बबिता पटेल ने विश्व पुलिस खेलों में लगाया पदकों का चौका

सीआईएसएफ की हवलदार ने चार पदक जीतकर रचा इतिहास
खेलपथ संवाद
प्रयागराज। बर्मिंघम (अलाबामा, अमेरिका) में आयोजित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स 2025 में प्रयागराज के सोरांव तहसील के तिली का पूरा अब्दालपुर गांव की बेटी बबिता पटेल ने इतिहास रच दिया है। बबिता के खाते में चौथा पदक भी आ गया है।
अमेरिका में बबिता ने शानदार प्रदर्शन कर पूरे देश का नाम रोशन किया है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में हवलदार के पद पर तैनात बबिता ने इस प्रतियोगिता में चार पदक जीते, जिनमें तीन व्यक्तिगत और एक टीम पदक शामिल है।
बबिता ने 400 मीटर रिले रेस में अपनी टीम के साथ 52 सेकेंड में दौड़ पूरी कर कांस्य पदक हासिल किया। इस टीम इवेंट में चार सदस्य शामिल थे। इससे पहले, उन्होंने पोल वॉल्ट में 3.50 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक, हाई जंप में 1.30 मीटर की छलांग के साथ कांस्य और हेप्टाथलॉन में रजत पदक जीता। बबिता की इस उपलब्धि ने उनके गांव और पूरे जिले को गौरवान्वित किया है।
बबिता ने कहा, "यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। मेहनत और कोच घनश्याम यादव के मार्गदर्शन ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। मैं अपने देश और परिवार के लिए और पदक जीतना चाहती हूं।"
उनके पिता राम नेवाज पटेल ने भावुक होते हुए कहा, "बबिता ने हमारा और देश का मान बढ़ाया है। उसकी मेहनत और लगन देखकर हमें गर्व है।" मां सावित्री देवी ने कहा, "बेटी ने हमारे सपनों को सच कर दिखाया। उसकी सफलता हमारी खुशी है।"
कोच घनश्याम यादव ने बताया, "बबिता की प्रतिभा और अनुशासन असाधारण है। उसने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाई।" बबिता के भाई-बहन कमलेश पटेल, रवि पटेल और शुभम पटेल ने भी उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जताई।
बबिता की इस सफलता ने तिली का पूरा अब्दालपुर गांव में जश्न का माहौल बना दिया। ग्रामीणों ने उनके घर पहुंचकर बधाई दी और सोशल मीडिया पर उनकी उपलब्धियों की चर्चा जोरों पर है। बबिता की कहानी सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने वाली बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई है।