सचिन शुक्ला ने हैण्डबॉल में जमाई धाक

आर्मी टीम को दे चुके हैं प्रशिक्षण

मनीषा शुक्ला

इलाहाबाद। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हैण्डबॉल में जौहर दिखाने वाले इलाहाबाद के युवा सचिन शुक्ला आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आर्मी टीम को प्रशिक्षण दे चुके सचिन फिलहाल इस खेल को लोकप्रिय बनाने की दिशा में प्राणपण से जुटे हुए हैं। हैण्डबॉल का कैसा भी आयोजन हो सचिन शुक्ला अपना योगदान देने से पीछे नहीं हटते। इनका जुझारूपन ही इनके खेल की विशेषता है।

अंतरराष्ट्रीय हैण्डबॉल खिलाड़ी सचिन ने खेलपथ से बातचीत में बताया कि मुझे बचपन से ही खेलों से लगाव रहा है। मुझे इस खेल में लाने का श्रेय सुरेश कुमार और योगराज मिश्रा को जाता है। सचिन बताते हैं कि जब मैं नैनी में पढ़ता था तब इन्हीं लोगों ने मुझे हैण्डबॉल खेल में कौशल दिखाने को प्रेरित किया। श्री रणजीत पंडित इंटर कालेज के छात्र रहे सचिन शुक्ला हैण्डबॉल में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। इन्होंने 17 बार सब-जूनियर और जूनियर नेशनल, तीन बार फेडरेशन कप में अपने शानदार प्रदर्शन से खेलप्रेमियों की वाहवाही लूटी है। इनकी टीम दो बार कांस्य पदक जीतने में भी सफल रही है।

सचिन शुक्ला के पिता राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल और माता उर्मिला शुक्ला गृहणी हैं। सचिन कहते हैं कि माता-पिता के प्रोत्साहन बिना मैं अच्छा खिलाड़ी नहीं बन सकता था। जब भी मैं निराश होता मेरे पिता हौसला बढ़ाते और कहते कि खेल जारी रखो, मेहनत करो एक दिन सफलता तुम्हारे कदम जरूर चूमेगी। सचिन वेस्ट जोन हैण्डबॉल प्रतियोगिता में अपनी टीम को कांस्य पदक दिला चुके हैं। सात बार सीनियर नेशनल में प्रतिभागिता करने के साथ ही वह तीन बार वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

अपनी टीम को ईस्ट जोन चैम्पियन बनाने वाले सचिन शुक्ला ने आल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिभागिता की है। आल इंडिया यूनिवर्सिटी में इनकी टीम चौथे स्थान पर रही थी। सचिन हैण्डबॉल में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व बतौर गोलकीपर कर चुके हैं। यह नेशनल लेवल के आफीसियल भी हैं। अपने यहां तक के शानदार सफर के लिए सचिन शुक्ला अपने प्रशिक्षक कौशल दीक्षित, सुरेश कुमार तथा मुशर्रफ खान का दिल से आभार मानते हुए कहते हैं कि इन सबके प्रयासों और सुझावों से ही मैं यहां तक पहुंच सका।

सचिन कहते हैं कि हैण्डबॉल एक ऐसा खेल जिसे सभी खेल सकते हैं। भारत में इस खेल की सम्भावनाओं पर सचिन शुक्ला कहते हैं कि यह खेल काफी लोकप्रिय हो रहा है। सचिन कहते हैं कि इंडोर और एस्ट्रोटर्फ पर होने वाले इस खेल के लिए देश में सुविधाएं नहीं होने से भारतीय टीम हैण्डबॉल में ओलम्पिक नहीं खेल सकी। सचिन कहते हैं कि भारतीय हैण्डबॉल टीम एशियाड और इंटरनेशनल टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। सचिन कहते हैं कि अब सुविधाएं मिली हैं, इससे उम्मीद बंधी है कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर खेलेंगे। हमारे खिलाड़ी परिस्थितियों के अनुसार तालमेल बैठाने का प्रयास कर रहे हैं।

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