टारगेटबाल खेल को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल करने की मांग

टारगेटबाल खेल सम्पूर्ण स्वदेशी भारतीय खेलः सोनू शर्मा

खेलपथ प्रतिनिधि

मथुरा। भारतीय टारगेटबाल एसोसिएशन के महासचिव सोनू शर्मा ने भारतीय खेल मंत्रालय से टारगेटबाल खेल को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल करने की मांग की है। श्री शर्मा जोकि इस खेल के जन्मदाता भी हैं इनका कहना है कि टारगेटबाल खेल सम्पूर्ण स्वदेशी भारतीय खेल है। यह खेल ब्रज क्षेत्र में प्राचीन समय से खेला जा रहा है लिहाजा इसे स्वदेशी खेलों की सूची में शामिल किया जाए ताकि इस खेल का उन्नयन समूचे देश में हो तथा इस खेल से जुड़े लाखों खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल हो सके।

टारगेटबाल खेल की जहां तक बात है इसकी शुरुआत अक्टूबर, 2012 में सोनू शर्मा द्वारा मथुरा (उत्तर प्रदेश) में की गई थी। इस खेल का प्रचार-प्रसार निरंतर भारतीय टारगेटबाल एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। टारगेटबाल खेल को स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इण्डिया व अखिल भारतीय विद्या भारती द्वारा 2016 में ही अपने खेल कलेण्डर में शामिल कर लिया गया था। इस खेल की उपलब्धि व लोकप्रियता को देखते हुए 2018 में इसे आल इण्डिया यूनिवर्सिटी खेलों में भी शामिल किया गया।

इस समय टारगेटबाल खेल भारत के 25 राज्यों में लोकप्रिय है। यह खेल भारत के अलावा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश व श्रीलंका में भी बड़ी शिद्दत से खेला जा रहा है। टारगेटबाल खेल की प्रतिवर्ष राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं लेकिन अभी तक इसे खेलो इंडिया यूथ गेम्स के साथ ही स्वदेशी खेलों की सूची में जगह नहीं मिली है। भारतीय टारगेटबाल एसोसिएशन के महासचिव सोनू शर्मा ने भारतीय खेल मंत्रालय से टारगेटबाल खेल को खेलो इंडिया यूथ गेम्स तथा स्वदेशी खेलों की सूची में शामिल करने का आग्रह किया है।

टारगेटबाल खेल से जुड़े लाखों खिलाड़ी भी चाहते हैं की इस खेल को चुनिंदा खेलों की सूची में शामिल किया जाए ताकि वे अपना कौशल राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों में दिखा सकें। गौरतलब है कि भारतीय खेल मंत्रालय कुछ चुनिंदा खेलों को खेलो इण्डिया यूथ गेम्स तथा स्वदेशी खेलों में शामिल कर उनका प्रचार-प्रसार कर रहा है। टारगेटबाल खेल को भी इसी तरह के प्रचार-प्रसार की जरूरत है। इस खेल से जुड़े अधिकांश खिलाड़ी चूंकि आर्थिक रूप से कमजोर घरों से ताल्लुक रखते हैं लिहाजा वह अपनी प्रतिभा राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर तक नहीं पहुँचा पाते। खेलप्रेमी खेल मंत्री किरेन रिजिजू से आग्रह है कि इस खेल को भी खेलो इंडिया यूथ गेम्स तथा स्वदेशी खेलों की सूची में शामिल किया जाए वरना यह भारतीय खेल भविष्य में समाप्त हो जाएगा और लाखों खिलाड़ियों की वर्षों की मेहनत बेकार चली जाएगी।

रिलेटेड पोस्ट्स