महाराष्ट्र की जोड़ी ने जीता 10 मीटर एयर राइफल का गोल्ड

बिहार की दिव्या श्री और रुद्र की शूटर जोड़ी ने किया कमाल

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: यूपी की जोड़ी को हराकर जीता कांस्य पदक

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज पर चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 मेंं महाराष्ट्र की शंभवी श्रवण क्षीरसागर और पार्थ राकेश माने की जोड़ी ने कर्नाटक की हृदया श्री कोंडूर और नारायण प्रणव वनीथा सुरेश की जोड़ी को 16-12 के अंतर से हराकर 10 मीटर एयर राइफल मिक्सड टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। जबकि बिहार की शूटर्स जोड़ी  दिव्या श्री और रुद्र प्रताप सिंह की जोड़ी ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उत्तर प्रदेश की अनन्या और अंश डबास की जोड़ी को 16-14 के बेहद रोमांचक मुकाबले में हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

यह जीत न केवल बिहार के खेल इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जोड़ती है, बल्कि राज्य के युवा खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को नई उड़ान भी देती है। 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम यूथ स्पर्धा में दोनों राज्यों की टीमेंं पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरीं। मुकाबले की शुरुआत से ही स्कोर बेहद करीबी रहा। पहले चार राउंड तक बिहार ने बढ़त बना ली थी, जहां यूपी की ओर से अनन्या का प्रदर्शन तकनीकी रूप से सधा हुआ था, वहीं अंश शुरुआत में दबाव में दिखे।

बिहार की ओर से दिव्या श्री का प्रदर्शन शुरू से ही बेहद स्थिर और प्रभावशाली रहा। पहले राउंड में उन्होंने 20.8 और फिर 20.3 और 20.5 का स्कोर दर्ज किया। उनकी निरंतरता ने टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई। रुद्र प्रताप ने चौथे राउंड से लय पकड़ी और 5वें से 15वें राउंड तक टीम को मजबूती से बनाए रखा।

एक समय स्कोर 13-13 पर बराबरी पर था लेकिन 14वें राउंड में बिहार ने बढ़त बना ली। यूपी टीम ने 14वें राउंड में 20.9 का स्कोर किया जबकि बिहार टीम का स्कोर 21.0 रहा। इस प्रकार बिहार टीम को 2 अंक मिले और स्कोर 15-13 हो गया। 15वें और आखिरी राउंड में यूपी को बराबरी के लिए 2 अंकों की जरूरत थी, लेकिन दोनों टीमों ने 20.6-20.6 का बराबर स्कोर किया। इस वजह से दोनों टीमों को 1-1 अंक प्राप्त हुआ। इस प्रकार बिहार टीम ने 16-14 से ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला जीत लिया। जैसे ही स्कोर स्क्रीन पर आया, बिहार टीम के कोच और सपोर्ट स्टाफ खुशी से झूम उठे।

बिहार टीम के कोच ने मैच के बाद कहा, यह जीत मेहनत, अनुशासन और मानसिक दृढ़ता का नतीजा है। दिव्या और रुद्र ने जिस तरह दबाव में प्रदर्शन किया, वो काबिले तारीफ है। ये बिहार के शूटिंग स्पोर्ट्स के लिए एक नई शुरुआत है। वहीं दिव्या श्री ने कहा कि “यह मेडल मेरे राज्य के हर उस खिलाड़ी को समर्पित है, जो कम संसाधनों में भी बड़े सपने देखतें हैं।” जबकि रुद्र प्रताप सिंह ने कहा कि “यूपी जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलना आसान नहीं था। शुरुआती राउंड्स में थोड़ा दबाव महसूस हुआ, लेकिन दिव्या की निरंतरता ने मेरा आत्मविश्वास लौटाया। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, हम एक टीम की तरह सोचने लगे। आखिरी पांच राउंड्स में मैंने सिर्फ एक बात याद रखी यह मौका बार-बार नहीं आता।” इस जीत ने साफ कर दिया है कि बिहार के युवा शूटर्स सिर्फ प्रतिभावान ही नहीं हैं, बल्कि पदक की दौड़ में भी सबसे आगे हैं। राज्य सरकार और खेल संघों से उम्मीद है कि इस जीत के बाद शूटिंग को लेकर ज़मीनी स्तर पर और निवेश होगा।

फाइनल मुकाबले में महाराष्ट्र की शंभवी श्रवण क्षीरसागर और पार्थ राकेश माने की जोड़ी ने कर्नाटक की हृदया श्री कोंडूर और नारायण प्रणव वनीथा सुरेश की टीम को 16-12 के अंतर से हराकर स्वर्ण पदक जीता। दोनों टीमों के बीच मुकाबला रोमांचक रहा लेकिन महाराष्ट्र की जोड़ी ने बेहतर संयम और सटीकता दिखाई।

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