चार्जशीट में मंत्री संदीप सिंह पर बड़ा खुलासा

मंत्री के चंगुल से भागी थी महिला कोच, आई थी सिर पर चोट 
अगली सुनवाई चंडीगढ़ कोर्ट में 16 सितम्बर को होगी
खेलपथ संवाद
चण्डीगढ़।
हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की महिला कोच के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में दायर चार्जशीट में कई अहम खुलासे हुए हैं। चार्जशीट में यह खुलासा हुआ है कि मंत्री संदीप सिंह के चंगुल से भागते समय महिला कोच के सिर पर चोट लगी थी।
हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह पर महिला कोच द्वारा लगाये गये छेड़खानी के मामले में दायर चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। चार्जशीट में यह सामने आया है कि मंत्री के चंगुल से भागते समय महिला कोच के सिर में चोट लगी थी। चार्जशीट सामने आने पर मंत्री संदीप सिंह का जांच में सहयोग न करने और कई बयान झूठे और परस्पर विरोधी बयान पाए जाने का खुलासा हुआ है।
चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक संदीप सिंह ने अपने बयान में कहा कि पीड़िता ने इंस्टाग्राम पर दो मार्च 2022 और स्नैपचैट पर एक जुलाई 2022 को मिलने के लिए समय मांगा था। वहीं, स्टाफ के मुताबिक मंत्री ने पीड़िता को ऑफिस टाइम में न बुलाकर केबिन के नजदीक बने निजी रूप से मिलने बुलाया था। पुलिस के मुताबिक इसे लेकर संदीप सिंह के विरोधाभासी बयान सामने आए। मामले में फंसे हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के बयान चार्जशीट में मौजूद तथ्यों से मेल नहीं खा रहे हैं।
वहीं, पुलिस के साथ क्राइम सीन का दौरा करने पर पीड़िता ने संदीप सिंह के ऑफिस, उसके साथ जुड़े कमरे, बेडरूम और इससे जुड़े रास्ते की भी पहचान की थी। जबकि मंत्री सरदार संदीप सिंह ने अपने दिए बयानों में केवल इतनी ही बात कबूली थी कि उसकी मुलाकात महिला जूनियर कोच से केवल ऑफिस में हुई थी, बेडरूम या केबिन में नहीं। वहीं, हरियाणा के तत्कालीन खेल निदेशक पंकज नैन के मुताबिक संदीप सिंह पीड़िता में खास दिलचस्पी दिखा रहे थे। मामले में आरोप तय करने को लेकर अगली सुनवाई चंडीगढ़ कोर्ट में 16 सितम्बर को है।
चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान पर कायम रही है। चार्जशीट के मुताबिक कई गवाहों ने पीड़िता के बयान का समर्थन भी किया है। सीएफएसएल से प्राप्त रिपोर्ट में कुछ चैट, वॉयस और कॉल रिकार्डिंग सामने आईं, जिनसे पता चला कि पीड़िता ने घटना की जानकारी घटना के तुरंत बाद कुछ लोगों को दी थी। वहीं, एफआईआर दर्ज होने से तीन दिन पहले 28 दिसंबर 2022 की एक कॉल रिकार्डिंग को लेकर संदीप सिंह ने चंडीगढ़ पुलिस के सामने माना कि उसमें पीड़िता और उसकी आवाज है। मंत्री के मुताबिक एक जुलाई 2022 को उनके सेक्टर-7 स्थित सरकारी आवास पर एक संतरी के अलावा तीन से चार सुरक्षाकर्मी और तीन से चार किचन स्टाफ/ कुक मौजूद थे।
जूनियर कोच की नियुक्ति में हुई थी देरी
चैट से इस बात की तस्दीक हुई कि संदीप सिंह ने पीड़िता को हरियाणा सरकार की ओएसपी पॉलिसी के तहत नियुक्ति में सहायता करने का ऑफर दिया था। जांच में ये भी पता चला कि जूनियर कोच की नियुक्ति में अनुचित देरी की गई। सीएफएसएल रिपोर्ट में कोच के मोबाइल फोन की जांच से पता चला है कि मंत्री और पीड़िता दोनों आपस में नियमित रूप से संपर्क में थे और उनका रिश्ता प्रोफेशनल बातचीत से आगे था। हालांकि संदीप सिंह ने इससे इंकार किया था। चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि चैट के स्क्रीनशॉट को लेकर संदीप सिंह ने झूठ बोला, जिससे प्रतीत होता है कि जांच के दौरान ईमानदार नहीं थे। चंडीगढ़ पुलिस को दिये अपने रिप्रेजेंटेशन में संदीप सिंह ने कहा कि वो पहली बार पीड़िता से मार्च-अप्रैल 2022 में पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में मिले थे, जबकि बयान में कहा कि मार्च में वो अपने घर पर पीड़िता से मिले थे।
पीड़िता की कई गवाहों से हुई चैट आया सामने
मंत्री ने ये भी कहा था कि पीड़िता ने उनके पीए से 31 दिसंबर 2021 को बात की थी, मगर बाद में पुलिस को दिए बयान में कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। संदीप सिंह ये भी नहीं बता पाए कि उन्होंने पीड़िता को मिलने के लिए ऑफिस टाइम छोड़कर देर शाम क्यों बुलाया था। चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता की कई गवाहों से हुई चैट से सामने आया है कि वो काफी मानसिक तनाव में थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि संदीप सिंह ने उसके लिए विपरीत माहौल पैदा कर दिया है। पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने उसका विश्वास जीतने के लिए उसकी नियुक्ति में मदद का प्रस्ताव दिया ताकि वो उससे यौन लाभ पा सके। पुलिस ने चार्जशीट में मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी के पीछे तर्क दिया है कि संबंधित घटनाक्रम और पुलिस शिकायत देने में छह महीने का अंतराल था इसलिए विस्तृत जांच जरूरी थी।
चार्जशीट में चंडीगढ़ पुलिस ने मामले में मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 और 509 के तहत मामला दर्ज किया था। चार्जशीट में चंडीगढ़ पुलिस की जांच में पाई गई पुख्ता जानकारियों के आधार पर पीड़िता और उनके वकील आरोप तय होने की प्रक्रिया के दौरान अटेम्प्ट टू रेप की धारा 376/511 शामिल करवाने की दलील कोर्ट के सामने रखेंगे।

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