमुद कहती हैं कि मेरा सपना है कि खेल परिवार इलाहाबाद एकेडमी से कोई ऐसा सितारा एथलीट निकले जिसकी दुनिया में धाक जमे। कुमुद न केवल प्रयागराज की बेटियों बल्कि होनहार बेटों की भी प्रतिभा निखार रही हैं।

 

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