जूडो में अरमान करेगा कानपुर के अरमान पूरे

पुणे में हुए खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में जीता था सिल्वल मेडल

खेलपथ प्रतिनिधि

कानपुर। अरमान सिद्दीकी कानपुर में जूडो का उभरता सितारा है। पिता दिलशाद सिद्दीकी से जूडो के गुर सीखने वाले अरमान ने पुणे में हुए दूसरे खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के 81 किलोग्राम भारवर्ग में चांदी का पदक जीतकर दिखा दिया था कि वह भविष्य में इस खेल में कानपुर के अरमान जरूर पूरे करेगा।

जूडो मार्शल आर्ट का ऐसा खेल है जिसमें अपने कौशल से न केवल आत्मरक्षा करनी होती है बल्कि प्रतिद्वंद्वी को बिना चोट पहुंचाए पराजित करना होता है। अरमान सिद्दीकी अब तक जूडो में राष्ट्रीय स्तर पर तीन रजत पदक जीतने के साथ राज्यस्तर पर स्वर्णिम सफलता हासिल कर चुका है। अरमान को यह खेल विरासत में मिला है। अरमान के पिता दिलशाद सिद्दीकी भी इस खेल के उस्ताद हैं। दिलशाद सिद्दीकी कानपुर जिला जूडो संघ के सचिव और उत्तर प्रदेश जूडो एसोसिएशन के संयुक्त सचिव हैं। अरमान ने अपने पिता से ही इस खेल के गुर सीखे हैं।

अरमान ने जूडो में अपना पहला पदक 2018 में जीता था। जालंधर (पंजाब) में हुई नेशनल-कैडेट जूडो प्रतियोगिता में अरमान सिद्दीकी ने 81 किलो भारवर्ग में अपने शानदार कौशल से रजत पदक पर कब्जा जमाया था। इसी तरह 2019 में पुणे में हुए दूसरे खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में इस प्रतिभाशाली जूडोका ने 81 किलो भारवर्ग में चांदी का पदक जीतकर अपने सुनहरे भविष्य के संकेत दे दिए थे। 2019 में ही अरमान ने इम्फाल (मणिपुर) में हुई सब-जूनियर कैडेट नेशनल जूडो चैम्पियनशिप के 90 किलो भारवर्ग में सिल्वर मेडल हासिल किया। 2020 में कानपुर में हुई जूनियर स्टेट जूडो चैम्पियनशिप के 90 किलो भारवर्ग में स्वर्णिम सफलता हासिल की। जूडोका अरमान में प्रतिभा के साथ कौशल भी है ऐसे में हम कह सकते हैं कि वह इस खेल में काफी शोहरत हासिल करेगा।

 

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