हिसार की खेल नर्सरियों में मिला फर्जीवाड़ा

अफसरों को कम मिले खिलाड़ी, कोच भी गायब, 15 पर गिरी गाज

खेलपथ प्रतिनिधि

हिसार। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग की योजना के तहत करीब चार माह पूर्व हिसार जिले में विभिन्न खेलों की खोली गई 26 खेल नर्सरियों में से जांच के दौरान 11 में फर्जीवाड़ा मिला और फिर उनको बंद कर दिया गया। किसी खेल नर्सरी में खिलाड़ी पूरे नहीं मिले तो किसी में कोच ही नहीं मिला। बंद की गई खेल नर्सरियों में से सात लड़कियों की और चार लड़कों की हैं। अब हिसार में विभिन्न खेलों की 15 नर्सरियां ही बची है जिनमें बॉक्सिंग और वॉलीबॉल की एक भी खेल नर्सरी नहीं है।
खेल विभाग ने जून, 2016 में प्रत्येक जिलों में दस-दस खेल नर्सरियां खोलने का निर्णय लिया था और बाद में इनकी संख्याओं को बढ़ा दिया गया था। इसके तहत गत अगस्त, 2019 में हिसार जिले में विभिन्न खेलों की 16 खेल नर्सरियां खोली गई। इन खेल नर्सरियों को ग्रांट देने के लिए कागजातों को मुख्यालय भेजा गया हुआ है और उनकी जांच चल रही है जिसके कारण अभी तक इनको ग्रांट मिलनी शुरु नहीं हुई है। इसी दौरान खेल निदेशालय ने शक के आधार पर सभी जिला खेल अधिकारियों को खेल नर्सरियों का औचक निरीक्षण करने के आदेश दिए। इन्हीं आदेशों के तहत जिला खेल अधिकारी सतविंद्र गिल ने अपनी टीम के साथ विभिन्न खेल नर्सरियों का औचक निरीक्षण किया। जब खेल नर्सरी संचालकों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने खिलाड़ियों की संख्या पूरी करने के लिए दूसरे विद्यार्थियों को खड़ा कर दिया लेकिन टीम ने जब खिलाड़ियों का नाम लेकर हाजिरी ली तो पोल खुल गई। इसी प्रकार कुछ खेल नर्सरियों में तो कोच भी नहीं मिले। इसके बाद जिले की 11 खेल नर्सरियों को बंद कर दिया गया है और इस बारे में उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
ये है योजना : योजना के अनुसार हाई स्कूल व सीनियर सेकेंडरी स्कूल में यह खेल नर्सरियां खोली जाती है, जिनमें 8 से 19 साल के 25 खिलाडिय़ों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और यदि खिलाड़ियों की संख्या 25 से कम मिलती है तो नर्सरी बंद कर दी जाती है। स्कूल के चयनित खिलाड़ियों को को स्पोर्ट्स किट के अलावा 1500 (8 से 14 साल) से 2000 (15 से 19 साल) रुपये प्रतिमाह का वजीफा दिया जाता है जिसके लिए उनको एक माह में कम से कम 22 दिन खेलना जरूरी है। मान्यता प्राप्त डिप्लोमा होल्डर कोच को 25 हजार रुपये व सर्टिफिकेट कोर्स वाले कोच को 20 हजार रुपये प्रतिमाह के अलावा स्कूल को एक लाख रुपये प्रति वर्ष दिया जाता है।
इन पर हुई कार्रवाई
फर्जीवाड़े के आरोप में जो 11 खेल नर्सरियां बंद की गई है, उनमें 7 लड़कियों की व 4 लड़कों की खेल नर्सरी हैं। इनमें कबड्डी, खो-खो व बॉक्सिंग की दो-दो खेल नर्सरियां लड़कियों की व एक-एक लड़कों की बंद की गई हैं। लड़कियों की एक वालीबाल व लड़कों की एक हैंडबाल की नर्सरी भी बंद की गई है। कबड्डी व खो-खो की जो खेल नर्सरी बंद की गई है उनमें लड़कियों की खारा बरवाला व खासा महाजन की व लड़कों की उमरां की शामिल हैं। इसी प्रकार बॉक्सिंग की आदमपुर व सदलपुर की लड़कियों की व बास की लड़कों की जबकि आदमपुर में लड़कियों की वॉलीबॉल की व घिराय में लड़कों की हैंडबॉल की खेल नर्सरी बंद की गई है।
बॉक्सिंग नर्सरी नहीं
इस समय हैंडबॉल की 5, तीरंदाजी की 3, कुश्ती की दो खेल नर्सरियों के अलावा कबड्डी, खो-खो, टेबल टेनिस, बॉस्केटबॉल, फुटबॉल की एक-एक खेल नर्सरी जिले में है। बॉक्सिंग व वॉलीबॉल की एक भी खेल नर्सरी नहीं है।
इसलिए की बंद
जिला खेल अधिकारी सतविंद्र गिल ने बताया कि निदेशालय के आदेश पर खेल नर्सरियों का निरीक्षण किया गया जिनमें काफी फर्जीवाड़ा मिला। किसी नर्सरी में खिलाड़ी पूरे नहीं मिले तो किसी में कोच नहीं मिले, जिसके आधार पर 11 खेल नर्सरियों को बंद कर दिया गया है।

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