खेलों में दतिया की मां-बेटी ने फहराया परचम

नारी शक्ति आकांक्षा और प्रेक्षा को सलाम

खेलपथ प्रतिनिधि

दतिया। समाज महिलाओं को लेकर अपनी धारणा बदले। महिलाएं अब कमजोर, लाचार, अबला नहीं बल्कि राष्ट्र का गौरव हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी मेधा, साहस और कौशल से नई पटकथा लिख रही हैं। मध्य प्रदेश के दतिया जैसे छोटे से जिले में सुविधाएं बेशक कम हों लेकिन यहां की नारी शक्ति की रग-रग में बला की तेजी और कुछ कर गुजरने का जज्बा समाया हुआ है। भोपाल के तात्या टोपे नगर स्टेडियम में मां आकांक्षा रावत और उनकी बेटी प्रेक्षा रावत ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर नारी शक्ति का एक अद्भुत व नायाब उदाहरण पेश किया है।

मध्य प्रदेश शासन के प्रयासों से राजधानी भोपाल के तात्या टोपे नगर स्टेडियम में हुए राज्यस्तरीय गुरु नानक देव प्रांतीय ओलम्पिक खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता में दतिया की होनहार बेटी प्रेक्षा रावत ने ग्वालियर सम्भाग का प्रतिनिधित्व करते हुए जहां कांस्य पदक से अपना गला सजाया वहीं उनकी शिक्षक मां आकांक्षा रावत ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर एक नई मिसाल पेश की।

इन मुकाबलों की मैच रेफरी रश्मि मालवीय का कहना है कि बैडमिंटन में मां-बेटी का यह करिश्माई प्रदर्शन उन अभिभावकों के लिए संदेश है जोकि अपने बच्चों को खेलों में सहभागिता से दूर रखते हैं। दतिया की मां-बेटी के इस अद्भुत रिकॉर्ड की जितनी तारीफ की जाए कम है। बेटी क्लब दतिया की सर्वेसर्वा शिक्षिका आकांक्षा रावत समाज में बेटियों के प्रोत्साहन की दिशा में प्राणपण से लगी हुई हैं। सच कहें तो इनके पति संजय रावत भी खेलों की नायाब शख्सियत हैं। श्री रावत समाज को खेलों की तरफ न केवल प्रेरित करते हैं बल्कि अपनी पत्नी और बच्चों को भी खेलों में सहभागिता को लगातार प्रोत्साहित करते रहते हैं।    

समाज को आकांक्षा और प्रेक्षा की इस कामयाबी से प्रेरणा लेना होगा। शटलर प्रेक्षा रावत ने बैडमिंटन के गुर धार स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण के सेण्टर में हासिल किए हैं। कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा प्रेक्षा रावत इस समय दतिया महिला बाल विकास विभाग की ब्रांड एम्बेसडर भी हैं वहीं इनकी मां आकांक्षा रावत शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-दो पीताम्बरा पीठ विद्यालय में शिक्षिका के रूप में पदस्थ हैं। आकांक्षा रावत बेटियों के लिए सामाजिक कार्य करती हैं। बेटी क्लब दतिया संस्था उन बेटियों का सम्बल है जोकि समाज में कुछ नया कर रही हैं। बेटी क्लब दतिया का मूलमंत्र ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी खिलाओ है। आओ बेटी क्लब दतिया की जन्मदाता आकांक्षा रावत और उनकी बेटी प्रेक्षा के नायाब प्रदर्शन पर ताली पीटें और यह संकल्प लें कि हम भी अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों के लिए प्रेरित करेंगे।

रिलेटेड पोस्ट्स