कानपुर में पावरलिफ्टिंग को पावर दे रहे सौरभ कुमार गौड़

देश को दे चुके हैं छह इंटरनेशनल पावरलिफ्टर बेटे-बेटियां

मनीषा शुक्ला

कानपुर। कहते हैं कि इंसान में कुछ करने की ललक हो तो परिस्थितियां कैसी भी हों वह अपना शत-प्रतिशत योगदान देकर अपने जिले, प्रदेश और राष्ट्र का भला कर सकता है। खिलाड़ियों के शहर कानपुर से वास्ता रखने वाले सौरभ कुमार गौड़ न केवल खेलों के प्रति पूर्ण समर्पित हैं बल्कि अपने अथक प्रयासों से उत्तर प्रदेश को नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल पावरलिफ्टर भी दे रहे हैं। श्री गौड़ अब तक देश को छह इंटरनेशनल पावरलिफ्टर बेटे-बेटियां दे चुके हैं।

सौरभ कुमार गौड़ की जहां तक बात है, इन्होंने बचपन से ही खेलों को अपनी जिन्दगी का हिस्सा बना लिया था। यद्यपि प्रकाश-विजयलक्ष्मी की संतति सौरभ कुमार के परिवार में खेल का माहौल नहीं था बावजूद इसके इन्होंने खेलों में करियर संवारने का संकल्प लिया। संकल्प लेने मात्र से इंसान को उसकी मंजिल नहीं मिलती। इसके लिए उसे अपना सब कुछ होम करना होता है। सौरभ कुमार ने पहले खेलों में जौहर दिखाए फिर इन्होंने खेलों की तालीम हासिल कर कानपुर शहर की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाने का संकल्प लिया। श्री गौड़ अपने प्रयासों में अब तक सफल साबित हुए हैं।

सौरभ कुमार बीपीएड, एमपीएड, डिप्लोमा ऑफ न्यूट्रिशन एण्ड हेल्थ एज्यूकेशन, एन.आई.एस. (एथलेटिक) शॉर्ट टर्म कोर्स करने के बाद आज अपने अधूरे सपनों को कानपुर की प्रतिभाओं के कौशल से पूरा करना चाहते हैं। सौरभ कुमार बताते हैं कि वह एक संयुक्त और मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। बचपन में मेरे घर में खेल का माहौल ज्यादा नहीं था बावजूद इसके मेरे चाचा धीरेंद्र गौड़ ने मुझे खेलों की ओर प्रेरित किया। चाचा जी ने ही सबसे पहले मुझे क्रिकेट बैट दिलाया। चाचा की प्रेरणा और माता-पिता के हौसले से ही मैं खेलों को आत्मसात करने का निर्णय ले सका।

सौरभ बताते हैं कि उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सरस्वती ज्ञान मंदिर कानपुर से प्रारम्भ हुई। वहां के अध्यापक सुरेश जी जोकि संस्कृत के अध्यापक थे, उन्होंने मुझे विद्या भारती द्वारा आयोजित खेलों में खेलने का मौका दिलाया। उन्होंने ही मुझे कबड्डी और कुश्ती के गुर सिखाए। सौरभ कुमार पांचवीं से आठवीं तक विद्या भारती के जिलास्तरीय, राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय खेल जोकि हरियाणा, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में हुए, न केवल प्रतिभाग किया बल्कि विजेता भी बने। सौरभ कुमार को प्रारम्भिक सफलता ने जहां हौसला दिया वहीं इन्होंने पी.पी.एन. इंटर कॉलेज की तरफ से भी एथलेटिक्स में मंडल और राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीते।

सौरभ बताते हैं कि खेलों में लगाव होने की वजह से मैंने वीएसएसडी कॉलेज कानपुर में प्रवेश लिया। वहां मेरे मित्र अनिल कुशवाह ने मुझे आनंद बिहारी श्रीवास्तव सर से मिलवाया जोकि वहां के क्रीड़ा विभाग के विभागाध्यक्ष थे। सर हमेशा से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते और उन्हें हर सुविधा प्रदान करते थे। श्रीवास्तव सर ने मुझे एथलेटिक्स और पावर लिफ्टिंग में खेलने के लिए प्रेरित किया। सौरभ कुमार को एथलेटिक के गुर नरेश चौधरी और दिनेश भदौरिया ने सिखाए। कहते हैं यदि खिलाड़ी को अच्छे प्रशिक्षक मिल जाएं तो उसे सफलता से कोई नहीं रोक सकता। सौरभ के साथ भी ऐसा ही हुआ। सौरभ ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी खेलों में भी मेडल जीते। वह 2003 में पीपीएन कॉलेज एथलेटिक टीम के कैप्टन रहने के साथ ही छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रहे। सौरभ कुमार ने एनसीसी का सी सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया। सौरभ कुमार गौड़ बताते हैं कि पीपीएन कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील शुक्ला ने मुझे बीपीएड  करने की सलाह दी। उनके मार्गदर्शन में मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीपीएड,  एमपीएड किया और उस दौरान एथलेटिक की स्टेट लेवल, नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया। सौरभ ने नॉर्थ इंडिया यूनिवर्सिटी, ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में भी प्रतिभाग किया।

वर्तमान में सौरभ कुमार गौड़ गौरव मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल में स्पोर्ट्स एण्ड फिजिकल एज्यूकेशन विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। इनसे तालीम हासिल बच्चे एथलेटिक्स में नेशनल लेवल, सीबीएस क्लस्टर तथा  स्टेट लेवल पर मेडल जीत रहे हैं। नेशनल लेवल पर पदक विजेता खिलाड़ियों में प्रमुख रूप से यशस्वी बाजपेई, कृति खन्ना, अर्पित राय तथा अपूर्वा सिंह शामिल हैं। सौरभ कुमार बताते हैं कि 2009 में मेरी मुलाकात इंटरनेशनल पावर लिफ्टर, भारतीय पावरलिफ्टिंग महासंघ के संयुक्त सचिव राहुल शुक्ला और राजेश दीक्षित से हुई, यह मेरे गुरु भाई हैं। इन लोगों ने मुझे पावरलिफ्टिंग में बच्चों को प्रतिभाग कराने के लिए प्रेरित किया। सौरभ कुमार गौड़ बताते हैं कि अभी तक 20  से ज्यादा बच्चे पावरलिफ्टिंग में नेशनल लेवल पर खेल चुके हैं और उनमें कुछ बच्चे इंटरनेशनल लेवल पर भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

पावरलिफ्टिंग में बालक वर्ग में संकेत गंगवार, अनीश केडिया, आशीष जोसेफ ने जमशेदपुर में आयोजित सुब्रतो क्लासिक इंटरनेशनल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया तो बालिकाओं में कौशिकी अवस्थी, आंशिक तिवारी, खुशी यादव का चयन अमेरिका में होने वाली वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग के लिए भी हुआ है। सौरभ कुमार गौड़ वर्तमान में कानपुर पावर लिफ्टिंग एसोसिएशन के सचिव, कानपुर जिला नेट बॉल एसोसिएशन के सचिव होने के साथ ही  पावरलिफ्टिंग, स्ट्रेंथ लिफ्टिंग के नेशनल रेफरी भी हैं। खेलों को पूरी तरह से समर्पित सौरभ कुमार का कहना है कि ओलम्पिक खेलों में मेडलों की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी है कि लड़कों के साथ ही लड़कियों को भी अधिकाधिक खेलने के अवसर मिलें।

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