दिव्यांग क्रिकेटर धामी पत्थर तोड़कर कर रहे गुजारा

कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं धामी
खेलपथ संवाद
पिथौरागढ़।
उत्तराखंड के दिव्यांग क्रिकेटर राजेंद्र सिंह धामी मनरेगा में पत्थर तोड़कर परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हैं। धामी दिव्यांग क्रिकेट टीम के कैप्टन भी रह चुके हैं। वे कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत को जीत भी दिला चुके हैं। इसके बावजूद इस दिव्यांग क्रिकेटर को आज तक सरकार ने कोई मदद नहीं दी है। मूलरूप से दिव्यांग क्रिकेटर राजेंद्र धामी कनालीछीना विकासखंड के ख्वाकोट में रैकोट निवासी हैं। धामी पिछले कई सालों से जीर्णशीर्ण घर में रह रहे हैं। उनका कहना है कि पीएम आवास योजना के तहत वह कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से घर दिलाने की गुहार लगा चुके हैं।
इसके बाद भी आज तक उन्हें आवास नहीं मिल पाया है। उनका घर पूरी तरह खराब हो चुका है जो कभी भी ध्वस्त हो सकता है। राजेंद्र धामी ने बताया कि आवास दिलाने को लेकर उन्होंने क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षक से भी गुहार लगाई, लेकिन उनका कहना है कि आपदा में मकान ध्वस्त होने के बाद ही उन्हें मकान दिलाया जा सकता है। धामी का कहना है कि आपदा में मकान ध्वस्त हुआ तो उनका पूरा परिवार बेघर हो जाएगा। 
राजेंद्र रुद्रपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके है। इस प्रतियोगिता में वे भारतीय टीम के कैप्टन थे। इसमें भारत, नेपाल और बांग्लादेश की टीमों ने हिस्सा लिया था। इसमें बांग्लादेश ने फाइनल मुकाबला जीता था। प्रतियोगिता में भारतीय टीम उप विजेता रही थी।
धामी 2019 में काठमांडो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले चुके हैं। इसमें भारत, नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान की टीम ने हिस्सा लिया था। इसमें बांग्लादेश ने प्रतियोगिता जीती थी। भारत इसमें भी उप विजेता रहा था। राजेंद्र ने 2014 में बीएड किया और 2016 में उन्होंने एमए भी कर लिया।
वहीं, फिल्म अभिनेता सोनू सूद दिव्यांग क्रिकेटर राजेंद्र धामी की मदद को आगे आए हैं। उन्होंने धामी को 11 हजार रुपये की मदद की है। सामाजिक कार्यकर्ता अमन खड़ायत ने बताया कि सोनू सूद ने आगे भी मदद का आश्वासन दिया है। राजेंद्र ने मदद के लिए सोनू सूद का आभार जताया है।

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