प्रमोद कुमार लखानी मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित

वैश्विक मानव शांति विश्वविद्यालय, पुडुचेरी के प्रयासों की सराहना
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। 
शनिवार 27 मई को वैश्विक मानव शांति विश्वविद्यालय, पुडुचेरी द्वारा सामाजिक क्षेत्र में अपने कार्यों से नए प्रतिमान स्थापित करने वाली जानी-मानी शख्सियतों को मानद डॉक्टरेट उपाधि से नवाजा गया। यह गरिमामय उपाधियां डॉ. अम्बेडकर सभागार, आंध्र भवन, नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय दीक्षांत समारोह में प्रमोद कुमार लखानी आदि को प्रदान की गईं।
शख्सियतों को मानद उपाधियां मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री (भारत सरकार) डॉ. रामदास अठावले, विशिष्ट अतिथि के. संपत कुमार, आईएएस, पूर्व प्रधान सचिव तमिलनाडु, डॉ. विपिन गौर, जनरल सेक्रेटरी न्यूज पेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, न्यायाधीश के. वेंकटेशन, एमए, बीएल, कुलपति, जीएचपीयू और तमिलनाडु के पूर्व न्यायाधीश आदि के करकमलों से प्रदान की गईं। इस अवसर पर अन्य अतिथियों में डॉ. पी इम्मानुएल, जीएचपीयू के संस्थापक अध्यक्ष, डॉ. पीएमए हाकिम, दुबई से अंतरराष्ट्रीय जीएचपीयू, एम. जगन्नाथन, आईआरएस, पूर्व सहायक जीएसटी आयुक्त भी शामिल थे।
प्रमोद कुमार लखानी की जहां तक बात है उनकी नामांकन प्रोफाइल को विश्वविद्यालय द्वारा समाज के लिए उनकी चार दशकों की निरंतर सेवा के लिए आए कई आवेदनों में से चुना गया। मानव जाति की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, इस भाव से उनकी सराहना की गई। उन्हें एक मजबूत व्यक्तित्व वाले सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आंका गया। वह महत्वपूर्ण दिन उनके नाम में प्रत्यय लगाकर डॉ. उनके चार दशक के निःस्वार्थ सामाजिक कार्यों का सच्चा प्रोत्साहन है।
डॉ. प्रमोद कुमार लखानी एक उद्यमी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सामाजिक सेवा के लिए उनके जुनून ने उन्हें 4 दशकों से विभिन्न सामाजिक संगठनों का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. लखानी भद्रक के रोटरी क्लब के अध्यक्ष रहे,  वर्तमान में वह कोषाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।  वर्तमान में वह ओडिशा माहेश्वरी संगठन के उपाध्यक्ष हैं, वे कावड़िया संघ के संस्थापक अध्यक्ष और मारवाड़ी युवा मंच के सलाहकार भी हैं।
वह अपनी व्यक्तिगत क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को भोजन, शिक्षा, आश्रय, चिकित्सा, जल आदि मुहैया करा रहे हैं। राष्ट्रीय आपात स्थिति कोविड हो या बाढ़ या चक्रवात वह अपनी टीम के साथ अपने स्थानीय समाज के रक्षक हैं। वह वृक्षारोपण, साक्षरता, राष्ट्रवाद (कारगिल दिवस) और कई अन्य सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं।
वह वृक्षारोपण अभियान के लिए डालमियाज से "ग्रीन एम्बेसडर" पुरस्कार से भी नवाजे जा चुके हैं। मानव संबंध के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए इन्हें रोटरी सर्वोच्च पुरस्कार "शाइन" के रूप में "सहायक गवर्नर" और "पॉल हैरिस फेलो" पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है।

 

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