शारीरिक शिक्षा का नायाब प्रकल्प है नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन

यहां खेल खेल में युवाओं के सपनों को लगाए जाते हैं पंख

श्रीप्रकाश शुक्ला

नोएडा। हर बड़ी कामयाबी की बुनियाद अक्सर एक छोटा सपना होती है। जब धीरे-धीरे सपनों का विस्तार होता है तो उन्हें साकार करने के लिए लम्बी उड़ानों की जरूरत होती है। भारत युवाओं से समृद्ध देश है, यहां की युवा तरुणाई को बेहतर करियर के साथ बेहतर जिन्दगी कैसे दी जाए यही नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन का मुख्य उद्देश्य है। नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन नोएडा की योजनाएं, विविध पाठ्यक्रम, सुयोग्य प्राध्यापक, शांतप्रिय वातावरण और साल भर चलने वाली खेल गतिविधियां बरबस ही युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

शारीरिक शिक्षा की जहां तक बात है, आजादी के बाद से इसमें काफी विस्तार हुआ है। महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ने के साथ ही शारीरिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में भी अच्छी खासी वृद्धि हुई है, बावजूद इसमें अभी और सुधार की जरूरत है। नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन के निदेशक डा. सुशील कुमार राजपूत ने शारीरिक शिक्षा की कमियों को न केवल   शिद्दत से महसूस किया बल्कि ऐसे पाठ्यक्रमों का चयन किया जिनमें दक्षता हासिल कर युवा पीढ़ी अपने सपनों को साकार कर सके। नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन का नयनाभिराम परिसर जवाहर नवोदय विद्यालय रोड, धूम गांव मानिकपुर, जिला गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में स्थित है।

व्यक्ति और समाज के अभ्युदय के लिए बौद्धिक विकास से भी अधिक महत्वपूर्ण चरित्र निर्माण होता है, नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन के युवा निदेशक डा. राजपूत युवाओं के चरित्र निर्माण को प्रमुखता देते हुए उनके व्यक्तित्व विकास के लिए अभिनव प्रयास करते रहते हैं। छात्र-छात्राओं की शिक्षा में अभिरुचि को बढ़ावा देने के लिए यहां वर्ष भर खेल एवं अन्य गतिविधियां होती रहती हैं। इससे न केवल सद्भाव का वातावरण बनता है बल्कि छात्र-छात्राओं को घर जैसा माहौल भी मिलता है। डा. राजपूत का उद्देश्य छात्र-छात्राओं के अर्जित ज्ञान के स्तर को प्रमाणित कर डिग्रियां देना भर ही नहीं है बल्कि उनका सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास करना प्रमुख ध्येय है।

देश में खराब शारीरिक शिक्षा की स्थिति को देखते हुए ही डा. सुशील कुमार राजपूत ने नोएडा में खेल खेल में शारीरिक शिक्षा के समुन्नत विकास का खाका खींचा है। उन्होंने संस्थान को सुव्यवस्थित रूप से चलाने की जवाबदेही डा. आशुतोष राय को सौंपी है। नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन में युवाओं के स्वर्णिम करियर को लेकर कई सारे विकल्पों पर ध्यान दिया गया है। यहां छात्र-छात्राओं की क्रिएटिविटी के साथ उनमें खेलों की ऐसी समझ पैदा करने की कोशिश की जाती है ताकि वे शिक्षा पूरी करने के बाद देश-दुनिया के किसी कोने में आसानी से अपना करियर संवार सकें। अतीत में खेलों को लेकर जो भी विचार रहे हों आज खेल और शारीरिक शिक्षा युवा पीढ़ी के स्वर्णिम करियर का सबसे बेहतर विकल्प है। आज का खिलाड़ी किसी परिचय का मोहताज नहीं है। नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन संस्थान अब तक कई नामचीन खिलाड़ियों का भी भाग्य-विधाता साबित हो चुका है। इन खिलाड़ियों में ओलम्पिक में भारत को दो पदक दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार, भारतीय महिला कुश्ती की प्रशिक्षक रहीं अलका तोमर, मधु दिव्या काकरान आदि शामिल हैं।

विभागाध्यक्ष फिजिकल एज्यूकेशन डा. आशुतोष राय का कहना है कि नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन नोएडा में युवा पीढ़ी के लिए शारीरिक शिक्षा के समुचित पाठ्यक्रमों के साथ ही हर खेल के बेहतरीन क्रीड़ांगन हैं। यहां कोई भी युवा प्रवेश लेकर न केवल खिलाड़ी के रूप में ख्याति अर्जित कर सकता है बल्कि शारीरिक शिक्षा की उच्च तालीम हासिल कर स्कूल-कालेज में एक स्पोर्ट्स टीचर के रूप में भी अपना करियर बना सकता है। डा. राय का कहना है कि आज न केवल सरकार बल्कि समाज भी खेलों के महत्व को स्वीकार कर चुका है। आज हर कॉलेज में स्पोर्ट्स टीचरों की जरूरत है तो खेलों में विशेषज्ञता हासिल कर युवा पीढ़ी जिम और ट्रेनिंग सेण्टर खोलकर अपने व्यवसाय को चार चांद लगा सकती है।

यह कोर्स हैं संचालित

नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन में तीन वर्षीय बीपीईएस (240 सीट), दो वर्षीय बीपीएड (150 सीट), दो वर्षीय एमपीईएस (120 सीट), दो वर्षीय एमपीएड (40 सीट), एक वर्ष का एमफिल (60 सीट), इंटर के बाद चार वर्षीय बीए-बीएड (50 सीट) तथा दो वर्षीय बीएड (200 सीट) पाठ्यक्रम संचालित हैं। यहां फिलवक्त 860 छात्र-छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमों में शानदार परिवेश में सुयोग्य प्राध्यापकों से शारीरिक शिक्षा की तालीम हासिल कर रहे हैं।

कौन-कौन से होते हैं खेल

नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्यूकेशन (एनसीपीई) के निदेशक डा. सुशील राजपूत का कहना है कि उनके कॉलेज से कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर चुके हैं। यहां न केवल छात्र-छात्राओं को शारीरिक शिक्षा की माकूल तालीम दी जाती है बल्कि उन्हें कुश्ती, कबड्डी, योगा, मार्शल आर्ट, जूडो, हैंडबॉल, वालीबाल, फुटबॉल, हॉकी, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स, क्रिकेट आदि खेलों के माध्यम से उन्हें खिलाड़ी के रूप में मादरेवतन का मान बढ़ाने का भी अवसर प्रदान किया जाता है।

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