...तो क्या अब लगेंगे गोल्डन गर्ल सपना के सपनों को पंख?

झारखण्ड की बिटिया ने जीते नेशनल-इंटरनेशनल स्तर पर 11 मेडल

दक्षिण एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में जीता 100 मीटर हर्डल का स्वर्ण

श्रीप्रकाश शुक्ला

रांची। इन दिनों झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार राज्य के ख्यातिनाम खिलाड़ियों को नौकरी में सीधे प्रवेश देने और खिलाड़ी हितैषी नई खेलनीति बनाने का निर्णय को लेकर चर्चा में है। झारखण्ड में बेजोड़-मेहनती खेल प्रतिभाओं की लम्बी फेहरिश्त को देखते हुए उम्मीद बंधी है कि इस राज्य की बेहद प्रतिभाशाली सपना कुमारी जैसी अंतरराष्ट्रीय एथलीट बेटी के दिन अब बहुरेंगे। वह सरकार की मदद से न केवल जमकर अभ्यास करेगी बल्कि ओलम्पिक खेलने के अपने सपने को भी पंख लगा सकेगी।

भारतीय खेल प्राधिकरण के रांची सेण्टर में अपने प्रशिक्षक विनोद कुमार सिंह से 100 मीटर हर्डल रेस के गुर सीख रही सपना कुमारी की अब तक की सफलताएं इस बात का संकेत हैं कि वह एथलेटिक्स में झारखण्ड ही नहीं भारत का भविष्य है। गोल्डन गर्ल सपना कुमारी इस विधा में दक्षिण एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक के साथ राष्ट्रीय स्तर पर छह स्वर्ण तथा तीन रजत पदक जीत चुकी है। सपना की प्रतिभा का इस बात से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अब तक 13 मान्य एथलेटिक्स स्पर्धाओं में 11 पदक जीतने में सफल रही है।

13 अगस्त, 1999 को रामगढ़ निवासी प्रतिमा देवी-श्याम सुन्दर सिंह के घर जन्मी सपना कुमारी ने अपनी डिस्कर थ्रोवर बहन स्नेहा सिंह को देखकर एथलीट बनने का निर्णय लिया था। सपना अपनी दो बहनों और एक भाई में सबसे छोटी है। सपना के पिता श्याम सुन्दर सिंह रामगढ़ में टाटा की एक कम्पनी में कार्य करते थे। उन्होंने खेलों में अपनी बेटियों स्नेहा और सपना के सपनों को पंख लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्नेहा खेल छोड़ अब बीपीएड कर रही है तो सपना कुमारी अगला ओलम्पिक खेलने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण के रांची सेण्टर में जमकर पसीना बहा रही है। देखा जाए तो सपना की प्रतिभा और प्रदर्शन को देखते हुए ही इसे साई सेण्टर में प्रवेश मिला था।

दूरभाष पर खेलपथ से बातचीत करते हुए बीए तृतीय वर्ष की छात्रा सपना ने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण के रांची सेण्टर में रहने का उसका यह आखिरी साल है। पिताजी के सेवानिवृत्त होने के बाद उसकी सबसे बड़ी चिन्ता जाब हासिल करना और अपने खेल को जारी रखना है। सपना कुमारी के लिए 2018 साल काफी उपलब्धियों भरा रहा है। इस साल उसने फिनलैण्ड में हुई अण्डर-20 आईएएएफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप की 100 मीटर हर्डल रेस की हीट में पांचवां तो 18वीं एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में सातवां स्थान हासिल किया था। सपना को सबसे बड़ी उपलब्धि श्रीलंका में हुई दक्षिण एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक के रूप में मिली। झारखण्ड की इस बेटी ने इसी साल 16वीं फेडरेशन कप राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप तथा 22वीं फेडरेशन कप राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में जहां अपने शानदार प्रदर्शन से स्वर्णिम सफलता हासिल की थी वहीं मेंगलूर में हुई 79वीं आल इंडिया यूनिवर्सिटी का स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया था। सपना के शानदार प्रदर्शन की बलैयां लेते हुए तब झारखण्ड सरकार द्वारा उसे एक लाख की प्रोत्साहन राशि भेंटकर सम्मानित किया गया था, उसके बाद इस बेटी को कहीं से कोई मदद नहीं मिली।

सपना की प्रतिभा का 2016 में ही मूल्यांकन हो गया था। जब इस बिटिया ने कालीकट, केरला में हुई 13वीं नेशनल यूथ अण्डर-18 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप तथा 32वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में चांदी के पदक जीतकर अपने चमकीले भविष्य का संकेत दिया था। 2017 में सपना ने तीन नेशनल एथलेटिक्स स्पर्धाओं में हिस्सा लिया और तीनों में ही पदक जीते। सपना पुणे और विजयवाड़ा में स्वर्ण तो लखनऊ में रजत पदक जीतने में सफल रही। सपना लगातार तीन साल आल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी शिरकत करते हुए दो बार (2017 और 2018) चैम्पियन तो इस बार उपविजेता  रहने का गौरव हासिल कर चुकी है। सपना कुमारी का 100 मीटर हर्डल रेस में सबसे अच्छा समय 13.23 सेकेण्ड है, जोकि उसने इसी साल कर्नाटक में हुई आल इंडिया यूनिवर्सिटी में निकाला है।

घोषणा नहीं, अमल जरूरी

खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में सीधी नियुक्ति के देने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सपना कुमारी कहती हैं कि यह अच्छा फैसला है लेकिन तब जब इस पर संजीदगी से अमल हो। सपना कहती हैं कि झारखण्ड में हर खेल की प्रतिभाएं हैं लेकिन अब तक खिलाड़ियों को सिर्फ घोषणाओं से ही संतुष्ट होना पड़ी है। सरकार की कथनी और करनी में जब तक अंतर रहेगा खिलाड़ियों का भला नहीं होने वाला। सपना कहती हैं कि हर खिलाड़ी की तरह उनका सपना भी ओलम्पिक खेलना है। मुझे उम्मीद है कि झारखण्ड सरकार आर्थिक प्रोत्साहन देकर हमारा जरूर हौसला बढ़ाएगी।     

                  

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