और मुक्केबाज हितेश गुलिया ने लगा दी मेडलों की झड़ी

11 साल की उम्र में 55 किलो वजन था, वेट कम करने के लिए शुरू की बॉक्सिंग

खेलपथ संवाद

चंडीगढ़। 14 अक्टूबर 2014 को झज्जर के जिला स्टेडियम में वजन कम करने की मंशा से बॉक्सिंग रिंग में उतरे 11 वर्षीय बच्चे ने विश्व पटल पर देश और हरियाणा का नाम रोशन कर दिया है। झज्जर के गांव जहांगीरपुर निवासी 20 वर्षीय हितेश गुलिया ने ब्राजील में पहली बार आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारत के लिए 70 किलोग्राम भार वर्ग में पहला स्वर्ण पदक जीता है।

15 जनवरी 2022 को भारतीय नौसेना ज्वॉइन करने के बाद हितेश सर्विसेज की टीम के स्टार मुक्केबाज हैं। सेना में जाने से पहले हितेश के कोच रहे हितेश देसवाल ने बताया कि हितेश के पिता सत्यवान गुलिया पेशे से ठेकेदार हैं। हितेश अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। 11 वर्ष की उम्र में हितेश का वजन 55 किलोग्राम से ज्यादा था। इसी को कम करने की मंशा से पिता ने हितेश को उनकी निगरानी में बॉक्सिंग के रिंग में उतारा था। वर्ष 2014 में महर्षि दयानंद सरस्वती स्टेडियम झज्जर में हितेश ने मुक्केबाजी में अपना भविष्य संवारने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी।

कोच हितेश देसवाल ने बताया कि हितेश के रिंग में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने से उसके माता-पिता को भी प्रोत्साहन मिला। हितेश स्कूल नेशनल चैम्पियन और तीन बार स्टेट चैम्पियन भी रहे। वर्ष 2022 में नौसेना में भर्ती होने के बाद ऑल इंडिया सर्विसेज प्रतियोगिता में भाग लेकर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं व वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में पदक जीते हैं।

हितेश गुलिया की उपलब्धियां- 16 सितंबर 2018 में हरियाणा स्कूल स्टेट चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक, 19 नवंबर 2019 को अंडर-17 एसजीएफआई मिजोरम में रजत पदक, 18 सितंबर 2024 सर्विसेज राष्ट्रीय स्वर्ण पदक, 6 जनवरी 2025 को बरेली में स्वर्ण पदक।

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