देश ने किया अपने हॉकी नायकों का स्वागत

खेल मंत्री ने कहा- पूरे देश को आपकी उपलब्धि पर गर्व
यूं ही हॉकी से प्यार करते रहें और हमारा सहयोग करते रहें
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्यों का शनिवार सुबह पेरिस से यहां पहुंचने पर सैकड़ों खेलप्रेमियों ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि इस स्वागत से टीम अभिभूत है। उन्होंने कहा, ‘यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि भारतीय प्रशंसक हमारे स्वागत के लिये यहां आये। हॉकी के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
इस प्यार से हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। हम हर बार पदक जीतकर लौटने की कोशिश करेंगे।’ भारतीय हॉकी की दीवार गोलकीपर पीआर श्रीजेश, अमित रोहिदास, राजकुमार पाल, अभिषेक, सुखजीत सिंह और संजय ओलम्पिक के समापन समारोह के बाद लौटेंगे।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने हॉकी टीम को सम्मानित किया और उनकी दृढ़ता, टीम वर्क व अदम्य जज्बे की सराहना की। मांडविया ने कहा, ‘पूरे देश को आपकी उपलब्धि पर गर्व है। आपने भारत को बहुत गौरव दिलाया है और लाखों युवा एथलीटों को अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित किया है।’ केंद्रीय मंत्री ने कोचिंग स्टाफ और सहयोगी टीम के अथक प्रयासों की भी सराहना की।
भारतीय टीम ने बृहस्पतिवार को स्पेन को कांस्य पदक मुकाबले में 2-1 से हराकर हॉकी में 13वां ओलम्पिक पदक जीता था। टीम के स्वदेश वापस लौटने पर शनिवार को कप्तान हरमनप्रीत सिंह और टीम का फूल मालाओं और ढोल ताशे के साथ इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया।
कांस्य पदक के मैच में दोनों गोल करने वाले हरमनप्रीत ने मीडिया से कहा,‘‘ हमें पूरा सहयोग मिला और हमारी सारी जरूरतें पूरी की गईं। हम धन्यवाद देना चाहते हैं।” उन्होंने कहा,‘‘ हॉकी के लिये यह बड़ी उपलब्धि है। इस प्यार से हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। हम हर बार पदक जीतकर लौटने की कोशिश करेंगे।” हरमनप्रीत ने पेरिस ओलम्पिक में सर्वाधिक 10 गोल दागे। उन्होंने कहा कि इस स्वागत से टीम अभिभूत है। उन्होंने कहा,‘‘ यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि भारतीय प्रशंसक हमारे स्वागत के लिये यहां आये। टीम ने ओलम्पिक की तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी और यह देखकर खुशी हुई कि हमारी मेहनत रंग लाई और हमारी जीत का जश्न पूरा देश मना रहा है।”
भारत ने पेरिस ओलम्पिक में ग्रुप चरण में आस्ट्रेलिया को 3-2 से हराया और म्युनिख ओलम्पिक 1972 के बाद ओलम्पिक में आस्ट्रेलिया पर यह पहली जीत थी। इसके अलावा क्वार्टर फाइनल में श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन से ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से मात दी। भारतीय उप कप्तान हार्दिक सिंह ने कहा,‘‘ खिलाड़ियों को एक दूसरे पर अटूट विश्वास था कि एक गलती करेगा तो दूसरा संभाल लेगा। इसी से हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके।’ उन्होंने कहा ,‘‘ ब्रिटेन के खिलाफ मैच में हमने बहुत अच्छा खेला। मिडफील्ड, डिफेंस, फॉरवर्ड सभी में कमाल का तालमेल था और कोई विफल रहता तो हमारे पास श्रीजेश थे जिन्होंने कई बार हमें संकट से निकाला है।”
हरमनप्रीत ने कहा,‘‘ ये यादें हमारे साथ रहेंगी। कांस्य पदक ने साबित कर दिया कि भारतीय हॉकी सही राह पर है। अपना दिन होने पर हम किसी को भी हरा सकते हैं। हमें खुद पर भरोसे और भारतीय हॉकीप्रेमियों के साथ की जरूरत थी। मैं अनुरोध करूंगा कि यूं ही हॉकी से प्यार करते रहें और हमारा सहयोग करते रहें।”