भारतीय बैडमिंटन के लिए निराशाजनक रहा 2024

पेरिस ओलम्पिक से खाली हाथ लौटे थे खिलाड़ी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
क्रिकेट टीम के लिए साल 2024 जहां अच्छा रहा, वहीं भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को निराशा मिली। पेरिस ओलम्पिक में बैडमिंटन में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और इस स्पर्धा में खिलाड़ी एक भी पदक हासिल नहीं कर सके थे। यहां तक कि 2016 रियो ओलम्पिक और टोक्यो 2020 में पदक जीतने वाली महिला एकल खिलाड़ी पीवी सिंधू भी पदक नहीं जीत सकी थीं, जबकि पुरुष एकल में लक्ष्य सेन कांस्य पदक हासिल करने से चूक गए थे। 
सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की शानदार जोड़ी ने हालांकि भारतीय बैडमिंटन में एक अमिट छाप छोड़ी, लेकिन यह भारतीय जोड़ी भी पेरिस ओलंपिक से खाली हाथ लौटी। सात्विक और चिराग के लिए अच्छा और बुरा दोनों समय रहे क्योंकि यह जोड़ी चार फाइनल में पहुंची और दो खिताब जीते जिससे ऐतिहासिक ओलंपिक पदक की उम्मीद जगी। लेकिन पेरिस ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल से बाहर होने के साथ उनका अभियान निराशा में समाप्त हो गया था। 
एशियाई खेलों के चैंपियन ने फ्रेंच ओपन सुपर 750 और थाईलैंड सुपर 500 में खिताब जीतकर दुनिया की शीर्ष जोड़ियों में अपना दर्जा मजबूत किया। यह जोड़ी मलेशिया सुपर 1000 और इंडिया सुपर 750 में उपविजेता रही, लेकिन आठ साल में दूसरी दफा ओलंपिक जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया। 
पीवी सिंधू ने सैयद मोदी खिताब जीतकर सूखा समाप्त किया 
भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू के लिए साल निराशाजनक रहा। उन्होंने अपने कोचिंग स्टाफ में कई बदलाव किए और महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग के लिए बंगलूरु चली गईं। लेकिन उनका टूर्नामेंट के शुरूआत में बाहर होना जारी रहा जिससे उनकी फॉर्म और फिटनेस से संघर्ष उजागर हुआ। वह मलेशिया मास्टर्स के फाइनल में पहुंची लेकिन तीसरा ओलंपिक पदक जीतने का सपना प्री क्वार्टर फाइनल में मिली हार से खत्म हो गया। हालांकि इस 29 साल की खिलाड़ी ने अपना सत्र सैयद मोदी इंटरनेशनल खिताब जीतकर समाप्त किया और वह इस महीने के अंत में परिणय सूत्र में बंधने के लिए तैयार हैं।
लक्ष्य सेन के लिए यह बहुत करीब और फिर भी दूर का मामला रहा। वह पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए उम्मीद की किरण थे। साल की शुरुआत में फ्रेंच ओपन और ऑल इंग्लैंड चैंपियंस के सेमीफाइनल तक के सफर ने उनकी खराब फॉर्म से वापसी कराई और पहले ओलंपिक पदक के सपने को जगा दिया। हालांकि, वह ओलंपिक में कांस्य पदक मैच में हार गए, लेकिन उन्होंने सैयद मोदी इंटरनेशनल में खिताबी जीत से सत्र का समापन किया।

 

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