राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में मध्य प्रदेश को जोरदार झटका

अर्जुन और द्रोणाचार्य अवार्डों में किसी को तवज्जो नहीं

श्रीप्रकाश शुक्ला

ग्वालियर। खेलों में विकास के नाम अकूत पैसा खर्च करने वाले मध्य प्रदेश के लिए इस साल भी खेल पुरस्कारों में कोई खास उपलब्धि नहीं जुड़ पाई। भला हो मध्य प्रदेश खेल मलखम्ब का जिसके प्रशिक्षक योगेश मालवीय चयन समिति की अनुशंसित नियमित द्रोणाचार्य अवार्ड की सूची में शामिल हो सके। इस बार खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा चार खिलाड़ियों मुस्कान किरार, कमल चावला, समीर वर्मा, चिंकी यादव के नाम अर्जुन अवार्ड तथा रिछपाल सिंह सलारिया और परमजीत सिंह बरार के नाम द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नामांकित किए गए थे।

ज्ञातव्य है कि इस बार केन्द्रीय खेल मंत्रालय द्वारा कोरोना संक्रमण को देखते हुए खेल पुरस्कारों के लिए आनलाइन नामांकन करने की 22 जून तक खुली छूट दी गई थी। इस बार अर्जुन, द्रोणाचार्य तथा ध्यानचंद अवार्ड के लिए रिकार्ड 506 लोगों ने नामांकन किए जिनकी 17 और 18 अगस्त को 12 सदस्यीय टीम द्वारा जांच करने के बाद खेल मंत्रालय को सूची सौंप दी गई है। समिति द्वारा इस बार 29 खिलाड़ियों को अर्जुन, 15 को ध्यानचंद तथा 13 लोगों के नामों की द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए अनुशंसा की गई है।

यह अफसोस और सोचनीय बात है कि हर साल की तरह इस बार भी राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में मध्य प्रदेश के खाते में खास सफलता दर्ज नहीं हुई है। बैडमिंटन खिलाड़ी समीर वर्मा, शूटर चिंकी यादव, तीरंदाज मुस्कान किरार तथा स्नूकर खिलाड़ी कमल चावला जहां अर्जुन अवार्ड हासिल करने में असफल रहे वहीं हाकी प्रशिक्षक परमजीत सिंह बरार तथा तीरंदाजी प्रशिक्षक रिछपाल सिंह सलारिया द्रोणाचार्य अवार्ड की पहली ही अनुशंसित सूची में स्थान बनाने में असफल हो गए। मध्य प्रदेश के राज्य खेल मलखम्ब के लिए खुशी की बात है कि उसके प्रशिक्षक योगेश मालवीय का नाम नियमित द्रोणाचार्य अवार्ड की सूची में शामिल है। राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की सूची पर अंतिम फैसला खेल मंत्रालय को करना है, ऐसे में यदि योगेश मालवीय का नाम हटता है तो मध्य प्रदेश के लिए काफी निराशाजनक होगा।

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार किसी भी राज्य की खेल-गतिविधियों का सही मूल्यांकन होते हैं ऐसे में जो मध्य प्रदेश पिछले 15 वर्षों से खेलों के विकास का राग अलापते हुए पानी की तरह पैसा बहा रहा है, उसे अपनी खेल नीतियों पर नए सिरे से विचार करना होगा। खेल एवं युवा कल्याण विभाग को उन कारणों को जानना होगा जिनकी वजह से मध्य प्रदेश के खिलाड़ी और प्रशिक्षक अर्जुन और द्रोणाचार्य अवार्डों से वंचित हो रहे हैं।

इन नामों को अर्जुन अवार्ड की अनुशंसा

इशांत शर्मा, दीप्ति शर्मा (क्रिकेट), अतानु दास (तीरंदाजी), शिवा केशवन (ल्यूज), दुती चंद (एथलेटिक्स), सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी (बैडमिंटन) विशेष भृगुवंशी (बास्केटबाल), मनीष कौशिक, लवलीना (बॉक्सिंग), ऋषि सावंत (घुड़सवारी), संदेश झींगन (फुटबॉल), अदिति अशोक (गोल्फ), आकाशदीप सिंह, दीपिका ठाकुर (हॉकी), दीपक हुड्डा (कबड्डी), सारिका काले (खो-खो), दत्तू भोकानल (रोइंग), मनु भाकर, सौरभ चौधरी (शूटिंग), मधुरिका पाटकर (टेबल टेनिस), दिविज शरण (टेनिस), दिव्या काकरान, राहुल अवारे, साक्षी मलिक (कुश्ती), मीराबाई चानू (वेटलिफ्टिंग) सुयश जाधव (पैरा एथलेटिक्स), संदीप (पैरा एथलेटिक्स), मनीष नरवाल (पैरा शूटिंग)।

इन नामों को द्रोणाचार्य अवार्ड की अनुशंसा

नरेश कुमार (टेनिस), ओमप्रकाश दहिया (कुश्ती), के.के. हूडा (कबड्डी), धर्मेन्द्र तिवारी (तीरंदाजी), रोमेश पठानिया (हाकी पुरुष), पुरुषोत्तम राय (एथलेटिक्स) शिव सिंह (महिला बाक्सिंग), विजय मुनीश्वर (पैरा पावरलिफ्टिंग) को लाइफ टाइम द्रोणाचार्य अवार्ड की सूची में शामिल किया गया है जबकि जसपाल राणा (शूटिंग), योगेश मालवीय (मलखम्ब), जूड फेलिक्स (हाकी), कुलदीप हांडू (वुशू) तथा गौरव खन्ना (पैरा बैडमिंटन) को नियमित द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए अनुशंसित किया गया है।    

 

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