अभिषेक बाजपेयी खिलाड़ियों की कर रहे अनोखी सेवा

कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कर चुके है खिलाड़ियों की मदद

मनीषा शुक्ला

कानपुर। खेल और चोटों का चोली-दामन का रिश्ता है। आज तक कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं हुआ जिसे खेलों में चोट न लगी हो। खिलाड़ियों को चोटों से उबारने का काम सिर्फ एक कुशल फिजियोथेरेपिस्ट ही कर सकता है। कानपुर के युवा अभिषेक बाजपेयी वैसे तो हर किसी की मदद को हर पल तैयार रहते हैं लेकिन एक फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में इनका कोई जवाब नहीं है। श्री बाजपेयी अपनी इस काबिलियत से अब तक सैकड़ों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों तथा आमजन को लाभान्वित कर चुके हैं।

आज के युग में लोग बीमारी का इलाज करने के लिए दवाइयों का प्रयोग कम से कम करना चाहते हैं, जिसके चलते फिजियोथेरेपिस्ट की मांग में काफी इजाफा हुआ है। फिजियोथेरेपी फिजिकल थेरेपी का दूसरा नाम है। यह एक तेजी से उभरता क्षेत्र है जिसमें बीमारियों का उपचार दवाइयों को छोड़ व्यायाम द्वारा किया जाता है। यह चिकित्सा खेल के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। फिजियोथेरेपी वह विज्ञान है जिसमें शरीर के अंगों को दवाइयों के बिना ही ठीक ढंग से कार्य कराया जाता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट का मुख्य काम शारीरिक कामों का आकलन, मेंटीनेंस और रिस्टोरेशन करना है। फिजियोथेरेपिस्ट वाटर थेरेपी, मसाज आदि अनेक प्रक्रियाओं के द्वारा खिलाड़ियों का उपचार करता है।

कानपुर के युवा अभिषेक बाजपेयी एक काबिल फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में जाने जाते हैं। 2019 में सर्वश्रेष्ठ फिजियो का अवार्ड हासिल करने वाले अभिषेक बाजपेयी अपने स्कूल-कालेज के दिनों में बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार रहे हैं। अभिषेक बाजपेयी 2003-04 में स्टेट कबड्डी टीम के कप्तान रहे तो 2004-05 में जिलास्तरीय एथलेटिक्स चैम्पियन टीम के सदस्य होने का भी गौरव हासिल है। अभिषेक बाजपेयी 2007-08 में सीएसजेएमयू कानपुर यूनिवर्सिटी की (नार्थ जोन) खो-खो टीम की कप्तान भी कर चुके हैं। इन्हें 2008 में अपने कालेज की एथलेटिक्स टीम के कप्तान होने के साथ ही उत्तर प्रदेश टीम से प्रतिनिधित्व करने का भी मौका मिल चुका है। एक खिलाड़ी रहते ही अभिषेक बाजपेयी को फिजियो के महत्व के बारे में पता चला और इन्होंने इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने का निश्चय किया।     

श्री बाजपेयी ने वीएसएसडी कालेज कानपुर से स्नातकोत्तर उपाधि हासिल करने के बाद मास्टर आफ फिजियो (स्पोर्ट्स) की तालीम हासिल की। 2013 में एनएसएनआईएस (साई) हैल्थ एण्ड फिटनेस कोर्स करने के बाद श्री बाजपेयी खेलों और खिलाड़ियों के साथ समाज के अन्य शारीरिक पीड़ितों को फिजियो के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अभिषेक बाजपेयी फिजियो हपकिडो फेडरेशन आफ इंडिया से जुड़े हैं। यह फिजियो इन फ्यूचर हास्पिटल कानपुर, फिजियो रीजेंसी हास्पिटल कानपुर, इंडियन टीम फिजियो साउथ एशियन हपकिडो चैम्पियनशिप, इंडियन टीम फिजियो एशियन मार्टियाल आर्ट गेम्स, फिजियो इन हपकिडो फेडरेशन कप-2019, आठवीं फिजियो इन हपकिडो चैम्पियनशिप-2019-20, फिजियो इन सेकेण्ड ओपन आल इंडिया स्कूल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप-2019 आदि में भी अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे चुके हैं। खेलों और खिलाड़ियों की सेवाओं के लिए इन्हें कई राष्ट्रीय संगठनों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

एक कुशल फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में पहचान बना चुके अभिषेक बाजपेयी बताते हैं कि फिजियोथेरेपिस्ट का क्षेत्र बहुत बड़ा है। एक फिजियोथेरेपिस्ट को बातचीत करने की कला में माहिर होना आवश्यक है क्योंकि उसका काम लोगों से ही जुड़ा है। इसके अतिरिक्त एक अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट को धैर्यशील, लम्बे समय तक काम करने की आदत, अच्छी याददाश्त तथा लोगों को समझने की कला आनी चाहिए। वह कहते हैं मैंने यह क्षेत्र पैसा कमाने की बयाय सेवाभाव के लिए चुना है। मेरा प्रयास है कि इसके माध्यम से मैं खिलाड़ियों ही नहीं बल्कि अपने समाज की भी सेवा कर सकूं।

रिलेटेड पोस्ट्स