कानपुर में मदन गोपाल कर रहे युवा एथलीट तैयार

इनसे प्रशिक्षण हासिल एक दर्जन खिलाड़ी कर रहे राष्ट्रीय  स्तर पर कमाल

नूतन शुक्ला

कानपुर। कोरोना महामारी के चलते जहां लगभग दो महीनों से खेलों की सभी गतिविधियां ठप सी हैं और खिलाड़ी अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं। ऐसे नाजुक समय में कानपुर के ग्रीनपार्क मैदान में एथलीटों की नई पौध तैयार करने वाले प्रशिक्षक मदन गोपाल का इरादा देश को कुछ कामयाब खिलाड़ी देने का है। मदन गोपाल को अपने शिष्यों संजय पटेल, कुलदीप चौहान, हर्ष त्रिपाठी समेत लगभग एक दर्जन एथलीटों से भविष्य में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। मदन गोपाल देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाएं देने का न केवल सपना देखते हैं बल्कि दिन-रात कानपुर के ग्रीनपार्क में बालक-बालिकाओं की प्रतिभा को निखारते देखे जा सकते हैं।

कानपुर नौबस्ता के रहने वाले मदन गोपाल अपने समय के लम्बी दूरी के धावक रहे हैं। इनका बचपन से ही खेलों से विशेष लगाव रहा है। अपने बेटे के इस लगाव को नया आयाम देने की खातिर इनके पिता रामचंद्र ने अपनी तरफ से न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि हरमुमकिन सुविधाएं भी मयस्सर कराईं। हमारे देश में खिलाड़ियों के सपनों को पंख लगाने का काम सरकार से कहीं अधिक अभिभावक करते हैं। पिता रामचंद्र के प्रोत्साहन से मदन गोपाल ने 2003 में खेलों की शुरुआत की और एक साल की कड़ी मेहनत के बाद 2004 में ही इन्होंने अपनी प्रतिभा का जलवा दिखाना शुरू कर दिया।

मदन गोपाल की प्रतिभा को देखते हुए भारतीय खेल प्राधिकरण के विशेषज्ञों ने इनका चयन सैफई (इटावा) के साई हास्टल के लिए कर लिया। साई हास्टल में रहते हुए जांबाज मदन गोपाल ने अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मशक्कत की। मदन गोपाल ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत की बदौलत 10 बार जूनियर नेशनल के अण्डर-20 आयु वर्ग में कोई न कोई मेडल जरूर जीता है। खेलों से अनुराग रखने वाले लम्बी दूरी के धावक मदन गोपाल का सपना था कि वह भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करें लेकिन इसमें सफलता न मिलने के बाद इन्होंने नई पीढ़ी को एथलेटिक्स के गुर सिखाने का संकल्प लेकर बीपीएड और एनआईएस किया।

एनआईएस डिप्लोमा हासिल मदन गोपाल की मेहनत और लगन को देखते हुए 2012 में खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा इनका चयन कानपुर के ग्रीनपार्क में बतौर एथलेटिक्स कोच के लिए किया गया। मदन गोपाल लगभग आठ साल से एथलेटिक्स में कानपुर की प्रतिभाओं को न केवल जीत का गुरुमंत्र दे रहे हैं बल्कि उनमें हौसला भी पैदा कर रहे हैं। इनसे तालीम हासिल संजय पटेल, कुलदीप चौहान, हर्ष त्रिपाठी समेत लगभग एक दर्जन एथलीट फिलवक्त राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा रहे हैं। मदन गोपाल कहते हैं कि यह अभी शुरुआत है। हमारा सपना देश को ऐसे एथलीट देना है जोकि अपने प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत का दुनिया में नाम रोशन करें। मदन गोपाल का कहना है कि कानपुर में कई बेजोड़ प्रतिभाएं हैं जिनमें आने वाले समय में देश का प्रतिनिधित्व करने का हौसला है। हमें उम्मीद है कि यहां की प्रतिभाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक न एक दिन कानपुर का गौरव जरूर बढ़ाएंगी।

एथलेटिक्स प्रशिक्षक मदन गोपाल बताते हैं कि कोरोना महामारी और लाकडाउन के चलते खिलाड़ियों को पर्याप्त प्रशिक्षण का मौका नहीं मिल रहा है। अब गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद प्रतिभाएं फिर से कानपुर के ग्रीनपार्क में अपने कौशल निखार पाएंगी। ज्ञातव्य है कि एएफआई द्वारा खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर इस साल उन्हें प्रशिक्षण के लिए विदेश न भेजने का फैसला लिया गया है। इस बाबत भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन के अध्यक्ष आदिल सुमरीवाला ने खेलपथ को बताया कि हमारे लिए खेल से कहीं अधिक खिलाड़ियों की सुरक्षा है। मैं चाहता हूं कि हमारे एथलीट यहीं रहकर अपने खेल को निखारें क्योंकि हमारे यहां भी अच्छे प्रशिक्षकों की कमी नहीं है।

रिलेटेड पोस्ट्स